साल नहीं, अब सिर्फ 6 महीने में फैटी लिवर होगा गायब! आयुर्वेद के इन उपायों का करें इस्तेमाल, डॉक्टर्स भी हैरान

कोरबा. जहां आधुनिक चिकित्सा से निराश हो चुके लोगों के लिए आयुर्वेद एक नई उम्मीद बनकर उभरा है. वहीं कोरबा में एक बार फिर आयुर्वेद के चमत्कार ने सबको चौंका दिया है. सीएसईबी निवासी अमन कुमार ने सालों से जिस फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे थे, उसे आयुर्वेदिक उपचार से पूरी तरह मात दे दी है.

अमन कुमार ने बताया कि वे बीते लंबे समय से यकृत (लिवर) संबंधी समस्याओं से परेशान थे. सोनोग्राफी में उन्हें फैटी लिवर बताया गया था और ब्लड टेस्ट में बिलीरुबीन, एसजीपीटी, एसजीओटी का स्तर बढ़ा हुआ था. इसके चलते उन्हें अत्यधिक कमजोरी, गैस, एसिडिटी, भूख न लग्न, पाचन सही न होना और चक्कर जैसी कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. इस असाध्य लगने वाली बीमारी के इलाज के लिए उन्होंने कई बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं भी उन्हें संतोषजनक परिणाम नहीं मिल पा रहा था और उनकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी.

निराशा के भंवर में फँसे अमन को उनके एक मित्र ने आयुर्वेद अपनाने की सलाह दी. इस सलाह पर अमल करते हुए वे कोरबा के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक नाड़ीवैद्य डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा के पास पहुंचे.

नाड़ीवैद्य डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि जब अमन कुमार उनके पास आए, तो उनकी स्थिति काफी गंभीर थी. डॉ. शर्मा ने अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए अमन कुमार का प्रकृति परीक्षण किया और पाया कि मरीज की यकृत (लिवर) की कार्यप्रणाली बुरी तरह प्रभावित थी. इसी कारण से उन्हें वो सभी समस्याएं हो रही थीं. आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार, डॉ. शर्मा ने अमन को लिवर को साफ करने और उसे सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करने के लिए विशेष आयुर्वेदिक औषधियाँ दीं.इसके साथ ही, उन्हें कुछ विशिष्ट योगाभ्यास सुझाए और कड़े परहेज का पालन करने को कहा गया.

डॉ. शर्मा द्वारा निर्देशित औषधियों का नियमित सेवन, सुबह का योग अभ्यास और बताए गए परहेज का ईमानदारी से पालन करने का परिणाम यह रहा कि अमन कुमार को मात्र 15 दिनों के भीतर ही अपनी सेहत में अप्रत्याशित सुधार महसूस होने लगा.और छह माह तक लगातार औषधि सेवन के बाद उनकी कमजोरी, गैस, एसिडिटी, भूख न लगना, पाचन संबंधी सभी दिक्कतें समाप्त हो गईं. चौंकाने वाली बात यह है कि उनकी सोनोग्राफी रिपोर्ट में फैटी लिवर की समस्या पूरी तरह समाप्त हो गई और उनके बिलीरुबीन, एसजीपीटी, एसजीओटी जैसे सभी रक्त परीक्षण भी सामान्य आ गए.

नाड़ीवैद्य डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा ने लोगों में फैली एक बड़ी भ्रांति को दूर करते हुए कहा, ”यह चिकित्सा परिणाम यह स्पष्ट करता है कि आयुर्वेदिक दवा लिवर या किडनी को नुकसान नहीं पहुँचाती, बल्कि लिवर और किडनी को ठीक करती है, साथ ही उनसे संबंधित समस्याओं एवं रोगों को भी जड़ से दूर करती है.

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