पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose)
नाम से ही अंदाज़ा लग जाता है कि ये आसन गैस और कब्ज में कितना फायदेमंद है. इस योगासन से पेट में जमी गैस बाहर निकलती है और मल त्याग भी आसान होता है. इसे करने के लिए पीठ के बल लेटें, एक पैर मोड़कर छाती की ओर लाएं, दोनों हाथों से पकड़ें और कुछ सेकंड रुकें. फिर दूसरा पैर और अंत में दोनों पैरों के साथ दोहराएं. रोज़ाना 3-4 बार करें, फर्क खुद दिखेगा.
यह आरामदायक पोज़ शरीर को रिलैक्स करता है और साथ ही पाचन तंत्र को भी एक्टिव करता है. घुटनों के बल बैठें, झुकते हुए माथा ज़मीन से लगाएं और दोनों हाथ आगे की तरफ फैलाएं. यह आसन पेट पर हल्का दबाव डालता है, जिससे आंतों की मसाज होती है और कब्ज में राहत मिलती है.
पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend)
यह आसन कमर, रीढ़ और पेट – तीनों पर काम करता है. ज़मीन पर बैठें, दोनों पैर सामने फैलाएं और शरीर को आगे झुकाकर हाथों से पैरों को पकड़ने की कोशिश करें. इससे पेट की मांसपेशियां खिंचती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और आंतें एक्टिव होती हैं. शुरुआत में हल्के से करें, धीरे-धीरे प्रैक्टिस से लचीलापन आएगा.
बिल्ली और गाय की मुद्रा में आगे-पीछे झुकने से पेट के अंगों की मसाज होती है. यह आसन कब्ज दूर करने के साथ-साथ गैस, ऐंठन और एसिडिटी से भी राहत देता है. इसे सुबह खाली पेट करें और हर मूवमेंट के साथ सांसों का ध्यान रखें.
मलासन (Garland Pose)
यह देसी स्क्वैटिंग पोज़ है, जो मल त्याग को प्राकृतिक तरीके से आसान बनाता है. इस आसन में बैठने से कोलन सीधा हो जाता है और वेस्ट बाहर निकलने में रुकावट नहीं आती. यह शरीर को संतुलन भी देता है और हिप्स, जांघों को भी मजबूत करता है.
अगर आप रोज़ाना सिर्फ 15-20 मिनट इन आसनों को देंगे, तो कब्ज की शिकायत धीरे-धीरे दूर हो जाएगी. इन योगासनों से आपका पाचनतंत्र बेहतर होगा, गैस और ब्लोटिंग जैसी दिक्कतें भी कम होंगी. ध्यान रखें कि योग खाली पेट, शांत मन और नियमित रूप से किया जाए. बेहतर परिणाम के लिए शुरुआत में योग विशेषज्ञ की राय लेना फायदेमंद रहेगा.