जरूरत की खबर- समय से पहले सफेद हो रहे बाल: हो सकती है जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स की कमी, जानें हेल्दी बालों के लिए क्या खाएं

32 मिनट पहले

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समय से पहले बाल सफेद होने में जेनेटिक्स की भूमिका है, लेकिन कुछ विटामिन और मिनरल्स की कमी से ये प्रक्रिया तेज हो सकती है। इसलिए बैलेंस्ड डाइट से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के मुताबिक, दुनिया में हर साल लाखों लोगों को समय से पहले सफेद बालों की समस्या होती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, दुनिया के 25% से ज्यादा लोगों के बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं।

बालों के काला बने रहने के लिए मेलानिन नाम का पिगमेंट जरूरी है। अगर शरीर में विटामिन B12, D, B7, B5, कॉपर, जिंक और आयरन की कमी हो जाए, तो मेलानोसाइट्स (मेलानिन बनाने वाली सेल्स) कमजोर हो जाती हैं और बाल सफेद होने लगते हैं।

आज ‘जरूरत की खबर’ में प्रीमेच्योर ग्रेइंग की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • समय से पहले बाल सफेद क्यों होते हैं?
  • किस कमी से यह समस्या बढ़ती है?
  • हेल्दी डाइट से कैसे बचाव होगा?

एक्सपर्ट: डॉ. संदीप अरोड़ा, सीनियर कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, दिल्ली

सवाल: समय से पहले बाल सफेद होने का क्या मतलब है?

जवाब: अगर 20 या 30 की उम्र में ही बालों का असली रंग यानी काला रंग खोने लगता है तो इसे प्रीमेच्योर ग्रेइंग कहते हैं।

बालों का काला रंग मेलानिन नाम के पिगमेंट के कारण होता है, जो हेयर फॉलिकल्स में बनता है। उम्र बढ़ने के साथ मेलानिन बनना कम हो जाता है और बाल सफेद होने लगते हैं। अगर कम उम्र में ही ऐसा हो रहा है, तो शरीर में किसी गड़बड़ी या कमी का संकेत हो सकता है।

सवाल: बाल किन कारणों से सफेद होते हैं?

जवाब: बाल सफेद होने की मुख्य वजह जेनेटिक्स है। इसका मतलब है कि अगर किसी के पेरेंट्स के बाल जल्दी सफेद बाल हुए हैं, तो उस शख्स को प्रीमेच्योर ग्रेइंग का रिस्क ज्यादा है। इसके अलावा स्ट्रेस, स्मोकिंग और पॉल्यूशन भी वजह हो सकते हैं।

इसमें सबसे महत्वपूर्ण न्यूट्रिशनल डेफिशिएंसी है। विटामिन B12, D, B9, B7, B5, आयरन, कॉपर, जिंक और कैल्शियम की कमी से मेलानोसाइट्स कमजोर हो सकते हैं।

आजकल बच्चों और युवाओं की डाइट में फास्ट फूड ज्यादा होने से ये कमियां कॉमन हो गई हैं। कुल-मिलाकर, यह एक मल्टी-फैक्टर प्रॉब्लम है, लेकिन बैलेंस्ड डाइट से काफी हद तक फर्क पड़ता है।

सवाल: विटामिन B12 की कमी से क्या असर होता है?

जवाब: विटामिन B12 हमारा डीएनए बनाने और रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन में मदद करता है। इसकी कमी से हेयर फॉलिकल्स को जरूरी ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स नहीं मिलते, जिसके कारण मेलानिन कम बनता है। इसलिए बाल सफेद होने लगते हैं।

डॉ. संदीप अरोड़ा के मुताबिक, वेजिटेरियन या वीगन लोगों में यह कमी अक्सर देखने को मिलती है, क्योंकि B12 आमतौर पर एनिमल प्रोडक्ट्स में मिलता है।

इसकी कमी होने पर लोगों को अक्सर थकान महसूस होती है या जल्दी चीजें भूलने लगते हैं।

कमी को दूर करने के लिए क्या खाएं- विटामिन B12 आमतौर पर एनिमल प्रोडक्ट्स में मिलता है। इसलिए अंडे, दूध, चीज, फिश और फोर्टिफाइड सीरियल्स खाएं। डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।

सवाल: विटामिन D की कमी बालों को कैसे प्रभावित करती है?

जवाब: विटामिन D हेयर फॉलिकल्स की हेल्थ के लिए जरूरी है। इसकी कमी से मेलानिन प्रोडक्शन प्रभावित होता है और बाल समय से पहले सफेद हो सकते हैं। सन लाइट से मिलने वाला यह विटामिन आजकल की इंडोर लाइफस्टाइल से बहुत कम हो रहा है।

डॉ. संदीप अरोड़ा के मुताबिक, अगर आपकी स्किन रूखी है या हड्डियां कमजोर हो रही हैं तो विटामिन D की कमी हो सकती है। इसे पूरा करने के लिए रोज 15-20 मिनट सन लाइट में बिताएं।

कमी को दूर करने के लिए क्या खाएं- विटामिन D के लिए फिश, एग्स और फोर्टिफाइड मिल्क लें। डॉक्टर से कंसल्ट करके इसके लिए जरूर सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।

सवाल: विटामिन B7 और B5 बालों के लिए क्यों जरूरी हैं?

जवाब: विटामिन B7 यानी बायोटिन बालों की ग्रोथ और स्ट्रेंथ बढ़ाता है, जबकि B5 फॉलिकल्स को पोषण देता है और इन्हें सफेद होने से रोकता है। इनकी कमी से पहले बाल पतले और बेजान हो जाते हैं। इसके बाद सफेद होने लगते हैं।

डॉ. संदीप अरोड़ा कहते हैं कि विटामिन B5 लेने से कई बार बालों का रंग रिवर्स भी हो जाता है।

कमी को दूर करने के लिए क्या खाएं- इसके लिए नट्स, सीड्स, होल ग्रेन्स, सभी दालें और अंडे खाएं। ये न सिर्फ बालों को हेल्दी रखेंगे, बल्कि स्किन भी ग्लोइंग रहेगी।

सवाल: कॉपर, जिंक और आयरन की कमी बालों को कैसे प्रभावित करती है?

जवाब: कॉपर मेलानिन प्रोडक्शन में मदद करता है, जिंक टिश्यूज को रिपेयर करता है और बालों को हेल्दी बनाता है। आयरन बालों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए इनकी कमी होने पर बाल जल्दी सफेद हो जाते हैं।

डॉ. संदीप अरोड़ा कहते हैं कि प्रीमेच्योर ग्रेइंग वाले लोगों में अक्सर आयरन, कॉपर और कैल्शियम की कमी होती है।

कमी को दूर करने के लिए क्या खाएं- इनकी पूर्ति के लिए हरे पत्तों वाले साग, नट्स, सीड्स और बीन्स खाने चाहिए। ये मिनरल्स न सिर्फ बालों को प्रोटेक्ट करेंगे, बल्कि बॉडी को और स्ट्रॉन्ग बनाएंगे।

सवाल: प्रीमेच्योर ग्रेइंग के क्या लक्षण हैं?

जवाब: प्रीमेच्योर ग्रेइंग के लक्षण शुरुआत में बहुत हल्के होते हैं, कभी एक-दो सफेद बाल दिख सकते हैं। अगर यह न्यूट्रिएंट्स की कमी से हो रहा है तो इसके साथ थकान, हेयरफॉल, स्किन में रूखापन या नाखूनों में बदलाव दिख सकते हैं।

प्रीमेच्योर ग्रेइंग के लक्षण

  • बाल पतले और कमजोर हो रहे हैं।
  • बाल बहुत धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।
  • त्वचा रूखी और बेजान दिख रही है।
  • नाखून कमजोर हो रहे हैं, टूट रहे हैं।
  • तनाव बढ़ रहा है।
  • नींद नहीं पूरी हो पा रही है।
  • स्कैल्प रूखा और ड्राई महसूस होता है।
  • शरीर में ऊर्जा कम महसूस होती है।
  • अक्सर थकान रहती है।
  • कुछ बाल सफेद नजर आ रहे हैं।
  • दाढ़ी के रंग में बदलाव दिख रहा है।

सवाल: प्रीमेच्योर ग्रेइंग का इलाज क्या है?

जवाब: सफेद बालों को पूरी तरह रिवर्स नहीं किया जा सकता है, लेकिन न्यूट्रिएंट्स की कमी दूर करके इसकी स्पीड कम की जा सकती है। पहले ब्लड टेस्ट से डेफिशिएंसी चेक करवाएं। अगर न्यूट्रिएंट्स की कमी है, तो डॉक्टर की सलाह से जरूरी सप्लीमेंट्स लें। डाइट प्लान में जरूरी बदलाव करें।

ज्यादातर मामलों में लाइफस्टाइल में बदलाव से सुधार हो जाता है। इसके लिए हेल्दी डाइट, स्ट्रेस मैनेजमेंट और स्मोकिंग छोड़ना जरूरी है। अगर कारण जेनेटिक है तो थोड़ी मुश्किल होती है।

सवाल: प्रीमेच्योर ग्रेइंग से बचने के लिए डाइट में क्या बदलाव जरूरी है?

जवाब: भोजन में विटामिन और मिनरल्स से भरपूर फूड्स शामिल करें। रोज अंडे, दूध, नट्स, हरी सब्जियां और फल खाएं। ग्राफिक में देखिए, क्या खाएं, क्या न खाएं-

डॉ. संदीप अरोड़ा कहते हैं कि अगर आपको पता है कि न्यूट्रिएंट्स की कमी है। इसके बावजूद डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लीमेंट्स नहीं लेने चाहिए। इनके ओवरडोज से भी नुकसान हो सकते हैं।

सवाल: प्रीमेच्योर ग्रेइंग से बचने के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव जरूरी है?

जवाब: रोज 7-8 घंटे की भरपूर नींद लें और स्ट्रेस मैनेज करने के लिए योग, मेडिटेशन करें। आयरन, कॉपर, विटामिन B12 और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें। जंक फूड और स्मोकिंग से बचें, क्योंकि ये मेलेनिन बनने से रोकते हैं। ऐसे सभी जरूरी बदलाव ग्राफिक में देखिए।

सवाल: अगर इलाज न हो तो क्या मुश्किलें हो सकती हैं?

जवाब: सफेद हो रहे बाल किसी बीमारी या न्यूट्रिशन डेफिशिएंसी का इशारा भी हो सकता है। इसलिए इग्नोर करने पर प्रीमेच्योर ग्रेइंग के अलावा एनीमिया, थायरॉइड या इम्यून प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

डॉ. संदीप अरोड़ा कहते हैं कि अगर इलाज नहीं कराया गया तो हेयरफॉल या स्किन इश्यूज बढ़ सकते हैं। इसलिए लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलें।

डॉ. संदीप अरोड़ा कहते हैं कि अगर हम सतर्क रहें तो बाल सफेद होने की गति को धीमा करना आसान है। छोटी-छोटी आदतें जैसे हेल्दी खाना और स्ट्रेस मैनेज करने से बड़ी समस्या से बच सकते हैं।

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