जरूरत की खबर- सुपरमार्केट से न खरीदें ये चीजें: खाने से होतीं गंभीर बीमारियां, डॉक्टर से जानें हेल्दी ग्रॉसरी शॉपिंग के टिप्स

31 मिनट पहले

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जब आप सुपरमार्केट या ग्रॉसरी स्टोर में राशन लेने जाते हैं, तो सबसे पहले एंट्री गेट पर बड़े-बड़े पैकेट्स में नमकीन, बिस्किट, चॉकलेट और टॉफियां नजर आती हैं। इन पर आकर्षक ऑफर लगे होते हैं, जबकि जरूरत की चीजें जैसे आटा, दाल, चावल स्टोर में सबसे पीछे रखे होते हैं।

इसका मतलब साफ है कि बिजनेसमैन चाहते हैं कि आप स्वादिष्ट, लेकिन अनहेल्दी चीजें ज्यादा खरीदें। ये प्रोडक्ट्स सस्ते पड़ते हैं और इनकी शेल्फ लाइफ भी ज्यादा होती है, जिससे दुकानदारों को अच्छा मुनाफा मिलता है। ये इतनी लुभावनी होती हैं कि इन्हें बार-बार खाने का मन करता है, लेकिन ये धीरे-धीरे सेहत को डैमेज करती हैं।

ऐसे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स बार-बार खाने से ओबिसिटी, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां बढ़ती हैं। इनमें शुगर, नमक, अनहेल्दी फैट्स और केमिकल्स भरे होते हैं, जो गट हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं। बेहतर है कि ग्रॉसरी से ये चीजें कम खरीदें और प्राकृतिक, फ्रेश फूड्स को प्राथमिकता दें।

इसलिए ‘जरूरत की खबर’ में जानेंगे कि ग्रॉसरी स्टोर से क्या खरीदना नुकसानदायक है। साथ ही जानेंगे कि-

  • इन चीजों में क्या-क्या मिलाया जाता है?
  • इन्हें खाने से क्या नुकसान होते हैं?
  • कैसे स्मार्ट तरीके से शॉपिंग कर सकते हैं?

एक्सपर्ट: डॉ. हिमांशु भटेजा, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली

ग्रॉसरी स्टोर से न खरीदें ये 15 चीजें

ग्रॉसरी स्टोर में कुछ चीजें बाजार में हेल्दी बताकर बेची जाती हैं, लेकिन असल में ये सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। इनमें शुगर, नमक और प्रिजर्वेटिव्स भरे होते हैं जो गट हेल्थ खराब करते हैं और बीमारियां बढ़ाते हैं। ग्राफिक में देखिए इन 16 चीजों की लिस्ट-

अब जानते हैं कि इनमें क्या मिलाया जाता है, इन्हें क्यों न खाएं और इनका हमारी सेहत पर क्या असर होता है।

बिस्किट्स और कुकीज: मैदा, ट्रांस फैट्स, शुगर और आर्टिफिशियल फ्लेवर्स से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- ये ब्लड शुगर तेजी से बढ़ाते हैं।
  • असर- मोटापा, डायबिटीज और गट इरिटेशन बढ़ता है।

नमकीन, चिप्स, भुजिया: ज्यादा तेल, नमक, MSG और प्रिजर्वेटिव्स से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- ज्यादा नमक खाना नुकसानदायक है।
  • असर- हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां और ब्लोटिंग।

टॉफी और शुगर कैंडीज: हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, आर्टिफिशियल कलर्स, प्रिजर्वेटिव्स से बनती हैं।

  • क्यों न खाएं- दांत खराब करती हैं और शुगर एडिक्शन बढ़ाती हैं।
  • असर- इंसुलिन रेजिस्टेंस, बच्चों में हाइपरएक्टिविटी और वजन बढ़ना।

चॉकलेट्स: एक्स्ट्रा शुगर, मिल्क सॉलिड्स, हाइड्रोजनेटेड ऑयल्स से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- गट माइक्रोबायोम असंतुलित होता है।
  • असर- फैटी लिवर, ओबिसिटी और स्किन प्रॉब्लम।

सॉफ्ट ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स: कार्बोनेटेड शुगर, फॉस्फोरिक एसिड, कैफीन से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- हड्डियां कमजोर करते हैं।
  • असर- टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा और नींद में समस्या।

पैक्ड फ्रूट जूस: कंसंट्रेटेड शुगर, प्रिजर्वेटिव्स और इमल्सिफायर्स से बनते हैं, इनमें फाइबर नहीं होता है।

  • क्यों न पिएं- इसमें फलों का जूस नहीं होता है।
  • असर- ब्लड शुगर स्पाइक, इंसुलिन रेजिस्टेंस और फैटी लिवर।

इंस्टेंट नूडल्स और रिफाइंड पास्ता: मैदा, MSG, ज्यादा सोडियम और पाम ऑयल से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- गट लाइनिंग(पाचन तंत्र के भीतर एक परत) को इरिटेट करते हैं।
  • असर- मेटाबॉलिक सिंड्रोम, किडनी प्रॉब्लम और ब्लोटिंग।

फ्लेवर्ड योगर्ट्स और स्वीट डेयरी ड्रिंक्स: हिडन शुगर, आर्टिफिशियल फ्लेवर्स, स्टेबलाइजर्स से बनते हैं।

  • क्यों न लें- सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लैक्टोज इनटॉलरेंट लोगों के लिए ज्यादा नुकसानदायक।
  • असर- इंसुलिन रेजिस्टेंस, गट डिसबायोसिस और वजन बढ़ना।

फ्रोजन प्रोसेस्ड मीट: सोडियम नाइट्राइट, प्रिजर्वेटिव्स, अनहेल्दी फैट्स से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
  • असर- कोलोन कैंसर, हार्ट डिजीज और इंफ्लेमेशन।

ब्रेड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड: मैदा, शुगर, ट्रांस फैट्स से बनते हैं, न्यूट्रिशन नहीं होता है।

  • क्यों न खाएं- इंफ्लेमेशन बढ़ाते हैं।
  • असर- ब्लड शुगर स्पाइक, मोटापा और खराब गट हेल्थ ।

शुगरी ब्रेकफास्ट सीरियल्स: शुगर, आर्टिफिशियल विटामिन्स और फ्लेवर्स से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- बच्चों में शुगर एडिक्शन।
  • असर- बचपन में मोटापा, खराब मेटाबॉलिक हेल्थ और लो एनर्जी।

आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट्स: शुगर, इमल्सिफायर्स, हाइड्रोजनेटेड फैट्स से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- शुगर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं।
  • असर- गट माइक्रोबायोम खराब, स्किन प्रॉब्लम और मोटापा।

पैक्ड अचार और रेडी-टू-ईट चटनी: ज्यादा नमक, तेल, प्रिजर्वेटिव्स से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- पेट में जलन।
  • असर- हाई BP, ब्लोटिंग और पेट से जुड़ी समस्याएं।

मीठी चाय, दूध वाली कॉफी: मिल्क पाउडर, शुगर, हाइड्रोजनेटेड ऑयल्स से बनते हैं।

  • क्यों न लें- पैंक्रियाज पर स्ट्रेस।
  • असर- गट बैक्टीरिया डिस्टर्बेंस, डायबिटीज रिस्क और ओबिसिटी।

हेल्थ ड्रिंक्स (बच्चों के लिए): शुगर, आर्टिफिशियल विटामिन्स और फ्लेवर्स से बनते हैं।

  • क्यों न खाएं- ये न्यूट्रिशियस नहीं होते हैं।
  • असर- स्वीट एडिक्शन, वजन बढ़ना और मेटाबॉलिक डिस्टर्बेंस।

सवाल- ये चीजें क्यों इतनी हानिकारक हैं?

जवाब- ये सभी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स हैं, जिनमें फैक्ट्री में कई प्रोसेस के दौरान बहुत से केमिकल्स मिलाए जाते हैं। ये गट हेल्थ खराब करते हैं, क्योंकि इनमें फाइबर कम होता है और हानिकारक तत्व ज्यादा होते हैं। ऐसे फूड्स खाने से मोटापा, हार्ट डिजीज, कैंसर और डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।

सवाल- गलत ग्रॉसरी शॉपिंग से क्या समस्याएं होती हैं?

जवाब- बिस्किट, कैंडीज और चॉकलेट्स जैसी चीजें बार-बार खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं। ग्राफिक में देखिए, इससे होने वाले मुख्य कॉम्प्लिकेशन-

हेल्दी शॉपिंग के लिए टिप्स

जब ग्रॉसरी खरीदने जाएं तो स्टोर के पीछे वाले सेक्शन से शुरुआत करें, जहां फ्रेश चीजें रखी होती हैं। यहां आटा, दाल, चावल और सब्जियां मिलेंगी। ग्राफिक में देखिए मुख्य टिप्स-

इन चीजों से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और उनके जवाब

सवाल: क्या ग्रॉसरी स्टोर में आगे रखे बिस्किट-नमकीन वाकई इतने खराब हैं?

जवाब: हां, ये सब अल्ट्रा प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड हैं। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से मोटापे का रिस्क कई गुना ज्यादा हो जाता है। इससे हार्ट डिजीज और कैंसर का रिस्क भी बढ़ता है। इनमें फाइबर कम होता है या नहीं के बराबर होता है। केमिकल्स ज्यादा होते है, जो गट माइक्रोबायोम को असंतुलित कर देते हैं। कुल-मिलाकर कई बीमारियों को दावत देने जैसा है।

सवाल: बाजार में ये चीजें हेल्दी बताकर क्यों बेची जाती हैं?

जवाब: यह सब मार्केटिंग का हिस्सा है। पैक्ड जूस को विज्ञापन में 100% फ्रूट जूस की तरह दिखाया जाता है, लेकिन इसमें शुगर, इमल्सिफायर्स और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं। इन्हें पीने से फायदे की जगह नुकसान होता है।

सवाल: इनके हेल्दी विकल्प क्या हैं?

जवाब: बेहतर है कि ज्यादातर चीजें घर में तैयार करें। बाजार से फ्रूट जूस लाने की बजाय पूरा फल लेकर खाएं। ब्रेड की जगह होल ग्रेन्स लेकर, उसके आटे से रोटियां बनाएं। नमकीन की जगह नट्स और सीड्स लेकर उन्हें रोस्ट कर लें। इन्हें स्वाद से खाएं।

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