आंखों से निकल रहा कीचड़, जलन-खुजलाहट से जीना मुहाल, ये घरेलू ट्रिक रामबाण, इसके आगे बड़े-बड़े डॉक्टर बच्चा

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Eye care tips in rainy season : अक्सर बारिश के मौसम में आंखों में कीचड़ आने की समस्या बढ़ जाती है. बच्चों और बूढ़ों में ये दिक्कत ज्यादा देखी जाती है. समय पर इलाज जरूरी है. इलाज के साथ घरेलू तरीके भी फॉलों करें…और पढ़ें

चंदौली. आंखों में कीचड़ आना एक सामान्य लेकिन परेशान कर देने वाली समस्या है. मौसम में बदलाव के दौरान ये अक्सर देखी जाती है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इससे परेशान रहते हैं. कम ही लोग जानते हैं कि ऐसा होता क्यों है और इसे कैसे ठीक किया जाए, इस बारे में भी दुरुस्त जानकारी कम लोगों को होती है. इस बारे में लोकल ने चंदौली में चिकित्सक डॉ. रिद्धि पांडे से बातचीत की. डॉ. रिद्धि ने इस समस्या के कारणों, लक्षणों और घरेलू उपायों के बारे में विस्तार से बताया. डॉ. रिद्धि पांडे कहती हैं कि बारिश के मौसम में आंखों में कीचड़ आने की समस्या बढ़ जाती है. इसकी प्रमुख वजह मौसम की नमी होती है, जिसमें बैक्टीरिया और फंगस बहुत तेजी से पनपते हैं. बारिश के मौसम में गंदे पानी के संपर्क में आने या गंदे हाथों से आंखें छूने से संक्रमण फैल सकता है. यह संक्रमण आंखों में जलन, खुजली, पानी आना, लाली, सूजन और यहां तक कि बिलनी (आंखों में फुंसी) जैसी समस्याओं का कारण बनता है.

इस तरह रखें ध्यान

डॉ. रिद्धि के अनुसार, इस समस्या से बचाव के लिए सबसे जरूरी है साफ-सफाई. घर के आसपास पानी एकत्र न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों और बैक्टीरिया के पनपने की जगह बन सकता है. हमेशा हाथ धोकर ही आंखों को छूएं और आंखों की नियमित सफाई करें. गंदे हाथों से आंखें रगड़ने की आदत तुरंत छोड़ दें, क्योंकि इससे संक्रमण तेजी से फैलता है. फिर भी अगर आंखों में कीचड़ आना शुरू हो जाए, तो कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. सबसे पहले, आंखों को नम बनाए रखना जरूरी है. इसके लिए दिन में दो बार गुलाब जल की दो-दो बूंद आंखों में डालने की सलाह दी जाती है. गुलाब जल में प्राकृतिक ठंडक होती है, जो आंखों की जलन और खुजली को कम करती है.

डॉक्टर से पूछकर ही करें इनका सेवन

डॉ. रिद्धि ने बताया कि होम्योपैथी की कुछ दवाइयां भी इस स्थिति में लाभदायक हो सकती हैं, लेकिन इनका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें. ये दवाइयां सामान्यत: 30 पॉवर में ली जाती हैं और दिन में तीन बार सेवन करने की सलाह दी जाती है. कुछ आई ड्रॉप्स भी उपलब्ध हैं, जो आंखों की सफाई और संक्रमण रोकने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इनका भी उपयोग विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करना चाहिए.

बालों में तेल से क्या आंखों पर पड़ता असर?

डॉ. रिद्धि ने बताया कि बालों में तेल लगाने और आंखों की सेहत का कोई सीधा संबंध नहीं है, यह एक आम मिथक है. असली ध्यान आंखों की साफ-सफाई पर होना चाहिए. यह सुनिश्चित करें कि आंखों में धूल, मिट्टी या गंदा पानी न जाए. संक्षेप में कहा जाए तो मानसून के दौरान आंखों की विशेष देखभाल करना जरूरी है. थोड़ी सी लापरवाही आंखों में संक्रमण का कारण बन सकती है. नियमित सफाई, सावधानीपूर्वक व्यवहार और प्राकृतिक उपायों के सहारे हम इस आम समस्या से बच सकते हैं और आंखों की रोशनी को सुरक्षित रख सकते हैं.

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