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MP Weather Update Live: मध्य प्रदेश में बाद बादल कहर बनकर बरस रहे हैं. पूरे प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात हैं. वहीं, मौसम विभाग ने 31 जुलाई को और भी खतरनाक बताया है. जानें…
एमपी में बाढ़ जैसे हालात.
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी, लो प्रेशर एरिया और दो ट्रफ लाइनों के सक्रिय होने से प्रदेश में बारिश का दौर तेज हुआ है. इस सिस्टम के असर से 31 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है. मंगलवार को प्रदेश के 32 जिलों में बारिश हुई, जिससे कई जगहों पर रास्ते बंद हो गए और जनजीवन प्रभावित हुआ.
वहीं, रायसेन में मंगलवार को सिर्फ 9 घंटे में 4.5 इंच बारिश दर्ज की गई. भोपाल में 1.9 इंच, शाजापुर में 1.7 इंच, नरसिंहपुर और सागर में 1.2 इंच, जबकि नर्मदापुरम, धार, ग्वालियर और पचमढ़ी में करीब 1 इंच बारिश हुई. उज्जैन और श्योपुर में पौन इंच और इंदौर, शिवपुरी, जबलपुर में आधा इंच पानी गिरा. इसके अलावा बैतूल, खंडवा, रतलाम, छिंदवाड़ा, दमोह, मंडला, रीवा, बालाघाट, राजगढ़, अशोकनगर, गुना, सीहोर, मुरैना, देवास और आगर-मालवा में भी बारिश रिकॉर्ड की गई.
Narmadapuram News: नर्मदापुरम में बाढ़ जैसे हालात, खतरे के निशान के करीब नर्मदा
लगातार बारिश और डैमों से छोड़े जा रहे पानी के कारण नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. नर्मदापुरम सेठानी घाट पर नर्मदा का जलस्तर 962 फीट तक पहुंच गया है, जो खतरे के अलार्म लेवल 964 फीट से महज 2 फीट नीचे है. बरगी, बारना और तवा डैम से लगातार पानी छोड़े जाने और बारिश के चलते जिले के निचले तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं. नर्मदा समेत सभी नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे आसपास के गांवों और बस्तियों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने, नदी के किनारे न जाने और किसी भी तरह की अफवाह पर भरोसा न करने की अपील की है. हालात पर नजर रखने के लिए प्रशासन की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं.
Morena News: चंबल नदी में उफान, 91 गांवों में अलर्ट, 24 गांवों से संपर्क टूटा
कोटा बैराज से छोड़े गए पानी के चलते चंबल नदी में उफान आ गया है. नदी का जलस्तर खतरे के निशान 138.00 मीटर को पार कर 138.80 मीटर तक पहुंच गया है. इससे हालात और गंभीर हो गए हैं. प्रशासन ने जिले के 91 गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है. सबलगढ़ और अंबाह तहसील के करीब दो दर्जन गांवों का संपर्क मार्ग पानी में डूबने से बंद हो गया है, जिससे ये गांव चारों तरफ से घिर गए हैं. अगर चंबल नदी का जलस्तर 140 मीटर तक पहुंचता है, तो इसका असर मुरैना और जौरा तहसील के भी कुछ गांवों में दिखाई देगा. प्रशासन की टीम हालात पर नजर रखे हुए है और लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और बिना जरूरत नदी के आसपास न जाएं. ग्रामीणों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है.
Sheopur News: श्योपुर में बुरे हालात, सड़क पर बह रही नदी, घरों में पानी
जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. इससे लोग दहशत में हैं. श्योपुर जिला मुख्यालय के अलावा बड़ौदा और विजयपुर में रात भर पानी भरने से हालात और खराब हो गए. बड़ौदा नगर में अस्पताल, सड़कों और घरों में पानी घुस गया है, वहीं विजयपुर के बस स्टैंड और आसपास की दुकानों में भी पानी भर गया. अर्रोद गांव के कई घरों में क्वारी नदी का पानी घुसने से नुकसान की आशंका बढ़ गई है. श्योपुर से बारां और सवाईमाधोपुर जाने वाले रास्तों पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है. सुंडी और सांढ गांव टापू बन चुके हैं, जिससे वहां के लोगों का संपर्क जिले से कट गया है. रात भर प्रशासन अलर्ट पर रहा. कलेक्टर अर्पित वर्मा ने खुद कई इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया और लोगों से अपील की कि वे नदी-नालों के आसपास न जाएं और किसी भी तरह की अफवाह पर भरोसा न करें.
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