खंडवा संसदीय क्षेत्र के सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में बुधवार को आयोजित बैठक में उद्योगपतियों से मुलाकात कर बुरहानपुर में उद्योगों की संभावनाओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने टेक्सटाइल, केला, गन्ना, सोयाबीन, हल्दी, मक्का,
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सांसद पाटील ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार वर्ष 2025 को ‘उद्योग वर्ष’ के रूप में मना रही है, ऐसे में बुरहानपुर जैसे कृषि प्रधान जिलों में औद्योगिक निवेश से किसानों को सीधा लाभ होगा और स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
केले के उद्योग की बड़ी संभावनाएं बुरहानपुर जिला मध्य प्रदेश में केले का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र है, जहां से केले का निर्यात अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक होता है। केले के प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग जैसे चिप्स, पाउडर, प्यूरी यहां विकसित हो रहे हैं। साथ ही केले के रेशों से हस्तशिल्प और वस्त्र निर्माण जैसे नवाचार भी तेजी से उभर रहे हैं।
पावरलूम और रेडीमेड गारमेंट हब बनने की दिशा में अग्रसर पाटील ने बताया कि बुरहानपुर पावरलूम उद्योग का प्रमुख केंद्र है और यहां रेडीमेड कपड़ों का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। सरकार, निवेशकों और विदेशी भागीदारों के सहयोग से टेक्सटाइल सेक्टर को और ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।
अन्य कृषि उत्पादों पर आधारित उद्योगों की भी संभावनाएं सांसद ने कहा कि बुरहानपुर जिले में मुख्यतः केला और कपास की खेती होती है, लेकिन साथ ही सोयाबीन, ज्वार, मक्का, गेहूं और गन्ना भी बड़े पैमाने पर उत्पादित होते हैं। इन फसलों पर आधारित प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि बुरहानपुर को एक उभरते औद्योगिक हब के रूप में भी पहचान मिलेगी।
इस दौरान मध्यप्रदेश के अन्य सांसद भी मौजूद रहे।
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