पार्टी के दिग्गज नेताओं जयवर्धन सिंह, ओंकार सिंह मरकाम और प्रियव्रत सिंह को जिला अध्यक्ष बनाए जाने की सूचना खुद राहुल गांधी ने फोन कर दी. पार्टी का कहना है कि नेताओं की सहमति के बाद ही उनके नामों की घोषणा की गई. जानकारी ये भी सामने आई है कि कई और बड़े नेता और पूर्व मंत्रियों को भी दिल्ली से फोन गए थे, लेकिन कुछ नेताओं ने असमर्थता जताई.
नियुक्तियों को लेकर ‘सेटिंग‘ के आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने साफ कहा कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में मेरी कोई भूमिका नहीं है. ये नियुक्तियां प्रभारी के फीडबैक और रिपोर्ट के आधार पर हुई हैं.
आंतरिक विरोध पर पटवारी का बयान
कांग्रेस के भीतर दावेदारों के विरोध को लेकर भी पटवारी बोले. उन्होंने कहा- पार्टी के सभी सदस्य उचित फोरम पर अपनी बात रख सकते हैं. यह पूरी तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है.
जिला अध्यक्षों को लेकर चल रहे बवाल के बीच कांग्रेस ने बड़ा फैसला किया है. सोशल मीडिया साइट्स पर पार्टी के खिलाफ बयान बाजी और पोस्ट कर विरोध कर रहे नेताओं कार्यकर्ताओं को अल्टीमेटम भेजा है. 24 घंटे के अंदर पोस्ट डिलीट करें नहीं तो होगी कार्रवाई. संगठन प्रभारी संजय कामले का कहना है कि जिला अध्यक्षों की नियुक्तियां सबकी राय लेकर की गई हैं. पार्टी में डिसिप्लिन मेंटेन करने को लेकर कांग्रेस ने जारी की एडवाइजरी.
इन्हीं में एक नाम भोपाल के जुझारू और वरिष्ठ कार्यकर्ता मोनू सक्सेना का है, जो अब इस नियुक्ति प्रक्रिया के खिलाफ खुलकर विरोध में उतरने जा रहे हैं. मोनू सक्सेना ने शनिवार को सुबह 11:30 बजे गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है. उनका कहना है कि वे लंबे समय से भोपाल जिला अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार रहे हैं और संगठन को मजबूत करने में उनकी भूमिका को नजरअंदाज किया गया है. सक्सेना का आरोप है कि नियुक्ति प्रक्रिया में स्थानीय कार्यकर्ताओं की भावनाओं और संगठन के निचले स्तर के योगदानकर्ताओं को दरकिनार किया गया है.
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का दावा
दूसरी ओर, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कहना है कि संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों की नियुक्ति एक व्यापक विचार-विमर्श और क्षेत्रीय, जातीय एवं सामाजिक समीकरणों के आधार पर की गई है. कांग्रेस नेतृत्व का दावा है कि जिला अध्यक्षों की सूची तैयार करते समय स्थानीय कार्यकर्ताओं, नेताओं, आम जनता की पसंद, और सामाजिक संतुलन को पूरी प्राथमिकता दी गई है.
कांग्रेस में घोषित हुए जिलाध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस पार्टी में विरोध फूट पड़ा है. सोमवार की शाम कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी का पुतला जला दिया. चंबल कालोनी गेट के सामने एमएस रोड पर पुतला दहन करते हुए पार्टी नेता हरीश चौधरी व जीतू पटवारी के खिलाफ मुर्दाबाद की नारेबाजी की और पुतला फूंका. प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिलाध्यक्ष का चयन सही नहीं हुआ.
जातीय और सामाजिक समीकरणों के अनुसार नियुक्तियां:-
35 अध्यक्ष सामान्य वर्ग से
10 अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति (ST) से
4 महिलाएं
3 अध्यक्ष अल्पसंख्यक समुदाय से
कांग्रेस ने इन नियुक्तियों को संतुलित और समावेशी बताया है, जो आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र सामाजिक और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को मज़बूत करने की रणनीति का हिस्सा हैं.हालांकि, संगठनात्मक संतुलन और रणनीति के दावों के बावजूद, पार्टी के भीतर विरोध और नाराजगी सामने आ रही है, जिससे आने वाले दिनों में पार्टी के अंदरूनी समीकरण और चुनावी तैयारियों पर असर पड़ सकता है.
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