राजस्थान में लागू होगा ‘मदर-हब-स्पोक’ मॉडल, मुफ्त में होगी मरीजों की 145 जांच, 1512 अस्पतालों में मिलेगी सुविधा

जयपुर. राजस्थान में लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए लगातार सरकारी अस्पतालों में नए-नवाचार किए जा रहें हैं. जल्द ही अब राजस्थान के पीएचसी से लेकर डिस्पेंसरी तक सभी सरकारी अस्पतालों में लोगों 145 प्रकार की जांच की सुविधा मुफ्त मिलेगी. इससे पहले सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 101 प्रकार की जांच की सुविधा लोगों के लिए उपलब्ध थी, लेकिन अब ‘मदर-हब-स्पोक’ मॉडल के तरह लोगों को कैंसर, एचआईवी, सैक्सुअल डिजीज, हार्ट डिजीज और पेट की गंभीर बीमारियों जैसी तमाम बीमारियों की जांचों की सुविधा जल्द ही मिलेंगी.

राजस्थान 1512 अस्पतालों में जल्द ही मदर हब एवं स्पोक मॉडल लागू करने की तैयारी चल रही है, जिसमें इस मॉडल के तहत सभी जिलों में लोगों को फ्री जांच और अन्य चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी. इस मदर हब और स्पोक मॉडल को विशेष रूप से जांच की अलग-अलग सुविधाओं के अनुसार बनाया गया है. जिले की सबसे बड़ी इकाई को मदर लैब कहा गया है. उप-जिला स्तर की छोटी इकाई को हब और तहसील या ब्लॉक स्तर की सबसे छोटी इकाई को स्पोक कहा गया है.

145 तरह की मिलेगी जांच की सुविधा

राजस्थान में जल्द ही लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए मदर, हब एवं स्पोक मॉडल लागू होने वाला है, जिसमें जिला अस्पताल, उप-जिला अस्पताल, सैटेलाइट अस्पताल में लोगों को 145 तरह की जांचें कराने की सुविधा मिलेगी. साथ ही इस खास मॉडल में जांच के बाद मरीज को रिपोर्ट ऑनलाइन रूप से घर बैठे ही प्राप्त होगी. इस मॉडल के तहत राजस्थान में 42 मदर लैब, 135 हब लैब और 1335 स्पोक लैब तैयार की जाएंगी.

जन स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक मदर लैब एवं हब लैब में यूएसएफडीए, यूरोपियन सीई सर्टिफाइड उपकरण स्थापित किए जाएंगे. इन लैब में काम आने वाली सभी दवाएं और वर्कर सेवा प्रदाता कंपनी ही उपलब्ध करवाएगी. साथ ही सैंपल कलेक्शन से लेकर क्वालिटी चेक और रिपोर्टिंग तक सभी कार्यों का रिकॉर्ड नियमित रूप से ‘लेबोरेटरी इनफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम’ के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा. इस मॉडल के तहत लोगों को घर के नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और डिस्पेंसरी पर भी 15 की जगह 66 तरह की जांच मुफ्त कराने की सुविधा मिलेगी.

मदर, हब एवं स्पोक मॉडल में शामिल होगी ये जांच

राजस्थान में मदर, हब एवं स्पोक मॉडल की सुविधा शुरू होने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर बड़े अस्पतालों में कैंसर, कॉलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर, एचआईवी, सिकल सेल एनिमिया, डिप्थीरिया, थायराइड, गेस्ट्रिक प्रॉब्लम, यूरिन कम्प्लीट प्रोफाइल के अलावा किडनी और लिवर से जुड़े से जुड़ी सभी बीमारियों की जांच की सुविधा लोगों को मिलेगी. अभी वर्तमान समय में पीएचसी और डिस्पेंसरी में लोगों को खून की सामान्य जांच की सुविधा ही मिलती है, लेकिन  इस मॉडल के लागू होते ही लोगों को सबसे ज्यादा स्वास्थ्य लाभ मिलेगा. इस मॉडल के तहत जांच कराने वाले मरीजों को अपना मोबाइल नंबर देना होगा. उस मोबाइल नंबर को लैब संचालक ऑनलाइन रजिस्टर करेगा.

मरीज को मैसेज के जरिए मिलेगा लिंक

रिपोर्ट तैयार होने के बाद मरीज के मोबाइल पर मैसेज के जरिए लिंक मिलेगा.  जिसके बाद लोग ओटीपी डालकर अपनी रिपोर्ट निकाली सकेंगे. इसके अलावा लोग हॉस्पिटल की लैब में जाकर निर्धारित समय पर रिपोर्ट ले सकते हैं. राजस्थान में कुल 63 जिला अस्पताल, 107 उप जिला अस्पताल और 28 सैटेलाइट अस्पताल हैं. इसके अलावा 817 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, करीब 3000 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और 15, 294 सब सेन्टर हैं, जिनसे से 1512 अस्पतालों में इस मॉडल को शुरू किया जाएगा.

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