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Best Time To Workout For Weight Loss : यास्मिन कराचीवाला के अनुसार वर्कआउट का सबसे अच्छा समय वही है जिसे आप नियमित रूप से फॉलो कर सकें, चाहे सुबह हो या शाम, कंसिस्टेंसी और डेडिकेशन सबसे जरूरी हैं.
Best Time To Workout For Weight Loss: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में फिट रहना आसान नहीं है. काम, परिवार और सोशल लाइफ के बीच अपने लिए समय निकालना कई लोगों के लिए मुश्किल होता है. ऐसे में अक्सर यह सवाल उठता है कि वर्कआउट का सही समय क्या है – सुबह या शाम? क्या सुबह एक्सरसाइज करने से जल्दी वजन घटता है या शाम को करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं? इसी विषय पर बॉलीवुड की मशहूर सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर यास्मिन कराचीवाला ने अपने अनुभव साझा किए हैं.
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सुबह के वर्कआउट के फायदे-
यास्मिन के अनुसार, बहुत से लोगों को सुबह एक्सरसाइज करना पसंद होता है क्योंकि यह उनके शेड्यूल में आसानी से फिट हो जाता है. सुबह वर्कआउट करने से दिन की शुरुआत एनर्जी से भरी होती है और दिमाग भी फ्रेश महसूस करता है. साथ ही, खाली पेट हल्का कार्डियो या योगा करने से फैट बर्निंग तेजी से होती है. कई लोग मानते हैं कि मॉर्निंग एक्सरसाइज से दिनभर का मूड और फोकस बेहतर रहता है.
शाम के वर्कआउट के फायदे-
वहीं कुछ लोग शाम को वर्कआउट करना ज्यादा प्रभावी मानते हैं. यास्मिन बताती हैं कि शाम के समय शरीर पहले से गर्म रहता है और मांसपेशियां ज्यादा फ्लेक्सिबल होती हैं, जिससे एक्सरसाइज के दौरान चोट लगने की संभावना कम हो जाती है. इसके अलावा, दिनभर की थकान और स्ट्रेस को दूर करने के लिए शाम का वर्कआउट दिमाग को रिलैक्स करने में मदद करता है. जो लोग देर रात तक जागते हैं, उनके लिए शाम का समय ज्यादा सुविधाजनक रहता है.
डाइट और एनवायरनमेंट का भी है असर-
यास्मिन के मुताबिक, वर्कआउट टाइम चुनते वक्त यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आपका शरीर कब ज़्यादा एनर्जेटिक महसूस करता है. कुछ लोग खाली पेट एक्सरसाइज करना पसंद करते हैं जबकि कुछ हल्का खाना खाकर एक्सरसाइज करते हैं. साथ ही, माहौल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. किसी को भीड़भाड़ वाला जिम पसंद आता है तो किसी को शांत जगह पर एक्सरसाइज करना अच्छा लगता है.
यास्मिन ने कहा कि “वर्कआउट का सबसे अच्छा समय वो है जिसे आप लगातार फॉलो कर सकें.” उन्होंने बताया कि चाहे सुबह हो या शाम, अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं और उसे एंजॉय करते हैं, तो वही सबसे बेहतर समय है. उन्होंने कहा, “सबसे अच्छा समय वही है जब आप नियमित रह सकें और एक्सरसाइज का आनंद ले सकें. याद रखें, असली बात यह है कि आप समय पर पहुँचें और अपनी फिटनेस रूटीन को निभाते रहें, चाहे सुबह हो या शाम.”
फिटनेस का असली मतलब
यास्मिन की ट्रेनिंग फिलॉसफी यही है कि फिटनेस सिर्फ वजन घटाने या मसल्स टोन करने तक सीमित नहीं है. यह एक लाइफस्टाइल है जिसमें बैलेंस, फ्लेक्सिबिलिटी, पॉस्चर और स्टैमिना सब कुछ शामिल है. वह अपने क्लाइंट्स के शेड्यूल और बॉडी टाइप के अनुसार वर्कआउट रूटीन तैयार करती हैं ताकि वे लंबे समय तक फिट और मोटिवेटेड रह सकें.
सुनें अपने शरीर की आवाज-
अगर आप भी इस कंफ्यूजन में हैं कि सुबह एक्सरसाइज करें या शाम को, तो यास्मिन की सलाह आपके काम आएगी. खुद को मजबूर करने के बजाय अपने शरीर और लाइफस्टाइल को समझें. चाहे सुबह योग से दिन की शुरुआत करें या शाम को वेट ट्रेनिंग से दिन खत्म करें, फर्क सिर्फ एक चीज़ से पड़ता है, कंसिस्टेंसी और डेडिकेशन से. याद रखिए, फिटनेस का सफर टाइम से नहीं, निरंतरता से तय होता है.
मैंने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत दूरदर्शन से की, जिसके बाद दैनिक भास्कर सहित कई प्रमुख अख़बारों में मेनस्ट्रीम रिपोर्टर के तौर पर काम किया. हेल्थ, एजुकेशन, कला, सामाजिक मुद्दों जैसे विविध क्षेत्रों में रिप…और पढ़ें
मैंने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत दूरदर्शन से की, जिसके बाद दैनिक भास्कर सहित कई प्रमुख अख़बारों में मेनस्ट्रीम रिपोर्टर के तौर पर काम किया. हेल्थ, एजुकेशन, कला, सामाजिक मुद्दों जैसे विविध क्षेत्रों में रिप… और पढ़ें