मोबाइल, कंप्यूटर सब… 2029 वाली आफत 2025 में ही आ गई, धरती पर खतरे के संकेत?

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Science Shocking: धरती की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ रही है. वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर धरती की रफ्तार ऐसे ही बढ़ती रहे तो धरती के एक्चुअल टाइमिंग को सही करने के लिए ऋणात्मक लीप सेकंड की जरूरत पडे़गी. इसकी प्रभाव ध…और पढ़ें

धरती की रफ्तार बढ़ रही है.

Science Shocking: आपने सुना है कि धरती की रफ्तार बढ़ रही है. दरअसल, ये सच है. ये घटना 2029 में होने वाला था. मगर, वैज्ञानिकों ने पाया कि धरती की रफ्तार आज ज्यादा बढ़ गई है, जिसकी वजह से धरती पर समय यानी कि घड़ियों को संतुलन को बनाने के लिए ऋणात्मक लीप सेकंड की जरूरत पड़ेगी वरना धरती पर मौजूद तमाम गैजेट्स डिब्बा बन जाएंगे. वैज्ञानिकों ने बताया कि धरती के रफ्तार में तेजी की वजह से आज दिन और दिनों की तुलना में छोटा हो सकता है.

वैज्ञानिकों ने 2020 से पृथ्वी के घूर्णन में मामूली तेजी देखी है, जो हाल के इतिहास में छोटे दिनों की पहली निरंतर अवधि को मार्क करता है. वैज्ञानिकों ने कहा कि 9 जुलाई और 22 जुलाई को भी घूर्णन तेज था, और हमने क्रमशः लगभग 1.3 और 1.4 मिलीसेकेंड खो दिए. वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी की घूर्णन गति में तेजी की वजह से परमाणु घड़ियों के साथ समन्वय बनाना मुश्किल हो जाता है. इसके लिए एक ऋणात्मक लीप सेकंड जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है. परमाणु घड़ियां ही धरती पर सटीक टाइम की गणना करती हैं.

पहले ऋणात्मक लीप सेकेंड को जान लेते हैं-

लीप सेकेंड वह समय होता है, जो पूरी धरती के समय के गणना करने में मदद करती है. अगर, धरती की रफ्तार बढ़ जाती है तो वैज्ञानिक समय की गणना को ठीक करने के लिए एक लीप सेकेंड को बढ़ा देते हैं. अगर धरती की रफ्तार ऐसे ही बढ़ती रही और तो समय के तालमेल बैठाना काफी मुश्किल होता है. इसकी वजह से धरती पर गैजेट्स जैसे कि मोबाइल, टैबलेट लैपटॉप, कंप्यूटर और पावर ग्रिड के ठप होने की संभावना बढ़ जाती है.

धरती की गति पर निर्भर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नोलॉजी के समय और फ्रिक्वेंसी डिपार्टमेंट के फिजिसिस्ट जुडाह लेविन ने 2021 में डिस्कवर मैगज़ीन को बताया, लीप सेकंड की आवश्यकता की इस कमी की भविष्यवाणी नहीं की गई थी.’ पहले ये माना जा रहा था कि पृथ्वी की गति धीमी होती रहेगी और लीप सेकंड की आवश्यकता बनी रहेगी. मगर यह नया प्रभाव चौंकाने वाला है.

लीप सेकेंड की वजह से कंप्यूटिंग नेटवर्क और सॉफ़्टवेयर होंगे प्रभावित

वैज्ञानिकों का मानना है कि ऋणात्मक लीप सेकंड को लागू करना चुनौतीपूर्ण है. इससे वैश्विक समय-निर्धारण प्रणालियों में गड़बड़ी उत्पन्न हो सकता है. कंप्यूटिंग नेटवर्क और सॉफ्टवेयर में भी समायोजन करना आवश्यक है. इसकी वजह से सारा ऑनलाइन नेटवर्क ठप हो सकता है.

पृथ्वी तेजी से क्यों घूम रही है?

पृथ्वी की गति इतनी तेज रफ्तार से क्यों बढ़ रही है, इसकी जानकारी नहीं हो पाई है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह पृथ्वी के कोर या वायुमंडलीय सर्कुलेशन पैटर्न में बदलाव या फिर जलवायु परिवर्तन से संबंधित है. कुछ रिपोर्टों का दावा है कि पिघलते ग्लेशियरों से भार या द्रव्यमान (Mass Redistribution) में बदलाव की वजह से धरती की स्पीड प्रभावित हो रही है. एल नीनो और ला नीना घटनाएं भी धरती पर भार को प्रभावित करती हैं, जिसकी वजह से पृथ्वी की घूर्णन प्रभावित होती हैं.

Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व…और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व… और पढ़ें

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