सावन पूर्णिमा पर दीयों का चमत्कारी उपाय, ध्यान दें…कहां-कहां जलाने हैं

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Sawan Purnima Upay: इस साल सावन पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे के करीब शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे के करीब समाप्त होगी. चूंकि पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्‍नान करने का महत्‍व है, …और पढ़ें

उज्जैन. हिंदू धर्म में हर तिथि हर वार का अत्यधिक महत्व होता है. इसी प्रकार सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है. सावन माह को अत्यंत शुभ, पवित्र और ईश्वरीय ऊर्जा से भरपूर माना गया है. इस महीने का प्रत्येक दिन भगवान शिव की उपासना, रुद्राभिषेक और भक्ति भाव से परिपूर्ण होता है. साथ ही सावन का अंतिम दिन यानी सावन पूर्णिमा एक विशेष आध्यात्मिक अवसर होता है. यह केवल चंद्रमा की पूर्णता का उत्सव नहीं बल्कि आध्यात्मिक जागरण, कर्मों के परिशोधन और मनोकामनाओं की पूर्ति का सर्वोत्तम क्षण भी है. इस दिन यदि कुछ विशेष ज्योतिषीय और धार्मिक उपाय श्रद्धा से किए जाएं, तो सोया हुआ भाग्य भी जाग उठता है. आइए उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते हैं कि इस दिन दीपक के किन उपायों से लाभ होता है.

उन्होंने लोकल 18 को बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सावन पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे के लगभग शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे के लगभग समाप्त होगी. चूंकि पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्‍नान करने का महत्‍व है, इसलिए उदया तिथि के आधार पर 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा मानी जाएगी. साथ ही 9 अगस्‍त को ही रक्षाबंधन मनाया जाएगा.

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जरूर जलाए इन स्थानों पर दीपक
उन्होंने बताया कि सावन पूर्णिमा की रात घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना चाहिए क्योंकि यहीं से मां लक्ष्मी का आगमन होता है. इस उपाय से आपके घर में मां लक्ष्मी आएंगी और परिवार की आर्थिक तंगी दूर होगी. रसोईघर घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसका प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पड़ता है. ऐसे में सावन पूर्णिमा के दिन रसोईघर में दीपक जलाना चाहिए. मान्यता है कि इससे देवी अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है.

पवित्र नदी में स्नान के बाद करें दीपदान
उन्होंने आगे बताया कि सावन माह की पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दीपदान जरूर करें. साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य दें. ऐसा करने से मन की नकारात्मकता दूर होती है. पितृ दोष भी समाप्त होता है. साथ ही पूर्वजों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. सावन पूर्णिमा की सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पौधे को जल चढ़ाएं. घी का दीपक जलाकर आरती करें. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और तिजोरी धन से भरी रहती है.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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