58 मिनट पहले
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सवाल– मेरी उम्र 32 साल है। मेरी प्रॉब्लम ये है कि मैं दिन-रात अपनी एक्स को स्टॉक करता रहता हूं। डेढ़ साल पहले हमारा ब्रेकअप हुआ था। कुछ दिन तो काफी डिप्रेशन में गुजरे। लगा था, वक्त के साथ सब ठीक हो जाएगा। वो तो मूव ऑन कर गई। मूव ऑन मैं भी कर ही गया हूं। उसके बाद मेरी एक और गर्लफ्रेंड रही, कुछ रीबाउंड सेक्स भी हुआ। लेकिन फिर भी मैं अपनी एक्स को भूल नहीं पा रहा हूं। उसने मुझे सब जगह से ब्लॉक कर दिया था, तो मैंने एक फेक अकाउंट बनाकर उसे दोबारा इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स पर फॉलो करना शुरू कर दिया। अब रोज उसके अकाउंट चेक करना, उसकी हरेक एक्टिविटी पर नजर रखना एक तरह से मेरा ऑब्सेशन बनता जा रहा है। मुझे खुद भी ये चीज अनहेल्दी लगती है। मैं ऐसा इंसान नहीं हूं, लेकिन मैं चाहकर भी इसे छोड़ नहीं पा रहा हूं। रोज रात में सोने से पहले मैं घंटों उसकी फीड स्क्रॉल करता रहता हूं। उसकी पोस्ट पर आए हरेक कमेंट पढ़ता हूं। वो अपने नए रिलेशनशिप में खुश है, और मैं उसी में अटका हुआ हूं। मैंने उसे कभी मैसेज करने या स्टॉक करने की कोशिश नहीं की। लेकिन मैं अपने साथ जो कर रहा हूं, क्या वो हेल्दी है, ठीक है। मैं इस ऑब्सेशन से कैसे मुक्त होऊं?
एक्सपर्ट– डॉ. द्रोण शर्मा, कंसल्टेंट साइकेट्रिस्ट, आयरलैंड, यूके। यूके, आयरिश और जिब्राल्टर मेडिकल काउंसिल के मेंबर।
अपनी फीलिंग्स हमारे साथ शेयर करने और सवाल पूछने के लिए आपका आभार। आप इस वक्त जिस इमोशनल तकलीफ से गुजर रहे हैं, हम उसे कुछ हिस्सों में बांटकर समझने की कोशिश करेंगे और सेल्फ हीलिंग के बारे में भी विस्तार से बात करेंगे।
ब्रेकअप के बाद दुख और अकेलापन महसूस होना, एक्स के बारे में सोचना, उसे सोशल मीडिया पर देखते रहना, ये सब स्वाभाविक इमोशनल रिएक्शन हैं। लेकिन कब ये चीजें हेल्दी बाउंड्री को क्रॉस करके टॉक्सिक के दायरे में चली जाती हैं, हमें खुद भी पता नहीं चलता। इसलिए अपनी फीलिंग्स को स्वीकार करने के साथ अपनी समझ को बदलने की कोशिश करना भी एक सजग व्यक्ति की जिम्मेदारी है। इस वक्त आप इन चीजों से गुजर रहे हैं–
- ब्रेकअप को स्वीकार नहीं कर पा रहे।
- अब भी उम्मीद है कि एक्स लौटकर आएगी।
- ब्रेकअप के दुख से उबरने के लिए रीबाउंड सेक्स का रास्ता चुना है।
- एक्स को लगातार सोशल मीडिया पर देखते रहते हैं।
- आपको लगता है कि आप सिर्फ देखते हैं, स्टॉक नहीं कर रहे हैं।
- वो कहां है, क्या कर रही है, ये जानना एक तरह का ऑब्सेशन बन गया है।

ऑब्सेशन के स्टॉकिंग में बदलने का रिस्क
सेल्फ हीलिंग पर बात करने से पहले मैं दो चीजों के बारे में विस्तार से बताना चाहूंगा। एक है स्टॉकिंग और दूसरा रीबाउंड सेक्स। आपको लगता है कि आप उसे एकतरफा ढंग से सोशल मीडिया पर उसे चेक करते हैं, लेकिन आप स्टॉक नहीं कर रहे हैं।
दरअसल इस ऑब्सेशन के ही स्टॉकिंग में बदल जाने का रिस्क रहता है, जो भारतीय कानून के मुताबिक एक दंडनीय अपराध है। इसलिए आपको इस एक्शन के लीगल फ्रेमवर्क और उसके परिणामों को भी समझने की जरूरत है।
1. क्या आपका व्यवहार भारतीय कानून के तहत पीछा करने के बराबर है?
सवाल ये है कि क्या इंडियन लॉ के मुताबिक आपका व्यवहार स्टॉकिंग के दायरे में आता है?
भारत भारतीय न्याय संहिता की धारा 354डी के तहत यह अपराध है। इसकी परिभाषा के मुताबिक स्टॉकिंग वह होती है, जब
● कोई पुरुष किसी महिला का पीछा करता है या उसकी स्पष्ट अरुचि के बावजूद बार-बार उससे संपर्क करता है, या
● महिला की सहमति के बिना उसके इंटरनेट, ईमेल या अन्य प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन पर नजर रखता है।
स्टॉकिंग के लिए कानूनी दंड
फर्स्ट ऑफेंस: 3 वर्ष तक का कारावास और जुर्माना (जमानती)
रिपीट ऑफेंस: 5 वर्ष तक का कारावास और जुर्माना (गैर-जमानती)
आपके केस की एनालिसिस
- अगर आप चुपके से एक्स का सोशल मीडिया चेक कर रहे हैं और उस पर कमेंट, लाइक करके या और किसी भी रूप में इंगेज नहीं कर रहे और एक्स को इस बारे में मालूम नहीं है तो संभवत: यह कानून के लीगल फ्रेमवर्क के दायरे में नहीं आएगा।
- लेकिन अगर आप एक्स के घर या ऑफिस के आसपास से एक बार से ज्यादा गुजरते हैं, वहां खड़े होते हैं, उसे देखते हैं तो यह कानूनी रूप से अनवॉन्टेड सर्विलांस के दायरे में आएगा। खासतौर पर अगर ऐसा करने से महिला को असहजता या डर महसूस हो रहा है।
- अगर बार-बार मना करने के बावजूद यह व्यवहार जारी रहता है तो भारतीय न्याय संहिता (BNS) के सेक्शन 78 के तहत यह दंडनीय अपराध माना जाएगा।
निष्कर्ष
हालांकि आपके व्यवहार में अभी सिर्फ शुरुआती संकेत ही दिखाई दे रहे हैं। यह अभी तक पीछा करने के कानूनी मानदंडों को पूरा नहीं करता है, जब तक कि यह जारी न रहे, बढ़ न जाए, या महिला को परेशानी न पहुंचाए। इसलिए जरूरी है कि आप अभी से सजग होकर इस ओर ध्यान दें। ऐसा सिर्फ कानूनी कारणों से ही करना जरूरी नहीं है, बल्कि इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आपकी मानसिक और भावनात्मक बेहतरी भी इसी में है कि आप अतीत को छोड़कर, अपने मन को हील करके आगे भविष्य की ओर पॉजिटिव ढंग से देखें।
रीबाउंड सेक्स: क्या इससे मदद मिलती है?
जैसाकि आपने लिखा है कि एक्स से उबरने के लिए आपने रीबाउंड सेक्स का रास्ता चुनने की भी कोशिश की। रीबाउंड सेक्स का अर्थ है, ब्रेकअप के तुरंत बाद खुद को डिस्ट्रैक्ट करने, एक्स से उबरने या इमोशनल वैलिडेशन के लिए तुरंत किसी और के साथ सेक्शुअल एक्टिविटी में इन्वॉल्व हो जाना।
लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या ऐसा करने से सचमुच हील होने और अतीत के दुख से उबरने में मदद मिलती है।
- इस विषय पर हुई तमाम स्टडीज ये बताती हैं कि रीबाउंड सेक्स भले ही तात्कालिक रूप से सेल्फ इस्टीम को बूस्ट करने में मदद करे, लेकिन इससे इमोशनल कनफ्यूजन ही पैदा होता है। इससे इमोशनल अकेलेपन और खालीपन का एहसास और गहरा हो जाता है।
- रीबाउंड सेक्स से एक तरह का फॉल्स या झूठा रिअश्योरेंस मिलता है कि आप पिछले पार्टनर से इमोशनली ऊपर उठ गए हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं। इससे आप ढंग से हील भी नहीं हो पाते।
- अगर अपने एक्स को प्रवोक करने, उसे कंट्रोल करने या उसे फिर से पाने की उम्मीद में रीबाउंड सेक्स किया जाए तो इससे डिसफंक्शनल पैटर्न विकसित होते हैं। इमोशनली हेल्दी रिश्ते नहीं बनते हैं।
- इमोशनली सचमुच हील होने और मूव ऑन करने के लिए जरूरी है कि अपने भीतर उतरकर दुख को महसूस किया जाए और खुद को धीरे–धीरे उससे उबरने का वक्त दिया जाए।

खुद को बेहतर समझने के लिए सेल्फ स्क्रीनिंग टूल
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको खुद को बेहतर समझने के लिए एक सेल्फ स्क्रीनिंग टूल दे रहा हूं। इस टेस्ट में 10 सवाल हैं। इन सवालों को आपको 1 से 4 के स्केल पर रेट करना है। 1 का अर्थ है- बिल्कुल नहीं और 4 का अर्थ है, हमेशा, हर वक्त। हर सवाल को उसके जवाब के हिसाब से स्कोर देने के बाद आपको अपना स्कोर चेक करना है।
सवाल नीचे ग्राफिक में हैं। स्कोर का इंटरप्रिटेशन भी ग्राफिक में दिया है। पहले सवालों के जवाब दीजिए और फिर अपने स्कोर के हिसाब से उसका इंटरप्रिटेशन चेक करिए।

रिस्पेक्ट और ग्रेस के साथ ब्रेकअप से कैसे उबरें
चार हफ्ते का सेल्फ हेल्प प्लान
पहला सप्ताह- ब्रेकअप को स्वीकार करना
- अपनी एक्स को एक पत्र लिखें (इसे भेजना नहीं है)। इस पत्र में वो सारी बातें लिखें, जो आप महसूस करते हैं और उससे कहना चाहते हैं। यह पत्र सिर्फ अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस करने, अपने मन की बातें कहने और मन को हल्का करने के लिए है।
- एक्स के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को म्यूट या अनफॉलो कर दें।
- डेली जरनलिंग करें। अपनी भावनाओं और मन की बातों को रोज एक डायरी में लिखें।
- खुद से कहें, “उसकी याद आना स्वाभाविक है। लेकिन याद करने और मिस करने का मतलब ये नहीं है कि मैं अपने उन इमोशंस पर एक्ट भी करूं।”
दूसरा सप्ताह- ऑब्सेशन से मुक्त होना
- आपको धीरे-धीरे अपने गुजरे अतीत के मोह और उसके ऑब्सेशन से मुक्त होना है। इसके लिए अपने फोन एक्सेस को धीरे-धीरे कम करें। इसके लिए स्क्रीन टाइम कंट्रोल करने वाले एप्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- हर वक्त बैठकर फोन स्क्रोल करने की बजाय वॉक करें। कोई किताब पढ़ें या किसी भरोसेमंद दोस्त से बात करें।
- हर दिन कोशिश करें कि पास्ट के बारे में नहीं सोचेंगे। उसका प्रोफाइल नहीं देखेंगे। और सात दिनों तक सफलतापूर्वक ऐसा करने के बाद खुद को शाबाशी भी दें।
- जो भी फीलिंग्स मन में आ रही हैं या जो करने की तीव्र इच्छा हो रही है, उसे चुपचाप शांत बैठकर ऑब्जर्व करें। उस पर एक्ट न करें। जैसेकि बहुत मन कर रहा है कि इंस्टाग्राम खोलकर उसका प्रोफाइल चेक करूं या उसे एक ईमेल भेज दूं या उसके घर के बाहर जाकर खड़ा रहूं। लेकिन आपको ये सब करना नहीं है। एक जगह पर शांत होकर बैठ जाएं, गहरी सांस लें और इन भावनाओं को सिर्फ महसूस करें। जब आप एक्ट नहीं करेंगे तो ये फीलिंग्स धीरे-धीरे अपने आप शांत होती जाएंगी।
तीसरा सप्ताह- खुद को नए सिरे से गढ़ना
- पुरानी हॉबीज और पुराने दोस्तों के साथ फिर से रीकनेक्ट करें।
- कुछ ऐसा नया करने या सीखने की कोशिश करें, जिससे आपकी काबिलियत में इजाफा हो (जैसेकि आर्ट, कुकिंग या जिमिंग)।
- एक डायरी में लिखें कि आप अपनी जिंदगी और रिश्ते से क्या चाहते हैं। भविष्य के रिश्ते से आप क्या उम्मीद करते हैं।
- पिछले रिश्ते में जो परेशानियां या गड़बड़ियां रहीं, धैर्य से उनके बारे में सोचें। रिलेशनशिप में जो रेड फ्लैग्स थे, वो दिखाई क्यों नहीं दिए। या शायद आपने उसे देखकर भी इग्नोर किया। तो ऐसा क्यों हुआ। धीरे-धीरे अतीत से उबरते हुए उसकी एनालिसिस करें।
चौथा सप्ताह- पुराने दरवाजे बंद करके एक नई हेल्दी शुरुआत
- पिछले रिश्ते का सिर्फ लॉस नहीं, बल्कि उससे मिले और सीखे सबक भी आइडेंटीफाई करें।
- माफ करके आगे बढ़ें। माफी के लिए संपर्क करना, मिलना, बात करना जरूरी नहीं है। यह हमारे भीतर का ही प्रोसेस है।
- एक कागज पर लिखें, ‘अब मैं पुरानी चीजों से मुक्त हो रहा हूं। अब मैं एक नई शुरुआत के लिए तैयार हूं।’
- एक नए रिश्ते के साथ अपने नए सुंदर भविष्य की कल्पना करें।
- चौथे सप्ताह का अंत अपनी डायरी में यह लिखने के साथ करें- “मेरा नया हील्ड सेल्फ अब मुझसे क्या कहता है।”

निष्कर्ष
ब्रेकअप एक तकलीफदेह अनुभव है। लेकिन उस तकलीफ से हमें इस तरह उबरने की जरूरत है कि हम किसी और की तकलीफ न बढ़ाएं या उसके स्पेस में कोई दखलंदाजी न करें। ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया स्टॉकिंग या रिबाउंड सेक्स से थोड़ी देर के लिए राहत मिल गई, लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है। दुख से ऊपर उठने के लिए एक गहरी हीलिंग की जरूरत है। खुद को हील करने की कोशिश करें। अगर जरूरत पड़े तो मदद भी मांगें। मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत की निशानी है।
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आपने जो अनुभव किया है, वह काफी तकलीफदेह है। आप जिस धोखा, ट्रॉमा और इमोशनल तकलीफ से गुजरी हैं, उसे देखते हुए आपकी यह भावनात्मक स्थिति बिल्कुल जायज है। पूरी खबर पढ़िए…
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