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Story Of Satish Jha: 68 वर्षीय सतीश झा, महागामा निवासी, सेवानिवृत्त शिक्षक, वर्तमान में इस्कॉन अयोध्या से श्रीमद्भागवत में डिप्लोमा कर रहे हैं. उनकी शैक्षणिक यात्रा प्रेरणादायक है और समाज के लिए एक मिसाल है.
शैक्षणिक यात्रा बेहद लंबी और प्रेरणादायक
जानिए इनका सफर
इनके पास है ये डिग्रियां
शिक्षा के क्षेत्र में देते हैं योगदान
वर्तमान में सतीश झा न केवल स्वयं पढ़ाई कर रहे हैं बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में योगदान भी दे रहे हैं. वह महागामा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में जीव विज्ञान के शिक्षक हैं और खाली समय में कक्षा 10 से 12 तक के बच्चों को जीव विज्ञान की कोचिंग भी देते हैं. इसके अलावा धार्मिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं और पूजा-पाठ तथा कुंडली निर्माण का कार्य करते हैं. सतीश झा की यह जीवन यात्रा समाज के लिए एक प्रेरणा है कि शिक्षा कभी उम्र की मोहताज नहीं होती. सीखने की चाह और जिज्ञासा यदि दिल में जिंदा हो, तो उम्र चाहे कोई भी हो, ज्ञान की प्यास हमेशा पूरी की जा सकती है.
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें
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