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ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने छिपकली, जिसे गोआना के नाम से जाना जाता है. इनकी त्वाचा के नीचे पाए जाने वाले हड्डियों के बारे में वैज्ञानिकों ने स्टडी में पाया कि इसमें कई राज छिपे हैं. चलिए जानते हैं.
छिपकलियों का खुला राज.
New Science Study: ऑस्ट्रेलिया की मशहूर गोआना या मॉनिटर लिजर्ड छिपकली स्टडी की गई. इस स्टडी ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया. ये विशाल और ताकतवर सरीसृप, जो जंगलों और झाड़ियों में अपनी जीभ लपलपाते हुए घूमते हैं, जो लाखों साल पहले डायनासोर के खात्मे के बाद भी जीवित रहे. आखिर इसका क्या राज रहा होगा. जूलॉजिकल जर्नल ऑफ द लिनियन सोसाइटी में एक ताजा स्टडी प्रकाशित हुई है, जो इनके रहस्य से पर्दा हटाती है. गोआना की त्वचा के नीचे छिपी हड्डी जैसी संरचनाएं जिनको ऑस्टियोडर्म्स कहा जाता है, इसकी मदद से ही वे अब धरती पर जिंदा रह पाए.
कैसे हुई यह खोज?
वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए एक इंटरनेशनल टीम बनाई. इसमें ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अमेरिका के एक्सपर्ट शामिल थे. उन्होंने फ्लोरिडा म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री, बर्लिन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम, और म्यूजियम्स विक्टोरिया जैसे संस्थानों में रखे गए लगभग 2,000 सरीसृप नमूनों का अध्ययन किया. इनमें से कुछ नमूने 120 साल से भी पुराने थे.
माइक्रो-सीटी स्कैनिंग से स्टडी
गोआना में चौंकाने वाली खोज
वैज्ञानिकों को पहले लगता था कि गोआना (मॉनिटर लिजर्ड) में ऑस्टियोडर्म्स बहुत कम पाए जाते हैं. लेकिन, इस स्टडी में 29 ऑस्ट्रेलो-पापुआन गोआना प्रजातियों में पहले कभी न देखी गई ऑस्टियोडर्म्स मिलीं. यह खोज इतनी बड़ी थी कि गोआना में ऑस्टियोडर्म्स के बारे में जानकारी पांच गुना बढ़ गई. इससे पता चला कि दुनिया की लगभग आधी छिपकली प्रजातियों में किसी न किसी रूप में ऑस्टियोडर्म्स मौजूद हैं.
इसका क्या मतलब है?
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व…और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व… और पढ़ें
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