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Agriculture News: सर्पगंधा की खेती बिना खाद और ज्यादा देखभाल के सिर्फ पानी देने से तैयार होती है. यह औषधीय फसल 18 महीने में तैयार होकर जड़ के रूप में बेची जाती है.
सर्पगंधा की कीमत 60000 से लेकर 100000 प्रति क्विंटल तक चल रही है. इसका उपयोग दवा बनाने में किया जाता है. साथ ही इस फसल से प्रीति का 50 किलो तक बी भी नकल आता है, जिसकी मार्केट में कीमत 4000 से 6000 किलो तक होती है. सागर जिले में टहरा टिहरी के शोभाराम पटेल ने पहली बार सर्पगंधा की खेती शुरू की है. इसके लिए उन्होंने हरियाणा से बीज मंगवाया और एक एकड़ में फसल लगाई है. हालांकि किया है 18 महीने की फसल है और इससे 15 क्विंटल तक का उत्पादन प्रति एकड़ के हिसाब से मिल जाता है. ऐसे में अगर कोई किसान एक एकड़ की जमीन से 10 क्विंटल सर्पगंधा उगा लेता है, तो 10 लाख की उपज निकल आएगी
शोभाराम बताते हैं कि एक एकड़ की जगह में करीब 4 किलो बीज की आवश्यकता होती है. यह बी करीब 7000 रुपया किलो तक आता है. जून के महीने में इसकी बुवाई की जाती है और यह फिर धीरे-धीरे करीब डेढ़ साल का समय लेती है, तब जाकर पैक कर तैयार होती है. हर्बल फैक्ट्री में मेडिसिन बनाने को लेकर इसकी खूब डिमांड है. शोभाराम बताते हैं कि वह एक बार अंतर्राष्ट्रीय वन मेला भोपाल में गए हुए थे जहां उन्होंने सर्पगंधा के बारे में सुन इसकी जानकारी उन्होंने गुड़गांव की एक व्यापारी से ली उसने खेती करने का तरीका बताया और बीज भी उपलब्ध करवाया है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें
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