Last Updated:
Tamatar ki Kheti: सागर जिले के गौतम पटेल ने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ खेती को अपनाया. नेट हाउस तकनीक से खेती कर पहले ही सीजन में टमाटर से 6 लाख रुपये तक का मुनाफा कमाकर सबके लिए मिसाल बन गए हैं.
गौतम ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की और फिर पढ़ाई छोड़कर खेती में पूरी तरह से जुड़ गए. पहले छह सालों तक उन्होंने परंपरागत तरीके से टमाटर, शिमला मिर्च, ककड़ी, करेला और फूलों की खेती की. लेकिन मौसम की मार और जानवरों के हमले से फसल का उत्पादन और मुनाफा बहुत कम था. इसी बीच उन्होंने उद्यानिकी विभाग की नेट हाउस विद ड्रिप योजना के बारे में जाना और एक एकड़ जमीन पर आधुनिक नेट हाउस लगवाने का फैसला किया.
नेट हाउस लगने के बाद परिणाम चौकाने वाले रहे. सामान्य रूप से एक एकड़ में टमाटर की खेती से 400 से 500 क्विंटल उत्पादन होता था, लेकिन नेट हाउस में यह उत्पादन लगभग दोगुना हो गया. इतना ही नहीं, टमाटर की क्वालिटी इतनी बेहतरीन थी कि बाजार में उसकी कीमत भी ज्यादा मिली. नतीजा यह हुआ कि गौतम ने पहले ही सीजन में 4 से 6 लाख रुपये की कमाई कर ली.
नेट हाउस की खासियत यह है कि यह फसल को गर्मी, सर्दी और बरसात हर मौसम से बचाता है. इसमें तापमान नियंत्रित रखने के लिए फॉगिंग पंप लगाए जाते हैं और जानवरों से फसल को पूरी तरह सुरक्षित किया जा सकता है.
टमाटर की खेती में कितना आता खर्च
एक एकड़ नेट हाउस लगाने में करीब 34 लाख रुपये खर्च आते हैं, जिसमें से 50% यानी 17 लाख रुपये की सब्सिडी उद्यानिकी विभाग से मिलती है. यह नेट हाउस 6 साल की वारंटी के साथ आता है, लेकिन आराम से 10 से 15 साल तक चलता है.
सागर उद्यानिकी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पी.एस. बडोले बताते हैं कि किसान यदि इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो विभाग में पंजीयन कराकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. चयन लॉटरी सिस्टम से किया जाता है.
.