लालसिंह पैलेस के सामने निशान लगाते हुए।
कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता, लहार के पूर्व विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के परिजनों का मैरिज गार्डन लालसिंह पैलेस सोमवार को राजस्व विभाग की टीम ने नापा। करीब चार घंटे तक चली इस नपती की फाइनल रिपोर्ट मंगलवार को लहार तहसीलदार पेश क
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दरअसल, नगर पालिका सीएमओ रमाशंकर शर्मा ने हाल ही में तहसील कार्यालय को आवेदन दिया था कि बस स्टैंड पुलिया से श्यामपुरा जाने वाले सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण हुआ है। संदेह था कि लालसिंह पैलेस के निर्माण के दौरान इस मार्ग पर अवैध कब्जा किया गया है, जिससे सड़क संकरी हो गई है। इसी आधार पर सोमवार दोपहर नपती शुरू हुई और शाम छह बजे तक चली।
लालसिंह पैलेस के बाहर मौजूद अधिकारी व पुलिस बल।
नोटिस जारी कर उपस्थित होने के निर्देश दिए थे नपती से पूर्व राजस्व विभाग ने सीएमओ, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के पुत्र अमित प्रताप सिंह, उनके भाई रामेंद्र सिंह सहित राधा भदौरिया, रेखा तोमर, मोहम्मद खां और लियाकत खां को नोटिस जारी कर उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। यह नोटिस 12 अगस्त को जारी हुआ था।
नपती सर्वे क्रमांक 2438 और 1992 के सरकारी रास्ते पर की गई। इस दौरान लालसिंह पैलेस के गेट के पास बने पक्के सीमेंट को तोड़कर निशान लगाए गए। आसपास के खातेदार भी मौके पर मौजूद रहे।
छह थानों का पुलिस बल रहा तैनात नपती के दौरान लहार, दबोह, असवार, मिहोना और रौन थानों का पुलिस बल मौजूद था। इसके अलावा एसडीओपी प्रवीण त्रिपाठी, तहसीलदार दीपक शुक्ला और सीएमओ रमाशंकर शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। नपती के दौरान कई बार जरीब डाली गई और सड़क का मेजरमेंट मिलाने में काफी समय लगा।

लालसिंह पैलेस की नतपी के दौरान का दृश्य।
नपा के रास्ते पर अतिक्रमण हुआ- सीएमओ इस मामले में सीएमओ शर्मा ने कहा कि नगर पालिका के रास्ते पर अतिक्रमण हुआ है, इसलिए आवेदन दिया था। वहीं तहसीलदार शुक्ला ने बताया कि नपती सोमवार को कर ली गई है और मंगलवार को फाइनल रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
इधर, डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि “मेरे नाम कोई संपत्ति नहीं है। न तो मेरे नाम लालसिंह पैलेस है और न ही मैं मौके पर मौजूद था। यह संपत्ति जिनकी है, वे लोग वहां उपस्थित थे।”
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