चीन बॉर्डर के पास किम जोंग ने जुटाया तबाही का सामान, ICBM-लॉन्चर से लैस सीक्रेट मिलिट्री बेस, उड़े CIA के होश

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Kim Jong Un Secret Military Base: रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया ने कभी भी आधिकारिक रूप से अपने गुप्त ठिकाने का खुलासा नहीं किया है और न ही कभी ये ठिकाना किसी भी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता का हिस्…और पढ़ें

चीन बॉर्डर के पास किम जोंग ने जुटाया तबाही का सामान, उड़े CIA के होशउत्तर कोरिया के सीक्रेट मिलिट्री बेस मौजूद. (Credit- Reuters)
यूक्रेन-रूस की लड़ाई में रूस का खुलकर साथ दे रहा उत्तर कोरिया फिर अमेरिका की टेंशन बढ़ाने वाला काम कर रहा है. उसने चीन की सीमा से सिर्फ 27 किलोमीटर दूर एक ऐसे सीक्रेट बेस बनाया है, जिसके बारे में सीआईए को कानोंकान खबर तक नहीं हुई. सिनपुंग-डोंग नाम का ये सैन्य ठिकाना सामान्य नहीं है, यहां पर नॉर्थ कोरिया के सबसे नए और लंबी दूरी तक मार करने वाले परमाणु हथियार होने का दावा किया जा रहा है. यह जानकारी अमेरिका के थिंक टैंक Center for Strategic and International Studies ने अपनी नई रिपोर्ट में दी है.

द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक ये ठिकाना उत्तर प्योंगयांग में मौजूद है और इसमें लगभग 6 से 9 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) और उनके लॉन्चर मौजूद हो सकते हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया ने कभी भी आधिकारिक रूप से अपने इस बेस का खुलासा नहीं किया है और न ही कभी ये ठिकाना किसी भी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता का हिस्सा रहा है. ये मिसाइलें पूर्वी एशिया और अमेरिका के लिए एक बड़ा और गंभीर खतरा बन सकती हैं.

तानाशाह का सीक्रेट अड्डा

CSIS ने कहा कि यह रिपोर्ट सिनपुंग-डोंग मिसाइल बेस की पहली ओपन-सोर्स पुष्टि है. विशेषज्ञों का मानना है कि संकट या युद्ध के समय ये इंटर कॉन्टिनेंटल मिसाइलें इस बेस से निकलकर देश के अन्य हिस्सों में जाकर लॉन्च की जा सकती हैं, जिससे उन्हें ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बेस उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल वॉरफेयर और रैपिड एक्सपेंशन रणनीति का हिस्सा है. माना जा रहा है कि देश में ऐसे एक नहीं कम से कम 15-20 गुप्त मिसाइल बेस मौजूद हैं. इन बेस में जिनमें हथियारों की मरम्मत, भंडारण और वॉरहेड्स रखने की सुविधा है, बावजूद इसके ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी नजर में नहीं आया.

किम जोंग उन. (Credit- Reuters)

किम जोंग उन का ‘मिशन बदला’

2019 में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच हनोई में हुई शिखर वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला था. उल्टा इसके बाद से उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज कर दिया है. किम जोंग-उन ने हाल ही में हाल ही में न्यूक्लियर प्रोग्राम और तेज करने और अपने हथियार कभी नहीं छोड़ने की बात कही है. इसके बाद अमेरिका के लिए सिरदर्दी रूस के साथ उसकी बढ़ती नजदीकियां भी हैं. 2024 में उत्तर कोरिया ने 10000 से अधिक सैनिक, मिसाइलें और रॉकेट सिस्टम रूस भेजे हैं. बदले में रूस ने उत्तर कोरिया को उन्नत स्पेस और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी में मदद दी है. विशेषज्ञ मानते हैं कि सैटेलाइट लॉन्चिंग तकनीक और ICBM (इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) तकनीक में काफी समानता होती है यानि उत्तर कोरिया इस मदद का इस्तेमाल मिसाइल निर्माण में कर सकता है.

किस-किसके लिए खतरा हैं ये बेस?

उत्तर कोरिया के ये गुप्त बेस और बढ़ती तकनीकी क्षमताएं अब अमेरिका, दक्षिण कोरिया और पूर्वी एशिया के अन्य देशों के लिए एक गंभीर खतरा हैं. खासतौर पर जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए रूस और यूक्रेन के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं. उत्तर कोरिया और रूस के रिश्ते गहरे होते जा रहे हैं और उत्तर कोरिया धीरे-धीरे एक ऐसी स्थिति में पहुंच रहा है, जहां वह लंबी दूरी तक मार करने वाले परमाणु हथियारों से अमेरिका की धरती तक खतरा पहुंचा सकता है. ये मामला अमेरिका के लिए संवेदनशील बनता जा रहा है.

Prateeti Pandey

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा…और पढ़ें

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा… और पढ़ें

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चीन बॉर्डर के पास किम जोंग ने जुटाया तबाही का सामान, उड़े CIA के होश

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