गोद में लेपटॉप और पैंट के पॉकेट में रखते हैं मोबाइल, भरी जवानी में पत्नी को नहीं रख पाएंगे खुश, एक अदद बच्चे को भी तरसेंगे

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Phone in pocket may affect sperm count: क्या आप भी हमेशा पैंट के पॉकेट में मोबाइल रखते हैं या गोद में लेपटॉप को रखकर चलाते हैं. यदि हां, तो तुरंत बंद कर दीजिए वरना भरी जवानी में बीवी को खुश नहीं रख पाएंगे और बच…और पढ़ें

गोद में लेपटॉप और पैंट के पॉकेट में रखते हैं मोबाइल, जवानी में पत्नी नाखुशप्राइवेट पार्ट के पास फोन रखने के नुकसान.
Phone in pocket may affect sperm count: वैसे ही हमेशा फोन से चिपके रहने के कई नुकसान हैं लेकिन अब कोलकाता यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन में इसके खतरनाक संकेत आए हैं. अध्ययन में दावा किया गया है कि पुरुषों के प्राइवेट पार्ट के नजदीक यानी जो पुरुष अपने पैंट वाले पॉकेट में अक्सर फोन रखते हैं या लेपटॉप को गोद में लेकर इस्तेमाल करते हैं वे भरी जवानी में भी नपुंसकता का शिकार हो सकते हैं. अगर मामला बढ़ गया तो भरी जवानी में अपनी पत्नी को संतुष्ट कर पाने में असफल हो जाएंगे, उपर से एक अदद बच्चे के लिए भी तरस जाएंगे. इसमें कोई शक नहीं कि इसके पहले की कुछ रिसर्च में कहा जाता रहा है कि इससे इंफर्टिलिटी का उतना खतरा नहीं है लेकिन नए अध्ययन में साफ तौर पर कहा गयाहै कि फोन को पैंट के पॉकेट में रखने यानी प्राइवेट पार्ट के पास रखने से स्पर्म काउंट में तेजी से गिरावट आती है. यह बेहद चिंता की बात है क्योंकि देश में अधिकांश लोग चलते-फिरते फोन को पैंट के पॉकेट में ही रखते हैं और अधिकांश लोग लेपटॉप को गोद में लेकर इस्तेमाल करते हैं.

प्राइवेट पार्ट के पास तीव्र रेडिएशन
टीओआई की खबर के मुताबिक यह अध्ययन कोलकाता यूनिवर्सिटी के प्राणी विज्ञान विभाग की जेनेटिक्स रिसर्च यूनिट और इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन, कोलकाता ने मिलकर किया है. इसमें बंगाल के 20 से 40 साल के 1200 युवाओं को शामिल किया गया था. इसके आधार पर पाया गया कि लेपटॉप को लंबे समय तक गोद में रखकर काम करने या मोबाइल फोन को लगातार पैंट की जेब में रखने के कारण प्राइवेट पार्ट में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का तीव्र असर होता है जिसके कारण पुरुषों में बांझपन का खतरा बढ़ा सकता है. इससे नपुंसकता हो सकती है जिससे यौन इच्छाओं में तेजी से कमी और बच्चे पैदा करने में अक्षमता पैदा हो सकती है. अध्ययन में कहा गया कि जब जेनेटिक वेरिएशन वाले पुरुषों में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से नजदीकी संपर्क बनती है तो स्पर्म की संख्या में तेजी से गिरावट आती है. खासकर जो लोग 30 साल से कम के हैं, उनमें इसका प्रभाव ज्यादा पड़ता है.
खास जीन वाले लोगों को नुकसान
रिसर्च टीम के प्रमुख और जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रोफेसर सुजोय घोष ने बताया कि हमारा मुख्य फोकस युवाओं में इस बात पर था कि इनकी लाइफस्टाइल कैसी है, वर्क प्लेस पर इनके लिए क्या-क्या रिस्क फेक्टर है और किन-किन आदतों से ये प्रभावित है. इसके बाद हमने पाया कि अध्ययन में शामिल अधिकांश युवा काम के दौरान अपने पैंट के पॉकेट में 5-5 घंटे तक मोबाइल फोन को रखते हैं. वही कुछ लोग लेपटॉप को गोद में लेकर काम करते हैं. अध्ययन में आणविक तकनीकों (मॉलिक्यूलर टेक्निक्स) और आनुवंशिक जांच एक साथ की गई ताकि सटीक निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके. अंत में पता चला कि जिन पुरुषों में कुछ विशेष आनुवंशिक बदलाव यानी म्यूटेशन मौजूद होते हैं, उनमें इंफर्टिलिटी के जोखिम का खतरा सामान्य जीन वाले पुरुषों की तुलना में 10 गुना अधिक होती है. यानी ऐसे पुरुषों में यौन इच्छाओं में तेजी से कमी होगी और वे पत्नी को संतुष्ट करने में असफल होंगे. दूसरी ओर वे बच्चे करने में भी सक्षम नहीं होंगे.

प्राइवेट पार्ट से दूर रखना ज्यादा फायदेमंद
वरिष्ठ वैज्ञानिक समुद्र पाल ने कहा कि हमने पाया कि जब आनुवंशिक प्रवृत्ति इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाली विद्युत-चुंबकीय विकिरण के साथ मिलती है, तो इससे नपुंसकता का खतरा काफी बढ़ जाता है. 30 वर्ष से कम उम्र के जिन पुरुषों में विशिष्ट आनुवंशिक बदलाव होते हैं, वे विशेष रूप से अधिक जोखिम में रहते हैं. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का लंबे समय तक उपयोग, खासकर जब उन्हें रोज़ाना कई घंटों तक प्रजनन अंगों के नजदीक रखा जाए तो यह विशेष रूप से हानिकारक साबित हो सकता है. अगर हम वैश्विक रिसर्च पर ध्यान दें तो यह निष्कर्ष अंतिम नहीं है. लेकिन चाहे इससे नुकसान हो या न हो बेहतर यही है कि युवा पुरुष पैंट के पॉकेट में मोबाइल फोन को देर तक न रखें और लेपटॉप को भी गोद में लेकर काम न करें. खासकर प्राइवेट पार्ट के पास.

LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the…और पढ़ें

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