जस्टिस माहेश्वरी की बेंच नहीं सुनेगी बड़ोदिया-नोनागिर केस: SC में सुनवाई शुरू होते ही कहा-जिस बेंच में मैं हूं, उसमें इस मामले की सुनवाई न हो – Bhopal News

सागर जिले के खुरई विधानसभा क्षेत्र के बहुचर्चित दलित हत्याकांड मामले से सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी ने खुद को अलग कर लिया है। शुक्रवार को जैसे ही इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। जस्टिस माहेश्वरी ने कहा- मैं इस मामले को नहीं सुनना चाहता। इस के

.

जनवरी से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रहे थे जस्टिस माहेश्वरी इस साल के शुरुआत में 20 जनवरी को बड़ोदिया नोनागिर का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। जस्टिस जेके माहेश्वरी और विजय बिश्नोई की बैंच इस केस की शुरुआत से सुनवाई कर रहे थे। इस बैंच ने ही राज्य सरकार और सीबीआई को इस मामले में नोटिस जारी किए थे।

इस मामले में मृतिका अंजना अहिरवार की मां के वकील मीनेश दुबे ने कहा

अचानक जस्टिस माहेश्वरी जी का इस केस से खुद को अलग करना आश्चर्यजनक है, क्योंकि, वो सुप्रीम कोर्ट में शुरू से सुन रहे थे। कोई वजह साफ नहीं हैं। अगर वो खुद को अलग कर रहे हैं तो कोई न कोई गंभीर कारण जरूर होगा।

QuoteImage

अब जानिए क्या है बडोदिया-नोनागिर का मामला एक ही परिवार के तीन लोग मारे गए थे दरअसल, जनवरी 2019 में सागर में खुरई देहात थाना क्षेत्र के बरोदिया नौनागिर गांव में रहने वाले रघुवीर अहिरवार की इकलौती बेटी अंजना के साथ कुछ दबंगों ने मारपीट की थी। परिवार का दावा है कि उसके साथ छेड़छाड़ भी हुई थी लेकिन पुलिस ने एफआईआर में इसका जिक्र नहीं किया।

इसी मामले में समझौता करने का दबाव बनाए जाने पर 24 अगस्त 2023 को रघुवीर यादव के सबसे छोटे बेटे 18 साल के नितिन उर्फ लालू की बाजार में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद दबंगों ने रघुवीर के घर जाकर तोड़फोड़ भी की थी।

नितिन की हत्या और तोड़फोड़ मामले में उसकी मां बड़ी बहू, बहन अंजना और गांव के रिश्ते में चाचा राजेंद्र अहिरवार मुख्य गवाह थे। दबंगों ने राजेंद्र अहिरवार पर गवाही बदलने का दबाव बनाया। जब वे नहीं माने तो 9 महीने बाद राजेंद्र की भी कुल्हाड़ी और लाठी-डंडे से हमला कर हत्या कर दी गई।

राजेंद्र की हत्या के बाद अंजना उनकी लाश के साथ गांव लौट रही थी। गांव से कुछ दूरी पर खुरई तिराहे पर वह संदिग्ध हालत में चलती एंबुलेंस से गिर गई। पुलिस का दावा था कि वह वैन से कूद गई थी। इससे सिर में चोट आई और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।

अंजना की मां ने दायर की है सुप्रीम कोर्ट में याचिका सुप्रीम कोर्ट में अंजना की मां बड़ी बहू की तरफ से दायर याचिका में खुरई से बीजेपी विधायक व पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके करीबियों पर हत्या का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि उनके राजनीतिक प्रभाव के कारण निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। जांच को बाधित करने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों की हत्या भी आपराधिक षड्यंत्र का परिणाम थी। इसमें गांव के दबंग भी शामिल थे।

याचिका के साथ पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) द्वारा दलितों की हत्या और उनके परिवार के खिलाफ अन्य अत्याचारों को लेकर जुलाई 2024 में आई जांच रिपोर्ट भी दी गई है।

पूर्व गृहमंत्री पर समझौते के लिए दबाव बनाने का आरोप सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई पिटीशन में याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि नितिन की हत्या के बाद अंजना को पूर्व गृह मंत्री के घर बुलाया गया। यहां उसे गवाही न देने की धमकी दी गई। समझौते के लिए 2 करोड़ रुपए की पेशकश की गई, जिसे अंजना ने ठुकरा दिया।

अंजना ने 26 फरवरी 2024 को पुलिस विभाग के आला अफसरों से इसकी शिकायत की थी। उसने बताया था कि आरोपी धमकाकर मामले में समझौता करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अहिरवार परिवार के अनुसार, नितिन की हत्या के तीन महीने बाद पूर्व गृहमंत्री ने उन्हें बुलाकर मामले को आगे न बढ़ाने और मीडिया को यह बताने को कहा कि उन्हें प्रशासन से पूरा सहयोग मिल रहा है। अंजना को मीडिया के सामने दिए जाने वाले बयान की टाइप प्रति भी दी गई।

.

Source link

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *