रूस में आया जलजला तो कुछ नहीं, दुनिया के टॉप 10 भूकंप जिन्होंने मचाई भयानक तबाही, ऐसा लगा जैसे प्रलय आ गया

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Top 10 Earthquake: रूस में 8.7 तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी चेतावनी जारी की गई है. इस मौके पर दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली भूकंपों की सूची में शामिल घटनाएं बताती हैं कि जब धरती कांपती है, तो इंसान लाचार हो जाता है.

रूस के कमचटका प्रायद्वीप में बुधवार को आए 8.8 तीव्रता के भूकंप ने पूरी दुनिया को एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि प्रकृति जब रौद्र रूप दिखाती है, तो सारी आधुनिक तकनीक भी बेबस नजर आती है. इस भूकंप के बाद जापान और अमेरिका समेत कई देशों में सुनामी अलर्ट जारी किया गया है. हालाँकि जान-माल का भारी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन डर और चिंता जरूर बढ़ गई है. इसी मौके पर आइए एक नज़र डालते हैं इतिहास के 10 सबसे शक्तिशाली भूकंपों पर, जिन्होंने पूरी दुनिया को हिला दिया था.

अब तक का सबसे रिकॉर्ड किया गया ताकतवर और विनाशकारी भूकंप 1960 में आया. इसे ग्रेट चिली या वल्दिविया भूकंप के नाम से जाना जाता है, जिसकी तीव्रता 9.5 थी. हालांकि गनीमत यह रही कि इसमें भयानक नुकसान नहीं हुआ. इस भूकंप ने 1,655 जानें लीं और 20 लाख लोगों को बेघर कर दिया.

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1964 में अलास्का के प्रिंस विलियम साउंड क्षेत्र में 9.2 तीव्रता का भूकंप आया जिसे गुड फ्राइडे भूकंप भी कहा जाता है. इसकी ताकत इतनी थी कि जमीन कई जगह ऊपर उठ गई और बड़े स्तर पर सुनामी आई. इस आपदा में 130 लोगों की मौत हुई और 2.3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.</dd>
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2004 में हिंद महासागर में सुमात्रा के पास आए 9.1 तीव्रता के भूकंप ने इतिहास की सबसे भयानक सुनामी को जन्म दिया. इस त्रासदी में 2.8 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई और करीब 11 लाख लोग बेघर हो गए. भारत, श्रीलंका, थाईलैंड और पूर्वी अफ्रीका तक इसका असर महसूस किया गया. (तस्वीर- 2004 का भूकंप)

2011 में जापान में 9.1 तीव्रता का ग्रेट टोहोकू भूकंप आया, जिसके बाद भयंकर सुनामी ने तटीय इलाकों को तबाह कर दिया. इसमें 15,000 से अधिक लोगों की जान गई और 1.3 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए. इस आपदा ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया.

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1952 में रूस के कमचटका इलाके में 9.0 तीव्रता का पहला दर्ज किया गया बड़ा भूकंप आया. इससे उत्पन्न सुनामी ने हवाई द्वीपों तक भारी तबाही मचाई और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ. यह घटना विश्व को भूकंप के समुद्री प्रभावों की गंभीरता से पहली बार रूबरू कराती है.

2010 में चिली के बायोबायो क्षेत्र में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप ने 523 लोगों की जान ले ली और 3.7 लाख से ज्यादा घरों को पूरी तरह तबाह कर दिया. यह भूकंप इतनी शक्ति से आया कि देश की संपूर्ण व्यवस्था हिल गई और कई शहरों का संपर्क टूट गया. (तस्वीर-चिली 2010 भूकंप)

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1906 में इक्वाडोर और कोलंबिया के तटीय क्षेत्रों में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया. इसने 1500 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और इसकी सुनामी लहरें अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को तक जा पहुंचीं. तब संचार के सीमित साधनों के कारण राहत कार्य भी मुश्किल हुआ.

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1965 में अलास्का के रैट आइलैंड्स के पास 8.7 तीव्रता का समुद्री भूकंप आया. इसकी वजह से 35 फीट ऊंची सुनामी की लहरें उठीं, जो कई तटीय इलाकों तक पहुंचीं. हालांकि कम जनसंख्या वाले इलाके होने के कारण जानमाल का नुकसान सीमित रहा.

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1950 में भारत के अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत क्षेत्र में 8.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसे असम-तिब्बत भूकंप कहा गया. इसमें 780 लोगों की जान गई. इस दौरान जमीन फट गई, बालू के फव्वारे निकलने लगे और कई स्थानों पर बड़े भूस्खलन हुए.

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2012 में इंडोनेशिया के सुमात्रा के पास समुद्र में 8.6 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया. इसमें जोरदार झटके महसूस किए गए, लेकिन जानमाल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. अधिकतर मौतें दिल का दौरा पड़ने जैसी मेडिकल इमरजेंसी से हुईं.

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रूस में आया जलजला तो कुछ नहीं, दुनिया के टॉप-10 भूकंप जिन्होंने मचाई तबाही

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