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Jabalpur Library News: जबलपुर की गांधी लाइब्रेरी में ₹200 में 15 हजार किताबें और अनलिमिटेड नेट मिलता है. यह लाइब्रेरी 140 साल पुरानी है और अब डिजिटल भी हो चुकी है. स्टूडेंट्स के लिए यहां…
जबलपुर की गांधी लाइब्रेरी करीब 140 साल पुरानी है, जो पुरानी टाउन हॉल, विक्टोरिया के नजदीक स्थित है. पहले यह लाइब्रेरी सिर्फ ऑफलाइन हुआ करती थी. जहां हजारों किताबें हुआ करती थी. लेकिन, अब सारी किताबें को डिजिटल कर दिया गया है, इतना ही नहीं गांधी लाइब्रेरी अब ऑफलाइन होने के साथ-साथ ही ऑनलाइन भी हो चुकी है. जिसे स्मार्ट सिटी ने करीब साढ़े 3 करोड़ रुपए से नया स्वरूप दिया है. इस लाइब्रेरी को सन 1885 में स्थापित किया गया था. इसे 1922 में नगर निगम के हैंडोवर कर दिया गया. तब से आज तक गांधी लाइब्रेरी का संचालन निगम कर रही है.
लाइब्रेरी के इंचार्ज सतीश चौरसिया ने बताया, लाइब्रेरी में आने के पहले मेंबरशिप लेनी होती है, जहां दो तरीकों से मेंबरशिप ली जा सकती है. पहला डिजिटल लाइब्रेरी और दूसरा ऑफलाइन लाइब्रेरी. डिजिटल लाइब्रेरी के लिए प्रतिमाह ₹200 स्टूडेंट्स को देने होते हैं. हालांकि, बीपीएल कार्ड धारकों के लिए महज 100 रुपये लगते हैं. डिजिटल लाइब्रेरी का संचालन दो शिफ्ट में किया जाता है, जहां पहली शिफ्ट सुबह 10 से लेकर दोपहर 2 बजे तक होती है. जबकि दूसरी शिफ्ट 2 बजे से लेकर 6 बजे तक होती है.
डिजिटल लाइब्रेरी के लिए करनी पड़ी जद्दोजहद
गांधी लाइब्रेरी स्थित डिजिटल लाइब्रेरी में 102 कंप्यूटर क्षेत्र लगाए गए हैं. जहां स्टूडेंट ऑनलाइन कॉम्पिटेटिव एग्जाम से लेकर अनलिमिटेड नेट और यूट्यूब में वीडियो देखकर अपनी पढ़ाई किया करते हैं. इतना ही नहीं स्टूडेंट को मॉक टेस्ट भी सॉल्व करने को मिलते हैं. साथ ही साथ स्टूडेंट सिंगल क्लिक से ही 15 हजार ऑनलाइन किताबें भी पढ़ सकते हैं. लिहाजा डिजिटल लाइब्रेरी में 102 कंप्यूटर होने के कारण काफी जद्दोजहद स्टूडेंट को करनी पड़ती है, बावजूद इसके जबलपुर की यह गांधी लाइब्रेरी स्टूडेंट्स की पहली पसंद हैं.
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