आयकर विभाग ने आज महानगर नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित भोपाल की तीन ब्रांच में सर्वे की कार्यवाही की है। आयकर अफसरों की टीम ने बैंक की स्टेटमेंट फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन में की जा रही गड़बड़ियों के चलते यह कार्यवाही की है। बैंक की बैरागढ़, टीटीनगर और करोंद
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आयकर अफसरों की टीम ने आयकर अधिनियम की धारा 133 ए के अंतर्गत बैंक में स्पाट वेरिफिकेशन की कार्यवाही शुरू की है। आयकर टीम ने वित्त वर्ष में चालू खाते में 50 लाख रुपए से अधिक और बचत खाते में दस लाख रुपए से अधिक नकद राशि जमा करने की जानकारी नहीं देने के मामले में कार्रवाई की है।
साथ ही दस लाख से अधिक नकद राशि से फिक्स डिपॉजिट, टाइम डिपॉजिट, एफडीआर बनाने वाले खातों की जानकारी आयकर विभाग को सही नहीं दिए जाने के चलते यह कार्यवाही की है। बैंक द्वारा विभाग को यह जानकारी दिए जाने के प्रावधान के बाद भी नहीं दी गई थी।
10 लाख से अधिक नकद जमा की जानकारी देना जरूरी
कोआपरेटिव बैंक, सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंक को वित्त वर्ष के दौरान चालू खाते में 50 लाख से अधिक और बचत खाते में दस लाख रुपए से अधिक नकद जमा करने पर खातों की पूरी जानकारी देना जरूरी है। साथ ही दस लाख रुपए से अधिक नकद राशि से फिक्स डिपॉजिट, टाइम डिपॉजिट, एफडीआर कराने वालों के खातों की जानकारी भी आयकर विभाग को देना जरूरी है। यह जानकारी आयकर अधिनियम की धारा 285 बीए के अंतर्गत देना जरूरी है।
इसी तरह रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार के दफ्तर में वित्त वर्ष के दौरान तीस लाख से अधिक की रजिस्ट्री की जानकारी भी आयकर विभाग को देना जरूरी है। इसके लिए कानूनी जानकारी से बचने के लिए सूचना देना जरूरी है जो कई बार बैंकों और रजिस्ट्रार दफ्तरों द्वारा नहीं दी जाती है।
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