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ashwagandha Indian Viagra herb : इस हर्ब्स को भारतीय वियाग्रा कहा जाता है. इसे इंडियन जिनसेंग भी कहा जाता है. यह शरीर में तनाव और एंग्जाइटी को दूर कर स्टेमिना को बूस्ट करता है जो यौन क्षमता को बढ़ाता है.

अश्वगंधा में 35 विभिन्न रसायन
हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक अश्वगंधा दुनिया भर में लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी बन गई है. इससे मेंटल हेल्थ, नींद की गुणवत्ता तथा एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार होती है. अश्वगंधा का पुरुष सेक्शुअल हेल्थ पर भी सकारात्मक प्रभाव हो सकता है. कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि अश्वगंधा के सेवन से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) भी ठीक हो जाता है. इरेक्टाइल डिसफंक्शन का मतलब संबंध बनाते समय पुरुषों में उत्तेजना नहीं होना है. अध्ययन के मुताबिक अश्वगंधा के अर्क में लगभग 35 विभिन्न रासायनिक तत्व पाए जा सकते हैं. हालांकि इसका अब तक कोई विशेष सक्रिय घटक निर्धारित नहीं किया गया है लेकिन अश्वगंधा को एक कामोत्तेजक माना जाता है. यानी ऐसी जड़ी-बूटी जो सेक्शुअल डिजायर,प्लेजर या स्टेमिना में सुधार के लिए उपयोग की जाती है.
अश्वगंधा के संभावित सेक्शुअल हेल्थ पर वैज्ञानिक अध्ययन किए गए हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश शोध टेस्ट ट्यूब (इन विट्रो) या जानवरों पर किए गए हैं. मौजूदा निष्कर्ष बताते हैं कि अश्वगंधा के कई फायदे हैं. अश्वगंधा को आमतौर पर रात में दूध में मिलाकर पिया जाता है. अश्वगंधा के सेवन से सूजन कम होती है. यह दर्द को कम करता है, एनर्जी लेवल को बढ़ाता है, तनाव या चिंता घटाता, नींद में सुधार करता, याददाश्त बढ़ाता है, ब्लड शुगर के स्तर कम करता है और यहां तक कि कुछ प्रकार की कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को भी रोक सकता है. 2002 के एक अध्ययन में यह देखा गया कि एक सप्ताह तक नर चूहों को अश्वगंधा का अर्क देने का क्या प्रभाव पड़ता है.
अश्वगंधा एक एडाप्टोजेन है, जो तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) को नियंत्रित करता है, मानसिक शांति प्रदान करता है और नींद की गुणवत्ता सुधारता है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, जिससे सर्दी-जुकाम और मौसमी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है. यह मांसपेशियों की ताकत, सहनशक्ति और ऊर्जा बढ़ाता है. विशेषकर व्यायाम करने वालों के लिए यह लाभकारी है. आम जन के साथ ही डायबिटिज के मरीजों के लिए भी अश्वगंधा बेहद फायदेमंद है. यह ब्लड में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में सहायक है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है. अश्वगंधा पाचन तंत्र को सुधारता है और हड्डियों को भी मजबूत बनाने में सहायक है. अश्वगंधा चूर्ण को अदरक और तुलसी के साथ चाय में मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है. गले की खराश और बुखार की समस्या में भी राहत मिलती है. आयुर्वेद में अश्वगंधा सेवन की विधि भी बताई गई है. इसके लिए चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर शहद या गुड़ के साथ ले सकते हैं. इसके साथ ही अश्वगंधा, अदरक और तुलसी डालकर 5 मिनट उबालकर चाय के रूप में भी ले सकते हैं.
इम्यूनिटी को बूस्ट करता है
अश्वगंधा तनाव, कमजोरी और कमजोर इम्यूनिटी से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान है. हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स कुछ लोगों को सावधानी से इसका सेवन करने की सलाह देते हैं. इनमें गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. यह थायराइड हार्मोन को प्रभावित कर सकता है. हाइपरथाइरॉइड के मरीजों को भी ध्यान रखना चाहिए. अश्वगंधा नींद को बढ़ा सकता है, जिससे दवाओं का प्रभाव बढ़ सकता है, अत: नींद की दवाइ लेने वाले लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए. अधिक मात्रा में इसके सेवन से पेट में जलन या दस्त की समस्या हो सकती है.-इनपुट-आईएएनएस
Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the…और पढ़ें
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