सिर्फ बरसात में ही उगती है यह खास देसी सब्जी, स्वाद और औषधीय गुणों का है खजाना, कर देती है शरीर की गर्मी दूर

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Sata Sabji Health Benefits: भरतपुर के ग्रामीण इलाकों में बरसात के मौसम में खुद-ब-खुद उगने वाली देसी सब्जी ‘साटा’ या ‘साटी’ स्वाद और सेहत का अनोखा संगम है. इसे न तो बोया जाता है, न ही कोई देखभाल की जाती है, फिर …और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • औषधीय गुणों से भरपूर है साटी सब्जी
  • शरीर की गर्मी को संतुलित करने में कारगर है साटी
  • सिर्फ बरसात के दिनों में ही मिलती है साटी सब्जी
भरतपुर. भरतपुर के ग्रामीण इलाकों में हर साल बरसात के मौसम में एक खास देसी सब्जी उगती है. इसे स्थानीय भाषा में ‘साटा’ या ‘साटी’ कहा जाता है. साटा न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होती है बल्कि आयुर्वेदिक गुणों से भी भरपूर मानी जाती है. यह शरीर की गर्मी को कम करने पाचन सुधारने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होती है. इससे आप भुजिया, कढ़ी, रायता और मिक्स सब्जियों में डालकर खा सकते हैं. यह सब्जी खेतों मेड़ों और बाड़ों के आस-पास प्राकृतिक रूप से उगती है.

इस सब्जी को न तो बोया जाता है और न ही किसी प्रकार की देखरेख की जाती है. फिर भी यह कुदरती रूप से अपने आप उगती है. यही वजह है कि ग्रामीणों क्षेत्र में यह सब्जी बरसात की एक खास सौगात मानी जाती है. इस साटी सब्जी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ वर्षा ऋतु में ही दिखाई देती है.इसकी पत्त‍ियां हरी और मोटी होती हैं और इसका स्वाद बिल्कुल अलग होता है. स्वाद में यह जितनी लाजवाब होती है, उतनी ही यह स्वास्थ्य के लिहाज से भी लाभकारी मानी जाती है.

साटा शरीर की गर्मी को करता है संतुलित

भरतपुर के वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. चन्द्र प्रकाश दीक्षित जो कि डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट एवं संभागीय समन्वयक, राजकीय आयुर्वेद एवं योग प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय भरतपुर में पदस्थ हैं ने बताया कि साटा शरीर की गर्मी को संतुलित करने में बेहद अच्छा होता है. इसके सेवन से पाचन क्रिया सुधरती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इस सब्जी की खास बात यह है कि इसे कई तरह से पकाया जा सकता है. गांवों में खासतौर पर सरसों के तेल में साटी की भुजिया बनाना बहुत आम है. इसमें हल्के मसाले डालकर इसे स्वादिष्ट बनाया जाता है. इसके अलावा इसे कढ़ी में डालकर या मिक्स सब्जियों के साथ भी पकाया जाता है. कुछ लोग तो इसका रायता भी बनाते हैं, जो स्वाद के साथ-साथ ठंडक भी देता है.

भरतपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में साटी सब्जी को केवल एक सब्जी नहीं बल्कि एक मौसमी वरदान की तरह देखा जाता है. लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं, क्योंकि इसका स्वाद और लाभ दोनों ही सिर्फ बरसात में ही मिलते हैं. यह देसी सब्जी भरतपुर की प्राकृतिक, पारंपरिक और जीवनशैली की एक अनूठी पहचान बन जाती है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसे काफी अधिक पसंद करते हैं और बड़े चाव से इसकी सब्जी बनाकर के खाते हैं.

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सिर्फ बरसात में ही उगती है यह खास देसी सब्जी, कर देती है शरीर की गर्मी दूर

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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