एकात्मक मानव दर्शन हीरक जयंती समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और पहलाद पटेल।
ग्वालियर में सोमवार शाम को एकात्म मानव दर्शन हीरक जयंती समारोह बनाया गयाा। वैसे तो यह 61वां आयोजन था, लेकिन इसे हीरक जयंती (75वां वर्ष) मानकर कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एकात्म मानव दर्शन एक सूत्र में पिरोने
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उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन से ही भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विकास संभव है। इसके बाद सीएम व अन्य अतिथियों ने 11 अगस्त 1964 को दौलतगंज स्थित रामनारायण धर्मशाला में भारतीय जनसंघ के अखिल भारतीय अभ्यास वर्ग में शामिल सदस्यों या उनके परिजन को सम्मानित किया है, क्योंकि इस एकात्म दर्शन की नींव उसी समय डल गई थी।
कार्यक्रम में कुछ लोगों का सम्मान भी हुआ।
जो दूसरे की पीड़ा को अपनी समझे, यही एकात्म मानव दर्शन का भाव
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में एकात्म मानव दर्शन हीरक जयंती समारोह किया गया है। मुख्य वक्ता एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ.महेश चंद्र शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बारे में युवा पीढ़ी को बताया कि क्या उनकी सोच हुआ करती थी और यह एकात्म दर्शन क्या है और क्यों जरुरी है।
महेश शर्मा ने कहा कि जो दूसरे की पीड़ा को अपनी समझे, यही एकात्म मानव दर्शन का भाव है। यह दर्शन व्यक्ति और प्रकृति में एकात्मकता के सामंजस्य पर जोर देता है और इसे हमें पूरे विश्व तक फैलाना है।

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में एकात्म मानव दर्शन हीरक जयंती समारोह का आयोजन किया गया।
एकात्म मानव दर्शन ही समाधान कारक है मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर का एकात्म मानव दर्शन व्यक्ति, समाज और प्रकृति के बीच सद्भाव और एकता पर जोर देता है। दुनिया में शांति व संतुलन एकात्म मानव दर्शन से ही संभव है। वर्तमान परिस्थिति में एकात्म मानव दर्शन ही समाधान कारक है।
पीएम के प्रयासों से आज विश्व योग दिवस मनाया जाता है अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने पं.दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यक्ति, समाज, राष्ट्र और विश्व का एकाकार जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से आज विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है।
हमारी संस्कृति नर से नारायण बनाती है। कार्यक्रम में मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि एकात्म मानव दर्शन दुनिया को दिशा दे सकता है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को आत्मसात करने से ही दुनिया में शांति संभव है।
कार्यक्रम में यह भी रहे उपस्थित कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रस्तावना एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के संयोजक मनोरंजन मिश्र ने प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत जयप्रकाश राजौरिया, मनोरंजन मिश्र, संजीव गोयल, दिनेश सिकरवार, डॉ.लोकेश शर्मा, शिवसिंह यादव ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंशुल श्रीवास्तव एवं आभार अजय जैन ने व्यक्त किया।
इनका हुआ सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर में 11 अगस्त 1964 को दौलतगंज स्थित रामनारायण धर्मशाला में भारतीय जनसंघ के अखिल भारतीय अभ्यास वर्ग में शामिल वैद्य कृष्णाचार्य गजेंद्र गडकर, जगदीश तोमर, स्व.मनमोहन बत्रा के पुत्र डॉ.एसपी बत्रा, स्व.नारायण कृष्ण शेजवलकर के पुत्र विवेक नारायण शेजवलकर को सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ग में पं.दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानव दर्शन का बीज रोपण किया था।
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