भारत को लग सकता है बड़ा झटका, अमेरिकी एजेंसी मूडीज ने इसकी बताई ये बड़ी वजह

Moody On India Growth: अमेरिकी रेटिंग एजेंसी Moody’s का कहना है कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर जारी असमंजस और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए टैरिफ भारत की आर्थिक वृद्धि पर असर डालेंगे. मूडीज रेटिंग्स के अनुसार, अमेरिकी बाजार तक भारत की सीमित पहुंच के चलते देश के विनिर्माण क्षेत्र, खासकर उच्च मूल्यवर्धित क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, में वृद्धि की संभावनाएं कम हो जाएंगी. हालांकि, एजेंसी ने यह भी कहा कि भारत की घरेलू मांग इन बाहरी दबावों के प्रति मजबूत बनी रहेगी.

25 प्रतिशत आयात शुल्क की घोषणा

राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो मौजूदा मानक आयात शुल्क के अतिरिक्त होगा. यह टैरिफ 7 अगस्त से लागू किया जाएगा. टैरिफ के अलावा, ट्रंप ने यह भी घोषणा की है कि रूस से व्यापार करने के कारण भारत पर ‘जुर्माना’ लगाया जाएगा. हालांकि, इस संभावित जुर्माने की राशि या स्वरूप के बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.

टैरिफ का नकारात्मक प्रभाव

Moody’s Ratings के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट क्रिश्चियन डी. गुजमैन ने बताया कि भारतीय उत्पादों पर लगने वाला संशोधित शुल्क एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अन्य प्रमुख निर्यातकों की तुलना में काफी अधिक है. जहां अन्य देशों पर आयात शुल्क 15 से 20 प्रतिशत के बीच है, भारत को उससे कहीं अधिक दर का सामना करना पड़ रहा है. गुजमैन का कहना है, “विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (अमेरिका) तक सीमित पहुंच के कारण भारत के विनिर्माण क्षेत्र- विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उच्च मूल्यवर्धित क्षेत्रों की वृद्धि की संभावना घट सकती है.”

ग्रोथ को हो सकता है नुकसान

भारत चीन से व्यापार और निवेश को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ऊंचे टैरिफ के कारण उसकी प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हो सकती है. भारत और अमेरिका इस समय एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं.

गौरतलब है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और वर्ष 2024 में भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत थी. मूडीज का मानना है कि भारत की घरेलू मांग मजबूत बनी रहेगी, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कम निर्भर है.

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