Dogfight between IND-MIG & PAK-MIG: इस बार मुकाबला भारत के मिग से पाकिस्तान के मिग से था. पाकिस्तान के तीन-तीन मिग-19 के सामने भारत का सिर्फ एक मिग-21 सुपरसोनिक फाइटर मोर्चा लिए हुए था. आमसान में इन एयरक्राफ्ट के बीच होने वाली डॉगफाइट के नतीजों का अंदाजा ज्यादातर लोग लगा चुके थे. लेकिन, अचानक पासा पटला और फिर कुछ ऐसा हुआ, जिसका किसी की भी सोच से परे था.
दुश्मन के राडार से बचने के लिए मारुत जेट बेहमद कम ऊंचाई पर उड़ान भर रहे थे. वहीं, उनको कवर दे रहे मिग-21 फाइटर जेट करीब 6560 फीट की ऊंचाई पर मारुत जेट के साथ-साथ आगे बढ़ रहे थे. कुछ ही पहलों के बाद, भारतीय मारुत जेट ने दुश्मन के लश्कर, व्हीकल और आर्टिलरी गनों को मिट्टी में मिलाना शुरू कर दिया. पहले लक्ष्य को सफलतापूर्वक मिट्टी में मिलाने के बाद मारुत जेट पश्चिम की ओर बढ़ गए, ताकि नया निशाना ढूंढा जा सके.
इसी बीच, भारतीय वायुसेना के मिग-21 में मौजूद पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट विक्रम समर विक्रम शाह की नजर सामने से आ रहे एक फाइटर जेट पर पड़ी. फ्लाइट लेफ्टिनेंट विक्रम समर विक्रम शाह को समझने में देर नहीं लगी कि वह दुश्मन का सेसना बर्ड डॉग फाइटर एयरक्राफ्ट था. उन्होंने अपनी रणनीति बदलती और अपने मिग-21 को तेजी से नीचे की ओर मोड़ दिया. इसी बीच, फ्लाइट लेफ्टिनेंट शाह ने अपने पीछे जो देखा, उनकी आंखें खुली की खुली रह गईं.
उनके पीछे करीब 1500 मीटर की दूरी पर पाकिस्तान के दो मिग-19 फाइटर जेट मौजूद थे, जो तेजी से उनकी तरफ बढ़ रहे थे. इसी बीच, दुश्मन का तीसरा मिग-19 आया और उनके ठीक ऊपर उड़ने लगा. फ्लाइट लेफ्टिनेंट शाह को दुश्मन ने तीन तरफ से घेर रखा था. करीब 650 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे फ्लाइट लेफ्टिनेंट शाह ने कुछ ही सेकेंडों में अपनी रणनीति तैयार की और कुछ ऐसा किया, जिसकी उम्मीद पाकिस्तानी पायलटों ने कभी नहीं की थी.
वह भी आधा चक्कर लगाने के बाद भागने की कोशिश में था, लेकिन गलती से वह एक मारुत फाइटर की दिशा में चला गया. फ्लाइट लेफ्टिनेंट शाह को मौका मिल गया. उन्होंने अपने मिग-21 को मिग-19 के पीछे ले गए और करीब 600 मीटर की दूरी से गोलीबारी शुरू कर दी. गोली लगते ही मिग-19 अनियंत्रित होकर पलट गया और सीधा रेगिस्तान में जा गिरा. महज तीन मिनट की लड़ाई में भारतीय मिग-21 ने पाकिस्तान के मिग-19 को खाक में मिला दिया.
इस मिशन में फ्लाइट लेफ्टिनेंट शाह ने अपने मिग-21 से दुश्मन के तीन मिग-19 को करिश्माई तरीके से धूल चटा दी, लेकिन अब उनके सामने एक नई चुनौती खड़ी थी. उन्होंने देखा कि उनके मिग-21 का फ्यूल बिल्कुल खत्म होने के कगार पर था. उन्होंने तुरंत 180 डिग्री का टर्न लिया और आसमान की तरफ बढ़ गए. एक निश्चित ऊंचाई पर पहुंचने के बाद उन्होंने इंजन की स्पीड कम की और सुरक्षित बेस में पहुंचने में कामयाब हो गए. जन उनका जेट रनवे पर लैंड हुआ, तब फ्यूल गेज पूरी तरह खाली हो चुका था और फ्यूल की आखिरी बूंद भी खत्म हो चुकी थी.
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