बंदूकों के साए में भुजरियों का महापर्व: विदिशा के झुकरजोगी गांव में फायरिंग कर फोड़ा नारियल, फिर हुआ भुजरियों का विसर्जन – Vidisha News

सावन के समापन पर रविवार को विदिशा जिले के झुकरजोगी गांव में भुजरिया पर्व हथियारों की गूंज और परंपरागत जोश के साथ मनाया गया। यहां सदियों से चली आ रही अनोखी परंपरा में ऊंचे पेड़ पर नारियल बांधा जाता है। गांव के लाइसेंसधारी बंदूकधारी निशानेबाज उसे गोली

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गांव के बुजुर्गों के अनुसार यह परंपरा आल्हा-उदल के जमाने से जुड़ी है। पुराने किस्सों में बताया जाता है कि भुजरियों के मौके पर हथियारों के साथ जुलूस निकलता था। यहां तक कि भुजरियों को ‘लूटने’ की रस्म भी होती थी। धीरे-धीरे यह बदलकर नारियल फोड़ने की निशानेबाजी में तब्दील हो गई। गांव राजपूत बहुल है और यहां के 25 से अधिक लोगों के पास आधिकारिक बंदूक लाइसेंस हैं। ये सभी हर साल इस आयोजन में भाग लेते हैं।

इस बार प्रशासन ने सुरक्षा और नियमों का हवाला देकर निशानेबाजी की अनुमति देने में सख्ती दिखाई थी। लटेरी एसडीओपी ने नियम तोड़ने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। ग्रामीणों ने भी परंपरा पूरी किए बिना विसर्जन से इनकार कर दिया। इसके बाद सुरक्षा घेरा बनाकर निशानेबाजी कराई गई। पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात रहे। बेरिकेडिंग की गई और भीड़ को नियंत्रित किया गया। देर शाम को बंदूक से नारियल फूटने के बाद भुजरियां विसर्जित की गईं।

मंदिर चौक पर सभी भुजरियां इकट्ठी की गईं। महिलाएं मंगल गीत गातीं और नृत्य करतीं रहीं। पुरुष बंदूक से नारियल फोड़ने का प्रयास करते रहे। नारियल गिरते ही तालियों और जयकारों के बीच भुजरियों का विसर्जन बेतवा नदी में किया गया।

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