बारिश में बढ़ जाता है करंट लगने का खतरा, ऐसी स्थिति में कैसे दें फर्स्ट एड?

दिल्ली स्थित BLK-Max Super Speciality Hospital के एक्सपर्ट के अनुसार, अगर किसी इंसान को इलेक्ट्रिक शॉक लगता है तो सबसे पहले यह समझने की कोशिश करें कि क्या उसे सांस लेने में किसी तरह की कोई दिक्कत या परेशानी हो रही है? कलाई पर 5 सेकंड के लिए नब्ज की जांच करें. स्किन में जलन/बर्न की जांच करें. देखें वह व्यक्ति होश में है या नहीं. इसके अलावा यह देखें कि कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक की स्थिति तो नहीं है. साथ ही, यह ध्यान रखें कि उसको छूते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसका करंट के साथ कोई संपर्क तो नहीं है.

दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. राकेश गुप्ता, सीनियर कंसलटेंट एंड एकैडमिक एडवाइजरी इंटरनल मेडिसिन बताते हैं कि एक बार उसका संपर्क करंट से टूट जाए तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए, ताकि समय पर इलाज किया जा सके.

दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. राकेश गुप्ता, सीनियर कंसलटेंट एंड एकैडमिक एडवाइजरी इंटरनल मेडिसिन बताते हैं कि एक बार उसका संपर्क करंट से टूट जाए तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए, ताकि समय पर इलाज किया जा सके.

कई बार बिजली का झटका लगने के तुरंत बाद शरीर में कोई बड़ा बदलाव नजर नहीं आता. लेकिन शॉक के कुछ घंटों बाद भी समस्या उभर सकती है. मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द, सांस लेने में दिक्कत, या दिल की धड़कन का असामान्य होना जैसी परेशानी सामने आ सकती है. ऐसे में अगर व्यक्ति को बेहोशी, थकावट, तेज धड़कन या सीने में दर्द जैसा अनुभव हो तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करना और ECG करवाना जरूरी है.

कई बार बिजली का झटका लगने के तुरंत बाद शरीर में कोई बड़ा बदलाव नजर नहीं आता. लेकिन शॉक के कुछ घंटों बाद भी समस्या उभर सकती है. मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द, सांस लेने में दिक्कत, या दिल की धड़कन का असामान्य होना जैसी परेशानी सामने आ सकती है. ऐसे में अगर व्यक्ति को बेहोशी, थकावट, तेज धड़कन या सीने में दर्द जैसा अनुभव हो तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करना और ECG करवाना जरूरी है.

इलेक्ट्रिक शॉक के बाद डॉक्टर अक्सर ECG और ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं. इसके अलावा त्वचा पर जलन या जलने की गहराई जांचने के लिए स्किन एसेसमेंट किया जा सकता है. अगर आशंका हो कि करंट का असर दिमाग, नसों या आंतरिक अंगों पर पड़ा है तो CT स्कैन या MRI भी करवाना पड़ सकता है.

इलेक्ट्रिक शॉक के बाद डॉक्टर अक्सर ECG और ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं. इसके अलावा त्वचा पर जलन या जलने की गहराई जांचने के लिए स्किन एसेसमेंट किया जा सकता है. अगर आशंका हो कि करंट का असर दिमाग, नसों या आंतरिक अंगों पर पड़ा है तो CT स्कैन या MRI भी करवाना पड़ सकता है.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि करंट लगने के बाद सबसे जरूरी है तुरंत फर्स्ट एड देना. सबसे पहले प्रभावित जगह को साफ पानी से धोएं, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके. इसके बाद सूजन और जलन को रोकने के लिए ठंडे पानी या बर्फ की सिकाई करें.साथ ही, व्यक्ति की सांस और नब्ज की जांच करें.अगर सांस रुक गई है या नब्ज नहीं मिल रही है तो तुरंत CPR देना जरूरी है.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि करंट लगने के बाद सबसे जरूरी है तुरंत फर्स्ट एड देना. सबसे पहले प्रभावित जगह को साफ पानी से धोएं, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके. इसके बाद सूजन और जलन को रोकने के लिए ठंडे पानी या बर्फ की सिकाई करें.साथ ही, व्यक्ति की सांस और नब्ज की जांच करें.अगर सांस रुक गई है या नब्ज नहीं मिल रही है तो तुरंत CPR देना जरूरी है.

अगर करंट लगने से स्किन पर जलन हो गई है तो कम से कम 20 मिनट तक प्रभावित हिस्से को खुले नल के ठंडे पानी के नीचे रखें. इससे जलन कम होगी और त्वचा को नुकसान से बचाया जा सकेगा. इसके बाद जली हुई जगह को साफ और स्टेराइल गौज-बैंडेज से ढंकें, ताकि इंफेक्शन न हो.

अगर करंट लगने से स्किन पर जलन हो गई है तो कम से कम 20 मिनट तक प्रभावित हिस्से को खुले नल के ठंडे पानी के नीचे रखें. इससे जलन कम होगी और त्वचा को नुकसान से बचाया जा सकेगा. इसके बाद जली हुई जगह को साफ और स्टेराइल गौज-बैंडेज से ढंकें, ताकि इंफेक्शन न हो.

इन शुरुआती स्टेप्स के बाद समय बर्बाद न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. सही समय पर इलाज शुरू होने से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है और मरीज की रिकवरी तेज हो सकती है. डॉक्टर जरूरत पड़ने पर ECG, ब्लड टेस्ट, या स्कैन जैसी जांच कर सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि करंट का असर शरीर के अंदरूनी अंगों तक न गया हो.

इन शुरुआती स्टेप्स के बाद समय बर्बाद न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. सही समय पर इलाज शुरू होने से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है और मरीज की रिकवरी तेज हो सकती है. डॉक्टर जरूरत पड़ने पर ECG, ब्लड टेस्ट, या स्कैन जैसी जांच कर सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि करंट का असर शरीर के अंदरूनी अंगों तक न गया हो.

Published at : 24 Jul 2025 02:15 PM (IST)

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