अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी में भारत: कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 50% तक टैरिफ लगा सकता है

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मुंबई8 मिनट पहले

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अमेरिका ने भारतीय स्टील, एल्युमिनियम और कई प्रोडक्ट्स पर 50% टैरिफ (इंपोर्ट ड्यूटी) लगाया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अब इसके जवाब में भारत भी चुनिंदा अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 50% तक टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है।

अगर ऐसा होता है, तो यह अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ पर भारत का पहला औपचारिक पलटवार होगा। ट्रम्प ने 31 जुलाई को सभी भारतीय प्रोडक्ट्स पर 25% टैरिफ लगाया था। इसके बाद फिर 6 अगस्त को रूस से ऑयल इंपोर्ट को लेकर भारत पर 25% का एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया था।

बातचीत से ट्रेड वॉर तक

स्टील और एल्युमिनियम विवाद फरवरी से चल रहा है, जब ट्रम्प प्रशासन ने इन मेटल्स पर 25% टैरिफ लगाया था। जून में इस ड्यूटी को बढ़ाकर 50% कर दिया गया। इससे कम से कम 7.6 बिलियन डॉलर यानी 66,559 करोड़ रुपए के इंडियन एक्सपोर्ट पर असर पड़ा है।

भारत ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन यानी WTO में कहा था कि अमेरिका के कदम को ‘नेशनल सिक्योरिटी’ के नाम पर छिपाया गया है, जबकि असल में ये WTO के नियमों के उलट सेफगार्ड ड्यूटी हैं। अमेरिका ने इस मामले में बातचीत से मना कर दिया। इसके बाद भारत ने अब WTO नियमों के तहत पलटवार की कानूनी तैयारी कर ली है।

भारत कितना टैरिफ लगा सकता है?

हिंदुस्तान टाइम्स ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि अमेरिका भारत की चिंताओं को बातचीत से सुलझाने के लिए तैयार नहीं है। जिससे भारत के पास पलटवार के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचा है। इस पलटवार की शुरुआत अमेरिकी प्रोडक्ट्स के एक सेट पर ऐसे टैरिफ से हो सकती है, जो अमेरिकी ड्यूटी से हुए नुकसान के रेश्यो में हो। यानी भारत ऐसे प्रोडक्ट्स पर 50% तक टैरिफ लगा सकता है।

एक अन्य अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि अमेरिका एक ओर बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत कर रहा है, तो दूसरी ओर भारत के इकोनॉमिक इंटरेस्ट के खिलाफ अनुचित कदम उठा रहा है। यही वजह है कि भारत को अमेरिका की एकतरफा और अनुचित कार्रवाई का जवाब देने का अधिकार है।

बिलियन डॉलर का व्यापार दांव पर

भारत को अमेरिका 45 बिलियन डॉलर से ज्यादा का एक्सपोर्ट करता है। वहीं, हालिया टैरिफ से पहले भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट 86 बिलियन डॉलर का था। अगर भारत टैरिफ के मामले में जवाबी कार्रवाई करता है, तो व्यापार घाटा और बदल सकता है।

इस साल फरवरी में प्रेसिडेंट ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाइलेटरल ट्रेड को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने और बातचीत शुरू करने का वादा किया था। लेकिन, अमेरिका भारत के कृषि और संवेदनशील सेक्टरों में ज्यादा रिआयत चाहता है। वहीं अमेरिकी मांग को भारत ने ठुकरा दिया, जिसके बाद ट्रेड डील पर बातचीत ठप पड़ गई।

भारत को ट्रम्प का साफ संदेश

ट्रम्प ने गुरुवार को भारत के साथ बातचीत बहाल करने की संभावना को खत्म कर दिया। व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से ट्रम्प ने कहा कि मौजूदा विवाद सुलझने तक भारत के साथ ट्रेड डील पर बातचीत आगे नहीं बढ़ने वाली है।

मेटल तक सीमित नहीं व्यापार

अमेरिका ने 2024-25 में भारत को 13.62 बिलियन डॉलर (1.19 लाख करोड़ रुपए) का एनर्जी एक्सपोर्ट किया, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल्स और अन्य गुड्स में भी बड़ा व्यापार किया। दोनों देशों के बीच सर्विस ट्रेड भी महत्वपूर्ण है। 2024 में बाइलेटरल सर्विसेज का बिजनेस 83.4 बिलियन डॉलर (7.30 लाख करोड़ रुपए) का रहा, जिसमें अमेरिका का 102 मिलियन डॉलर (893 करोड़ रुपए) का सरप्लस था।

2024 में भारत को अमेरिकी सर्विस एक्सपोर्ट करीब 16% बढ़कर 41.8 बिलियन डॉलर (3.66 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंचा, जबकि भारत से इंपोर्ट भी लगभग समान दर से बढ़कर 41.6 बिलियन डॉलर यानी 3.64 लाख करोड़ रुपए हो गया।

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भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर आज यानी, 7 अगस्त से 25% टैरिफ लागू हो गया है। वहीं 25% एक्स्ट्रा टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। अभी भारतीय सामानों पर करीब 10% टैरिफ लगता था। नए टैरिफ लगने से भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें…

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