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पहले के जमाने में न डॉक्टर आसानी से मिलते थे और न ही दवाइयां उपलब्ध होती थीं. ऐसे समय में लोग बीमार होने पर घर पर ही औषधीय पौधों और फलों से अपना उपचार कर लेते थे. यही देसी नुस्खे उनके लिए रामबाण इलाज साबित होते थे. आज भले ही लोग इनका महत्व कम समझते हों, लेकिन कुछ पौधे और फल ऐसे हैं जिनमें जबरदस्त औषधीय गुण पाए जाते हैं. ये न सिर्फ कई बीमारियों को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं बल्कि शरीर को मजबूत और स्वस्थ भी बनाए रखते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही पौधों और फलों के फायदे….

हमारे आसपास कई ऐसी जड़ी-बूटियां होती हैं जिनका सेवन करने से हम छोटी-छोटी बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकते हैं. उनमें से एक चिरायता भी शामिल है. बुखार को जड़ से खत्म करने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए यह काफी रामबाण औषधि है. इसका सेवन हमारी सेहत के लिए बेहतर माना जाता है.

हरश्रृंगार का पौधा भी सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है. इस पौधे के कई औषधीय गुण होते हैं. इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो सेहत को फायदेमंद तरीके से लाभ पहुंचाते हैं.

तुलसी का पौधा भी अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है. यह एक शक्तिशाली औषधीय पौधा है, जो फेफड़ों के संक्रमण, सर्दी, खांसी और बुखार में फायदेमंद होता है. इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं. पहले के जमाने में जब दवाइयां नहीं होती थीं, तो लोग इन्हीं प्राकृतिक तरीकों से खुद को ठीक कर लेते थे.

पहले के जमाने में दवाइयों का इतना क्रेज नहीं था, ऐसे में तबीयत खराब होने पर लोग जड़ी-बूटियों और देसी नुस्खों का इस्तेमाल करके ही ठीक हो जाते थे. इन्हीं में से एक है हल्दी, जिसमें ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो टीबी जैसी गंभीर बीमारी को खत्म करने में मददगार होते हैं. हल्दी को तुलसी के साथ उबालकर पीने से यह बीमारी जड़ से मिट जाती है और सेहत बेहतर बनी रहती है. यही वजह है कि हल्दी को आज भी एक बेहद फायदेमंद औषधि माना जाता है.

पुराने जमाने में लोग दाग-धब्बे और मुंहासों को कम करने के लिए दवाई और क्रीम के बजाय एलोवेरा का इस्तेमाल करते थे. एलोवेरा आज भी एक बेहतरीन जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है. इसका नियमित उपयोग त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाता है. साथ ही, यह चेहरे के कालापन और अनचाहे दाग-धब्बों को दूर करने में भी मददगार है. यही वजह है कि एलोवेरा को अब भी एक प्रभावी औषधि माना जाता है.

आंवला सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. पुराने जमाने में लोग आंवले का अचार और मुरब्बा खाते थे, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी लाभकारी होता था. आंवला मधुमेह रोगियों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके अलावा, इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो त्वचा को चमकदार और बालों को मजबूत व घना बनाते हैं. वजन घटाने में भी आंवला सहायक माना जाता है और पहले के जमाने में लोग इसे प्राकृतिक रूप से फिट और स्वस्थ रहने के लिए इस्तेमाल करते थे.

हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. मनोज तिवारी ने लोकल 18 को बताया कि पहले के जमाने में लोग इतने जागरूक नहीं होते थे. उस समय न तो दवाइयां इतनी विकसित थीं और न ही डॉक्टर आसानी से उपलब्ध होते थे. ऐसे में लोग घर पर ही उपचार के लिए जड़ी-बूटियों और घरेलू नुस्खों का सहारा लेते थे. आज भले ही लोग दवाइयों पर भरोसा करते हों, लेकिन इन देसी चीजों और औषधीय पौधों के फायदे दवाइयों से कहीं ज्यादा माने जाते हैं. ये अलग-अलग बीमारियों को ठीक करने के साथ-साथ शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करते हैं.