बैतूल जिला कांग्रेस अध्यक्ष निलय डागा के स्वागत के दौरान कारगिल चौक पर पार्टी का झंडा लगाने से हुआ विवाद अब और बढ़ गया है। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने डागा समेत 16 कांग्रेसियों पर सरकारी काम में रुकावट डालने का केस दर्ज किया है।
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डागा ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बैतूल की राजनीति में आज से नया दौर शुरू हो गया है। यहां दबाव बनाकर और झूठे केस विपक्ष पर लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस को दबाने और जनता की आवाज को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
क्या है विवाद का पूरा मामला दरअसल, 18 अगस्त को जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार बैतूल पहुंचे डागा का जोरदार स्वागत किया गया था। जगह-जगह स्वागत द्वार और झंडे लगाए गए थे। इसी दौरान कारगिल चौक पर कांग्रेस का झंडा लगाने को लेकर भाजपा नेता सतीश बड़ोनिया और शहर कांग्रेस अध्यक्ष मोनू बड़ोनिया व पार्षद उमाशंकर दीवान के बीच बहस हो गई। आरोप है कि झगड़े में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेता के साथ मारपीट भी की।
बीजेपी नेताओं ने थाने का घेराव किया इसके बाद भाजपा नेताओं ने कोतवाली थाने जाकर विरोध जताया और पुलिस ने मोनू बड़ोनिया व उमाशंकर दीवान पर केस दर्ज कर लिया। इसकी खबर लगते ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष डागा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कोतवाली थाने पहुंच गए और मुख्य द्वार पर करीब तीन घंटे तक धरना दिया। उन्होंने भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।
पुलिस ने निलय डागा समेत 16 कांग्रेसियों पर केस दर्ज किया कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि भाजपा नेता ने कारगिल चौक स्मारक से सरकारी झंडा हटाया है। हालांकि बाद में एसडीओपी ने उन्हें सीसीटीवी फुटेज दिखाया, जिसमें साफ हुआ कि बड़ोनिया ने सरकारी नहीं बल्कि कांग्रेस का झंडा हटाया था। इसके बाद रात 10 बजे धरना खत्म कर दिया गया। गुरुवार को कोतवाली पुलिस ने निलय डागा, मोनू बड़ोनिया, बब्बा राठौर समेत 16 कांग्रेसियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।