Gall Bladder Stone Foods: गॉल ब्लैडर स्टोन यानी पित्त की पथरी होना आजकल आम हो गया है. बता दें कि पथरी गॉल ब्लैडर में बिलीरुबीन के जमने से बनती है जो एक तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है. पित्त में पथरी होने पर अचानक से तेज और असहनीय दर्द जैसे समस्या हो जाती है. कई बार पित्त की पथरी को दवाइयों से ठीक किया जा सकता है, लेकिन स्थिति गंभीर हो तो सर्जरी जरूरी है. डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स पित्त की पथरी से पीड़ित लोगों को खाने-पीने का खास ख्याल रखने की सलाह देते हैं.
पित्त की पथरी से पीड़ित लोगों को डाइट में फाइबर और विटामिन सी की मात्रा को बढ़ाकर सैचुरेटेड फैट्स और कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा को सीमित करना चाहिए. वहीं, कुछ चीजों के सेवन से बचना चाहिए. अब सवाल है कि आखिर क्या करता है गॉल ब्लैडर? पित्त की पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए? किन चीजों से दर्द और सूजन बढ़ सकती है? इस बारे में News18 को बता रही हैं कैलाश दीपक हॉस्पिटल दिल्ली की सीनियर डाइटिशियन ऋचा शर्मा-
गॉल ब्लैडर का शरीर में क्या है काम
एक्सपर्ट के मुताबिक, गॉल ब्लैडर के फंक्शन की बात करें तो इसका काम पित्त को जमा कर उसे पाचन के लिए छोटी आंत में पहुंचाना होता है. इससे हमारा खाना पचता है, लेकिन जब पित्ताशय सही तरीके से काम नहीं करता है तो परेशानी पैदा हो सकती है. अगर आपने समय रहते इस समस्या का इलाज नहीं किया तो समय के साथ पथरी का आकार और संख्या दोनों बढ़ सकते हैं. इसलिए आपको ऐसी समस्या होने पर अपने खानपान का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है.
पित्त की पथरी होने पर क्या नहीं खाना चाहिए
– डाइटिशियन के मुताबिक, टमाटर और बैंगन दोनों मे ही छोटे-छोटे बीज पाए जाते हैं जो पाचन में परेशानी पैदा कर सकते हैं. ये बीज बेहद छोटे होते हैं जो गॉल ब्लैडर में जाकर दर्द और सूजन बढ़ा सकते हैं.
– चाय और कॉफी दोनों मे ही कैफीन पाया जाता है और इनका सेवन गॉल ब्लैडर को ज्यादा बाइल रिलीज करने पर मजबूर करता है, जिससे पेट में दर्द और ऐंठन हो सकती है. ये ड्रिंक्स पथरी बनने की संभावना को बढ़ा सकती हैं क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट भी करती हैं.
– पालक और चुकंदर दोनों में ही ऑक्जेलेट की मात्रा ज्यादा होती है, बता दें कि ये कैल्शियम के साथ मिलकर क्रिस्टल्स बना सकते हैं. जिससे पित्त में पथरी की समस्या है उनको इनका सेवन सीमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है.
– कुछ दालों का सेवन भी पित्त में पथरी की समस्या को बढ़ा सकता है, जैसे राजमा, छोले और उड़द की दाल जिसमें हाई फाइबर और प्रोटीन पाए जाते हैं. ये हैवी होते हैं और इनको पचाने में समय लगता है. जिससे गॉल ब्लैडर पर ज्यादा दबाव पड़ता है और पथरी के लक्षण और तेज हो सकते हैं.
– रेड मीट और अंडे की जर्दी में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है. इसलिए इनको पचाने में ज्यादा मेहनत लगती है. गॉल ब्लैडर में पथरी होने से उसकी कार्य क्षमता धीमी हो जाती है. ऐसे में इनका सेवन बेहद सीमित या पूरी तरह से टालना बेहतर है.
गॉल ब्लैडर की पथरी में किन चीजों का सेवन फायदेमंद
दूध, दही, पनीर का सेवन कर सकते हैं. बस ये लो फैट वाली होनी चाहिए.
ब्राउन राइस, ओट्स, दलिया और मल्टीग्रेन रोटी का सेवन कर सकते हैं.
कम मसालों में बनी सब्जियों में तरोई, लौकी, भिंडी, गाजर और कद्दू खाएं.
फलों में आप सेब, केला, नाशपाती, पपीता और तरबूज जैसे फल खा सकते हैं.
ज्यादा मात्रा में पानी, नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी जैसे ड्रिंक्स लें.
उबली मूंग दाल, उबले चने (कम मात्रा में), टोफू और उबला अंडा ले सकते हैं.
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