अगर आपके बच्चे में दिख रहे हैं यह संकेत, तो हो जाएं सावधान, वरना रुक जाएगा विकास, डॉक्टर से जानें सबकुछ

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Health Tips: डॉ. तेज सिंह ने बताया कि बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए सही पोषण, नियमित दिनचर्या और समय पर स्वास्थ्य जांच जरूरी है. संतुलित आहार और खेलकूद से संपूर्ण विकास होता है.

जौनपुर: बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए सही पोषण, नियमित दिनचर्या और समय पर स्वास्थ्य जांच बेहद जरूरी है. जौनपुर के प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. तेज सिंह ने बताया कि जन्म से लेकर किशोरावस्था तक बच्चों का हर माह और हर साल अलग-अलग तरह से विकास होता है. ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की खान-पान की आदतों, खेलकूद और पढ़ाई के समय में संतुलन बनाए रखें. उन्होंने कहा कि संपूर्ण विकास के लिए बच्चों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन युक्त भोजन देना चाहिए. हरी सब्जियां, मौसमी फल, दूध और सूखे मेवे बच्चों की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करते हैं. इसके साथ ही रोजाना कम से कम एक घंटा आउटडोर खेल या शारीरिक गतिविधि जरूरी है, जिससे उनका शरीर चुस्त और दिमाग तेज बना रहता है. मोबाइल और टीवी के अत्यधिक उपयोग से बचाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.

कैसे पहचानें कि बच्चे का विकास रुक रहा है
डॉ. तेज सिंह ने बताया कि अगर बच्चे का वजन और लंबाई उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ रही है, या बच्चा बार-बार बीमार पड़ रहा है, तो यह विकास में रुकावट का संकेत हो सकता है. उन्होंने कहा कि शिशुओं का पहले साल में वजन तीन गुना और दूसरे साल में लगभग चार गुना हो जाना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हो रहा, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए.

मानसिक विकास की पहचान के लिए देखा जा सकता है कि बच्चा उम्र के अनुसार नई चीजें सीख रहा है या नहीं. उदाहरण के लिए, 6 महीने में पलटना, 9 महीने में खड़ा होना और 1 साल के आसपास चलना सामान्य माइलस्टोन हैं. इन गतिविधियों में देरी विकास संबंधी समस्या की ओर इशारा करती है.
इसके अलावा, अगर बच्चा बोलने में देर कर रहा है, बहुत चिड़चिड़ा रहता है या दूसरों के साथ घुलता-मिलता नहीं है, तो यह भी मानसिक विकास में देरी का संकेत हो सकता है. ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए.

डॉ. सिंह ने कहा कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए टीकाकरण समय पर कराना, संतुलित आहार देना, नियमित स्वास्थ्य जांच और खेलकूद को जीवन का हिस्सा बनाना जरूरी है. उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि बच्चों की छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज न करें और समय रहते सही इलाज कराएं, ताकि उनका भविष्य स्वस्थ और उज्ज्वल बन सके.

Lalit Bhatt

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे…और पढ़ें

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे… और पढ़ें

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