बता दें कि 15 अगस्त के दिन झंडोतोलन के बाद लोग बुनिया और जलेबी खूब खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है? पूर्णिया की DIET-4U की न्यूट्रिशनिस्ट रुखसाना अजहर बताती हैं कि फेस्टिव सीजन की शुरुआत होते ही लोग अपने खान-पान में बदलाव कर देते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है.
इसका सबसे बड़ा कारण बाजारू सामान का अधिक इस्तेमाल है. जैसे बुनिया, जलेबी, समोसा, और कचोरी. ये चीजें स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाती हैं. इन खाद्य पदार्थों में उच्च गुणवत्ता का अभाव होता है, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है. दूसरा कारण दुकानदारों द्वारा तेल का बार-बार जलाना है, जिससे उसमें ट्रांसफैट बनते हैं और यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है.
हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें. जब भी इन चीजों की खरीदारी करें, तो ध्यान रखें कि सामान खुला में न रखा हो और कम गुणवत्ता वाली सामग्री से बनी चीजों का उपयोग न करें. बासी सामान का प्रयोग न करें और ताजा सामग्री का ही उपयोग करें. ताजी मिठाई, समोसा, कचोरी, जलेबी शुद्ध तेल में बनवाकर खाएं.
यदि आप फेस्टिव सीजन में अनियंत्रित खाने से फूड पॉइजनिंग के शिकार हो जाते हैं, तो अधिक पानी पिएं, सौंफ और अजवाइन का पानी, नारियल पानी पिएं. हल्का और सुपाच्य खाना खाएं. इन उपायों से फूड पॉइजनिंग से राहत मिल सकती है.
फूड पॉइजनिंग होने पर लूज मोशन, बुखार, सर दर्द, टाइफाइड और अन्य समस्याएं होने लगती हैं. कई बार लोगों को डिहाईड्रेशन की समस्या होती है. इसलिए शुद्ध और ताजी चीजों का ही सेवन करें ताकि स्वास्थ्य बेहतर बना रहे.