Last Updated:
सांप के जहर से बनी एंटी-एजिंग क्रीम चेहरे की झुर्रियों को कम करती है. थाईलैंड में पाए जाने वाले टेम्पल वाइपर (Temple Viper) सांप के जहर का सिंथेटिक वर्जन यूज कर इसे बनाया जाता है.

झुर्रियों को कम करने के लिए बाजार में कई फेस क्रीम आती हैं, जो भरपूर केमिकल से बनाई जाती हैं. झुर्रियों पर भारी पड़ने वाली चीजों पर रिसर्च कर कई चीजें तैयार की जाती हैं, जिनमें से एक है सांप का जहर. ऐसे एंटी-एजिंग डेली मॉइस्चराइजर में जो मुख्य इंग्रेडिएंट यूज किया गया है वो है- थाईलैंड में पाए जाने वाले टेम्पल वाइपर (Temple Viper) सांप के जहर का सिंथेटिक वर्जन. इसमें मौजूद एमिनो एसिड मसल्स को सिकुड़ने से रोकते हैं, जिससे चेहरे पर नई झुर्रियां बनने से बचती हैं. ऐसी क्रीम त्वचा को उसी तरह ‘स्टन’ करती है, जैसे असली सांप का डंक करता है, और इसका असर बोटॉक्स जैसा होता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
सेल्फ्रिज की ब्यूटी एक्सपर्ट क्रिस्टीन बेंसन के मुताबिक, अमेरिका में पिछले कुछ महीनों से सांप के जहर वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है और खासकर हॉलीवुड स्टार्स भी इसके दीवाने हैं. उनका कहना है, “बोटॉक्स की तरह यह चेहरे को पूरी तरह फ्रीज नहीं करता, लेकिन झुर्रियों को कम करता है और उन मसल्स को अस्थायी रूप से पेरालाइज करता है, जिनकी वजह से लाइन्स और क्रीज बनती हैं.” लंदन के हार्ले स्ट्रीट मेडिकल स्किन क्लिनिक के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आमिर खान का कहना है कि ऐसे प्रोडक्ट उन लोगों के लिए अच्छे हो सकता है जो इंजेक्शन नहीं लेना चाहते. हालांकि, उनका मानना है कि इसका असर बोटॉक्स जितना ड्रामेटिक नहीं होगा और इसे बार-बार लगाना पड़ेगा, क्योंकि शरीर इसे जल्दी बाहर निकाल देता है. लिवरपूल यूनिवर्सिटी के फार्माकोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. डोमिनिक विलियम्स का भी कहना है कि असर बनाए रखने के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल जरूरी है.
क्या भारत में भी सांप के जहर से एंटी एजिंग क्रीम बनाई जाती है?
भारत में भी सांप के जहर से बने एंटी-एजिंग स्किनकेयर प्रोडक्ट बेचे जाते हैं, लेकिन यह असली जहर नहीं होता, बल्कि उसका सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया सिंथेटिक रूप होता है. उदाहरण के तौर पर, Entod Beauty London ने भारत में “Vasuki” नाम का फेसियल जेल सीरम लॉन्च किया, जिसमें स्वीडिश कंपनी Pentapharm Ltd. द्वारा विकसित सिंथेटिक ट्राइपेप्टाइड स्नेक वेनम न्यूरोटॉक्सिन का इस्तेमाल किया गया है. इस तरह के सीरम का दावा है कि यह त्वचा की मांसपेशियों को रिलैक्स करके बारीक रेखाओं और झुर्रियों को कम करता है, जिससे बोटॉक्स जैसा असर मिलता है. हालांकि, इनका असर अस्थायी होता है और अच्छे परिणाम के लिए इन्हें नियमित रूप से इस्तेमाल करना पड़ता है.
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें