Gallbladder Removal Side Effects: पित्ताशय हटाने की सर्जरी दुनियाभर में सबसे आम सर्जिकल प्रक्रियाओं में से एक है. इस सर्जरी को कोलेसिस्टेक्टॉमी भी कहा जाता है. यह सर्जरी पित्ताशय की पथरी, सूजन या पित्त नली में रुकावट होने पर किया जाता है. पित्ताशय हटाने की सर्जरी उन लोगों के लिए वरदान साबित होती है, जो पुराने दर्द या पित्ताशय की पथरी से पीड़ित हैं. गॉल ब्लैडर सर्जरी 2 तरह से की जाती है- लैप्रोस्कोपिक (दूरबीन द्वारा) और ओपन सर्जरी. लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के लिए पेट में चार छोटे सुराख किए जाते हैं. इस सर्जरी का फायदा यह है कि इसमें दर्द कम होता है, स्वास्थ्य लाभ तेजी से मिलता है और शरीर पर दाग भी नहीं पड़ता है. हालांकि, दोनों ही सर्जरी कामयाब हैं. अब सवाल है कि आखिर पित्ताशय हटा दिया जाए तो क्या होगा? क्या हैं इसके नुकसान? गॉल ब्लैडर निकलने के बाद किन खाद्य पदार्थों से बचें? आइए जानते हैं इस बारे में-
गॉल ब्लैडर दिया जाए तो क्या होगा?
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइल जूस (पाचन रस) के बनने और गॉल ब्लैडर की भूमिका के बारे में वैज्ञानिक तथ्य जानना जरूरी है. बता दें कि, बाइल जूस लिवर में बनता है और गॉल ब्लैडर लिवर की सतह के नीचे स्थित होता है, जिसमें लिवर में बना बाइल एकत्रित हो जाता है. जब खाना पेट से छोटी आंत में पहुंचता है, तो गॉल ब्लैडर में बार-बार संकुचन होने लगता है और उसमें एकत्रित हुआ बाइल निकलने लगता है, जिससे पाचन की क्रिया में मदद मिलती है. ऐसे में अगर गॉल ब्लैडर को निकाल दिया जाएगा, तो बाइल सीधे आंत में पहुंचने लगेगा.
पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान
वसा पचाने में कठिनाई: रिपोर्ट के मुताबिक, पित्ताशय के बिना पित्त रिलीज को नियंत्रित कर पाना अधिक संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में मरीज अक्सर सूजन, अपच, या पेट की असुविधा का अनुभव करते हैं. खासकर उच्च वसा वाला भोजन करने के बाद. ये लक्षण आमतौर पर समय के साथ सुधारते हैं, लेकिन कुछ व्यक्तियों में बने भी रह सकते हैं. इसके अलावा, गॉल ब्लैडर निकलवाने से आपको ज्यादा तेल मसाला वाले खाने को पचाने में मुश्किल हो सकती है.
पेट दर्द: पित्त की थैली निकालने के बाद आपको लंबे समय के लिए पेट दर्द हो सकता है. दरअसल, ये कुछ लोगों को सर्जरी के बाद पहले महीने के दौरान फैट युक्त खाद्य पदार्थों को पचाने में थोड़ी अधिक कठिनाई होने के कारण हो सकता है. ऐसे में आपको गॉल ब्लैडर रिमूवल के बाद कम फैट वाला और सिंपल खाना खाने की कोशिश करनी चाहिए.
कब्ज: गॉल ब्लैडर निकलवाने के बाद कुछ लोगों को दर्द निवारक दवाओं के कारण भी कब्ज की समस्या हो सकती है. ऐसे में आपको इस परेशानी को ठीक करने के लिए फाइबर से भरपूर आहार जैसे बीन्स, चोकर वाला आटा, साबुत अनाज और फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां का सेवन करना चाहिए.
डायरिया: जब गॉल ब्लैडर निकल जाता है, तो शरीर में बाइल जूस कंट्रोल नहीं हो पाता है जिससे यह आपकी छोटी आंत में अधिक लगातार, लेकिन कम मात्रा में प्रवाहित होगी. इससे कई लोगों में सर्जरी के बाद पहले कुछ दिनों तक दस्त हो सकते हैं. ये कुछ लोगों में दो-तीन दिनों से अधिक समय तक रह सकता है और ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
बीमार फील करना: गॉल ब्लैडर निकलवाने के बाद आप लंबे समय तक बीमार महसूस कर सकते हैं. ये सब दवाइयों के कारण होता है, जो कि आपके शरीर पर दूसरे नुकसान पहुंचाते हैं. जैसे कि भारी दवाओं के कारण आपको नींद आ सकती है. आपको शरीर भारी-भारी लग सकता है. मन बेचैन हो सकता है और आप लंबे समय के लिए बीमार हो सकते हैं.
पीलिया: कुछ मामलों में गॉल ब्लैडर की सर्जरी के बाद बाइल डक्ट में कुछ पथरी रह जाती हैं. यह आपकी छोटी आंत में पित्त के प्रवाह को ब्लॉक कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप सर्जरी के तुरंत बाद दर्द, बुखार, मतली, उल्टी, सूजन और पीलिया हो सकता है. ब्लॉकेज और इंफेक्शन पैदा भी कर सकता है. इसके कारण आपको बुखार और जॉन्डिस के लक्षण महसूस हो सकते हैं.
थकान-मूड स्विंग्स: गॉल ब्लैडर निकलवाने के बाद आपको लंबे समय तक थकान, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स महसूस हो सकते हैं. ये सब दवाओं के कारण और शरीर में खराब पाचन क्रियाओं के कारण हो सकता है. ऐसे में अपने डॉक्टर से पूछ कर अपनी डाइट सही करें.
पित्ताशय की सर्जरी के बाद ऐसी रखें डाइट
Healthline की रिपोर्ट के अनुसार, पित्ताशय हटाने की सर्जरी के बाद, आपके शरीर को बिना पित्त भंडारण प्रणाली के वसा को पचाने के लिए समय की आवश्यकता होती है. पित्ताशय आमतौर पर पाचन के दौरान पित्त रिलीज को नियंत्रित करता है, और इसके बिना, पित्त लगातार आंतों में बहता है. यदि भारी या चिकना खाद्य पदार्थ जल्दी खा लिए जाते हैं, तो इससे सूजन, दस्त या असुविधा हो सकती है. इसलिए ऐसी रखें अपनी डाइट-
प्रारंभिक चरण: तरल और हल्का आहार
पहले 24-48 घंटों के लिए, डॉक्टर अक्सर स्पष्ट तरल पदार्थ या नरम, हल्के खाद्य पदार्थ जैसे शोरबा, सादा चावल, मैश किए हुए आलू और दही का सेवन करने की सलाह देते हैं. इससे आपके पाचन तंत्र को ठीक होने का मौका मिलता है और जलन से बचा जा सकता है.
इसके बाद जैसे-जैसे आपका शरीर अनुकूल होता है, आप धीरे-धीरे अपने आहार में नियमित खाद्य पदार्थ जोड़ सकते हैं. शुरुआत में तले हुए, चिकने या मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि वे पचाने में कठिन होते हैं और दस्त या पेट में ऐंठन को ट्रिगर कर सकते हैं.
हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी का सेवन बढ़ाएं, खासकर क्योंकि कुछ लोग सर्जरी के बाद हल्के दस्त का अनुभव करते हैं. गाजर, पालक, सेब और बेरी जैसे फाइबर युक्त फल और सब्जियां जोड़ें. हालांकि, गोभी, ब्रोकोली और फूलगोभी जैसी गैस बनाने वाली सब्जियों को धीरे-धीरे पेश किया जाना चाहिए, ताकि सूजन से बचा जा सके.