पेट खराब होने पर आजमाएं ये 5 आयुर्वेदिक नुस्खे
सौंफ और मिश्री का काढ़ा – पेट खराब होने पर सौंफ और मिश्री का काढ़ा बनाकर पीना बेहद फायदेमंद हो सकता है. यह काढ़ा दस्त के साथ पेट दर्द, गैस और अपच की समस्या से राहत दिलाता है. इस काढ़े को बनाने के लिए एक चम्मच सौंफ और थोड़ी सी मिश्री एक कप पानी में डालकर 5-7 मिनट तक उबालें. इसे छानकर गुनगुना होने पर पिएं. यह काढ़ा न सिर्फ पेट को शांत करता है, बल्कि पाचन क्रिया को भी दुरुस्त करता है.
बेल का शरबत – बेल को आयुर्वेद में पेट की समस्याओं का रामबाण इलाज माना गया है. बेल का शरबत दस्त और पेचिश में अत्यंत लाभकारी होता है. यह शरबत आंतों को ठंडक पहुंचाकर मल को सामान्य बनाने में मदद करता है. अगर बेल का ताजा फल न हो, तो बाजार में मिलने वाले बेल शरबत का प्रयोग कर सकते हैं. बेल के औषधीय गुण बरसात में होने वाली पेट की गड़बड़ी से राहत दिला सकते हैं.
त्रिफला चूर्ण का उपयोग – त्रिफला एक आयुर्वेदिक चूर्ण है, जिसे हरड़, बहेड़ा और आंवला को मिलाकर बनाया जाता है. यह आयुर्वेद की प्रमुख औषधियों में से एक है. रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट साफ रहता है, पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट की गड़बड़ी जल्दी ठीक होती है. हालांकि दस्त होने पर त्रिफला लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें.
कब डॉक्टर से करें संपर्क?
डॉक्टर पीयूष माहेश्वरी ने बताया कि पेट खराब होने पर कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाए जा सकते हैं. इससे काफी राहत मिल सकती है. हालांकि अगर दस्त लगातार दो दिन से ज्यादा तक रहें और उसके साथ तेज बुखार, शौच करते वक्त खून आना या डिहाइड्रेशन की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. गंभीर स्थिति में घरेलू नुस्खे अपनाने के बजाय डॉक्टर से मिलकर ट्रीटमेंट कराना चाहिए.
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