अगर पेट हो जाए खराब, आयुर्वेदिक डॉक्टर के बताए 5 नुस्खे अपनाएं, तुरंत मिलेगी राहत, दवा से ज्यादा होगा असर !

Home Remedies for Diarrhea: बरसात के मौसम में पेट से जुड़ी परेशानियां बढ़ जाती हैं. इस मौसम में खाने-पीने को लेकर जरा सी लापरवाही करने से पेट खराब हो जाता है. पेट खराब होने पर लोगों को पेट में दर्द, दस्त और मरोड़ जैसी समस्याएं होने लगती हैं. अगर सही समय पर इसका ट्रीटमेंट न किया जाए, तो डिहाइड्रेशन, कमजोरी और पाचन संबंधी अन्य बीमारियां पैदा हो सकती हैं. आयुर्वेद के अनुसार पेट की समस्याएं शरीर में अग्नि यानी पाचन शक्ति के असंतुलन से होती हैं. आयुर्वेदिक डॉक्टर्स मानते हैं कि पेट खराब होने पर कुछ घरेलू नुस्खे बेहद कारगर हो सकते हैं. यूपी के अलीगढ़ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर और आयुर्वेदाचार्य डॉ. पीयूष माहेश्वरी से इस बारे में जरूरी बातें जान लेते हैं.

पेट खराब होने पर आजमाएं ये 5 आयुर्वेदिक नुस्खे

सौंफ और मिश्री का काढ़ा – पेट खराब होने पर सौंफ और मिश्री का काढ़ा बनाकर पीना बेहद फायदेमंद हो सकता है. यह काढ़ा दस्त के साथ पेट दर्द, गैस और अपच की समस्या से राहत दिलाता है. इस काढ़े को बनाने के लिए एक चम्मच सौंफ और थोड़ी सी मिश्री एक कप पानी में डालकर 5-7 मिनट तक उबालें. इसे छानकर गुनगुना होने पर पिएं. यह काढ़ा न सिर्फ पेट को शांत करता है, बल्कि पाचन क्रिया को भी दुरुस्त करता है.

शहद और अदरक का रस – पेट की गड़बड़ी खासकर मरोड़ और गैस से राहत दिलाने में अदरक असरदार होता है. अदरक के औषधीय गुण पेट की सूजन को कम करते हैं और कई समस्याओं से राहत दिलाते हैं. आधा चम्मच अदरक का रस लेकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें. यह कॉम्बिनेशन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है और पेट दर्द से राहत दिलाता है. पेट खराब होने पर अदरक का सेवन आयुर्वेद में औषधि समान माना गया है.

बेल का शरबत – बेल को आयुर्वेद में पेट की समस्याओं का रामबाण इलाज माना गया है. बेल का शरबत दस्त और पेचिश में अत्यंत लाभकारी होता है. यह शरबत आंतों को ठंडक पहुंचाकर मल को सामान्य बनाने में मदद करता है. अगर बेल का ताजा फल न हो, तो बाजार में मिलने वाले बेल शरबत का प्रयोग कर सकते हैं. बेल के औषधीय गुण बरसात में होने वाली पेट की गड़बड़ी से राहत दिला सकते हैं.

दही और अजवाइन – दही को पेट की सेहत के लिए रामबाण औषधि माना जाता है. दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं, जिससे पाचन क्रिया सुधरती है और पेट की गड़बड़ी ठीक हो जाती है. दस्त होने पर भी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट दही में अजवाइन मिलाकर खाने की सलाह देते हैं. आधा कटोरी ताजे दही में एक चुटकी भुना हुआ अजवाइन और काला नमक मिलाकर सेवन करें. यह नुस्खा पेट की जलन, गैस और डायरिया में बेहद कारगर है.

त्रिफला चूर्ण का उपयोग – त्रिफला एक आयुर्वेदिक चूर्ण है, जिसे हरड़, बहेड़ा और आंवला को मिलाकर बनाया जाता है. यह आयुर्वेद की प्रमुख औषधियों में से एक है. रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट साफ रहता है, पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट की गड़बड़ी जल्दी ठीक होती है. हालांकि दस्त होने पर त्रिफला लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें.

कब डॉक्टर से करें संपर्क?

डॉक्टर पीयूष माहेश्वरी ने बताया कि पेट खराब होने पर कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाए जा सकते हैं. इससे काफी राहत मिल सकती है. हालांकि अगर दस्त लगातार दो दिन से ज्यादा तक रहें और उसके साथ तेज बुखार, शौच करते वक्त खून आना या डिहाइड्रेशन की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. गंभीर स्थिति में घरेलू नुस्खे अपनाने के बजाय डॉक्टर से मिलकर ट्रीटमेंट कराना चाहिए.

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