गर्दन से पहचाने कि कितने खतरे में है आपका दिल, हार्ट से जुड़ी कोई भी बीमारी का चल जाएगा पता, मुसीबत से पहले ही मालूम करें अपनी फिटनेस

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गर्दन की मोटाई बढ़ना दिल की बीमारी और डायबिटीज का संकेत हो सकता है. Framingham Heart Study समेत रिसर्च में यह सीधा संबंध पाया गया है. समय रहते जांच और सतर्कता जरूरी है.

गर्दन से पहचाने कि कितने खतरे में है आपका दिल, ऐसे पता करें बीमारी
हम सभी अपने दिल की सेहत को लेकर चिंतित रहते हैं. अक्सर जब हार्ट अटैक या कोई गंभीर बीमारी सामने आती है, तब जाकर हम जांच करवाने या जीवनशैली सुधारने के बारे में सोचते हैं. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दिल की बीमारी का खतरा समझने के लिए कोई बड़ा टेस्ट जरूरी नहीं है, बल्कि शरीर का एक छोटा सा हिस्सा ही इस खतरे की जानकारी दे सकता है और वो है हमारी गर्दन. जी हां, आपकी गर्दन की मोटाई देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपका दिल कितना स्वस्थ है या फिर उसमें कोई समस्या पनप रही है.

शोध में पाया गया है कि जिन लोगों की गर्दन की परिधि Neck Circumference (NC) ज्यादा होती है, उनमें हृदय रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी ज्यादा होता है. जब गर्दन के आसपास फैट जमा हो जाता है, तो यह सिर्फ दिखने की बात नहीं है, बल्कि यह शरीर में फैट डिस्ट्रीब्यूशन का संकेत है. दरअसल, गर्दन का मोटा होना ऊपरी शरीर में फैट के असामान्य जमाव को दर्शाता है, जो ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसे जोखिम कारकों से जुड़ा हुआ है. ऐसे लोग आगे चलकर हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं.

कैसे करें गर्दन का टेस्ट?
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, गर्दन की मोटाई मापने का तरीका बहुत आसान है. एक सॉफ्ट टेप लें और उसे अपनी गर्दन के चारों ओर लपेटें, ठीक एडम्स एप्पल (गले के उभार) के नीचे. पुरुषों में यदि गर्दन की परिधि 17 इंच (लगभग 43 सेंटीमीटर) से ज्यादा है और महिलाओं में 14 इंच (लगभग 35 सेंटीमीटर) से ज्यादा है, तो यह खतरे का संकेत हो सकता है. ऐसे लोगों को नियमित रूप से अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए.

रिसर्च क्या कहती है?
अमेरिका और यूरोप में किए गए कई अध्ययनों ने यह साबित किया है कि गर्दन की मोटाई सीधे-सीधे दिल की सेहत से जुड़ी होती है. Framingham Heart Study जैसे शोध में पाया गया कि जिन लोगों की गर्दन मोटी होती है, उनमें एट्रियल फिब्रिलेशन (दिल की धड़कन अनियमित होना), ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है. वहीं, अन्य रिसर्च ने यह भी बताया है कि गर्दन की परिधि ज्यादा होने का मतलब है कि शरीर में मेटाबॉलिक सिंड्रोम विकसित हो रहा है—जो आगे चलकर डायबिटीज और हृदय रोग का कारण बनता है.

फिटनेस ट्रैकिंग का आसान तरीका
हर कोई जिम जाकर या महंगे मेडिकल टेस्ट करवाकर अपनी फिटनेस चेक नहीं कर पाता. ऐसे में गर्दन का यह साधारण टेस्ट आपको समय रहते चेतावनी दे सकता है. यदि आपको लगता है कि आपकी गर्दन की मोटाई लगातार बढ़ रही है, तो यह संकेत है कि आपके शरीर में फैट तेजी से जमा हो रहा है. इस स्थिति को कंट्रोल करने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद जरूरी है. गर्दन की मोटाई मापना एक छोटा-सा कदम है, लेकिन यह आपकी पूरी जिंदगी बचा सकता है. यह न सिर्फ आपकी फिटनेस की स्थिति बताता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आपको कब जीवनशैली बदलने की जरूरत है. इसलिए अगली बार जब आप आईने में देखें, तो सिर्फ चेहरे की खूबसूरती न देखें, बल्कि अपनी गर्दन पर भी गौर करें. क्योंकि यही गर्दन आपके दिल की हालत का राज खोल सकती है और आपको समय रहते खतरे से बचा सकती है.

Vividha Singh

विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें

विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें

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