हैदराबाद में है हजारों साल पुरानी चट्टान, ‘पत्थर दिल’ के नाम से है पहचान, पर्यटन का बन चुका है हब

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हैदराबाद की मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू युनिवर्सिटी में स्थित “पत्थर दिल” नामक चट्टान हजारों साल पुरानी है. दावा किया जाता है कि यह 2500 मिलियन वर्ष पुरानी है. यह चट्टान दिल जैसी बनावट के कारण प्रसिद्ध है और आईएनट…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • हैदराबाद में है 2500 मिलियन वर्ष पुराना चट्‌टान
  • ‘पत्थर दिल’ के नाम से इस चट्‌टान की बन चुकी है पहचान
  • गाचीबोवली स्थित यह विरासत स्थल नि:शुल्क घूम सकते हैं
हैदराबाद. तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद अपने हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर, तेज़ी से होते विकास और वैश्विक आईटी हब के रूप में अपनी पहचान के लिए दुनियाभर में मशहूर है. लेकिन इस शहर की खूबसूरती केवल उसकी ऊंची इमारतों और चमकते कॉरपोरेट टावरों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके गर्भ में छिपा एक प्राचीन इतिहास भी इसकी पहचान है. इसी इतिहास का एक बेशकीमती हिस्सा है “पत्थर दिल”, जो न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है. यहां हजारों साल पुरानी चट्टान को सहेज कर रखा गया है.

हैदराबाद के गाचीबोवली क्षेत्र में स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू युनिवर्सिटी के परिसर में मौजूद यह चट्टान विज्ञान की नज़र से अनमोल है. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (INTACH) हैदराबाद शाखा के अनुसार, यह चट्टान 2500 मिलियन वर्ष पुरानी है. यानी जब पृथ्वी पर जीवन का शुरुआती रूप भी विकसित नहीं हुआ था, तब यह चट्टान अस्तित्व में थी. इस चट्टान को “पत्थर दिल” नाम दिया गया है, और इसका नामकरण केवल वैज्ञानिक नहीं, बल्कि भावनात्मक कारणों से भी जुड़ा है.

क्यों कहा जाता है इसे ‘पत्थर दिल’?

एनटीएसीएचद्वारा संरक्षित इस चट्टान की बनावट देखने में मानव दिल जैसी लगती है. दूर से देखने पर यह प्राकृतिक हृदय की आकृति जैसा प्रतीत होता है. डॉ. एहसान खान, जो युनिवर्सिटी से जुड़े विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि यह दिलनुमा चट्टान न केवल भूविज्ञानियों के लिए, बल्कि प्रेमी युगलों और रोमांटिक पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुकी है. इसकी अनोखी बनावट और ऐतिहासिकता इसे ‘प्राकृतिक प्रेम प्रतीक’ बना देती है. इस चट्टान के महत्व को देखते हुए, मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू युनिवर्सिटी को इसे संरक्षित करने के लिए 2017 में हेरिटेज डिपार्टमेंट द्वारा सम्मानित भी किया गया था. अब यह संरक्षित विरासत बन चुकी है और इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता. इसकी नियमित देखरेख और संरक्षण का कार्य हेरिटेज संस्था द्वारा किया जाता है.

हैदराबाद का यह “पत्थर दिल” केवल एक चट्टान नहीं, बल्कि प्रकृति, प्रेम और प्राचीनता का प्रतीक है. यह स्थान पर्यावरण, भूविज्ञान और सांस्कृतिक पर्यटन में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है. यदि इसे पर्यटन स्थल के रूप में और बेहतर ढंग से विकसित किया जाए, तो यह हैदराबाद की ऐतिहासिक पहचान और सांस्कृतिक पर्यटन को एक नया आयाम दे सकता है. यह चमत्कारी चट्टान गाचीबोवली स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू युनिवर्सिटी की एक पहाड़ी पर स्थित है. यहां आने के लिए बस, ऑटो या निजी वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है. इस स्थान पर घूमने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता, लेकिन चूंकि यह युनिवर्सिटी परिसर के भीतर है, इसलिए कैंपस सिक्योरिटी से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है.

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हैदराबाद में है हजारों साल पुरानी चट्टान, ऐसे नाम पड़ा ‘पत्थर दिल’

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