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नाजिया बीवी के पति को लकवा मार गया और वह बिस्तर पर पड़ गए. इस वजह से कारोबार भी ठप पड़ गया. लेकिन नाजिया की मेहनत और जज्बे ने कारोबार को एक नई दिशा दी और आज उनको लखपति दीदी कहा जाता है.
दरअसल, नाजिया बीबी पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के पनेरीबंध की रहने वाली हैं. उनका परिवार पीढ़ियों से कबाड़ के व्यवसाय से जुड़ा रहा है. लेकिन आठ साल पहले अचानक हालात बदल गए. नाजिया के पति को लकवा मार गया और वह पूरी तरह से बिस्तर पर पड़ गए. इलाज में जमा पूंजी खत्म हो गई और कारोबार भी ठप पड़ गया. ऐसे मुश्किल समय में नाजिया ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने घर की चौखट लांघी और स्वयं सहायता समूह से लोन लेकर कबाड़ के काम को फिर से शुरू किया.
नाजिया बीबी ने लोकल 18 को बताया कि इस व्यवसाय को शुरू करते ही कई तरह की चुनौतियां आईं, लेकिन उन्होंने दृढ़ संकल्प और मेहनत से इनका सामना किया. धीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया और उन्होंने अपने नेटवर्क का विस्तार किया. उनका कारोबार पलामू तक सीमित नहीं है. उनका कबाड़ का व्यवसाय दिल्ली, कानपुर और कोलकाता जैसे बड़े शहरों तक फैल चुका है. उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें लखपति बना दिया है.
एसएजी से जुड़ने के बाद बदल गए हालात
उन्होंने आगे कहा कि जब वो स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और लोन लेकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया तो उनके हालात बदल गए. नाजिया बीबी को झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया था. जहां से वो अब तक 3 लाख रुपए से अधिक लोन ले चुकी हैं. जिससे उनके व्यवसाय में इतना सहयोग मिला कि आज वो 1.5 लाख रुपए तक महीने में आय करती हैं.
जेएसएलपीएस के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, चैनपुर वैभव कांत आदर्श ने लोकल 18 को बताया कि जब उनकी हालत बिगड़ी तो वो प्रखंड कार्यालय में सहयोग के लिए पहुंची. जिसके बाद उन्हें समूह के माध्यम से लोन दिया गया. शुरुआत में उन्हें छोटा लोन दिया गया. जिसके बाद उन्होंने कारोबार की शुरुआत की थी. आज हर महीने 1.5 लाख से भी अधिक का कारोबार हो रहा है. बता दें कि नाजिया बीबी झारखंड सरकार की लखपति दीदी की सूची में भी शामिल हैं.
कानपुर और दिल्ली तक फैला व्यवसाय
नाजिया बीबी ने बताया कि वह 20-20 रुपये स्वयं सहायता समूह में जमा करती थीं. बाद में उन्होंने स्वयं सहायता समूह से लोन लिया और अपने कबाड़ का कारोबार शुरू किया था. उन्होंने कहा कि कई लोग उनके पास अपना कबाड़ बेचने आते हैं. प्लास्टिक के कबाड़ को वह कोलकाता, दिल्ली, कानपुर समेत कई राज्यों में भेजती हैं.
with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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