Share Market: भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी बीते लगातार छह हफ्तों से नकारात्मक प्रदर्शन कर रहे हैं. अब सभी की नजर आने वाले हफ्ते में शेयर बाजार में होने वाले कारोबार पर टिकी हुई है. शुक्रवार, 8 अगस्त को पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन दोनों प्रमुख सूचकांकों में लगभग 1 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई थी. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी क्रमश: 1.3 परसेंट और लगभग 2 परसेंट की गिरावट देखी गई थी.
बीते दिनों शेयर बाजार में आई गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का लगाया गया टैरिफ है. ट्रंप ने अमेरिका में भारतीय सामानों के आयात पर 50 परसेंट टैरिफ लगाया है. इतना ही नहीं, ट्रंप का भारत के प्रति लगातार आक्रामक होता रूख सबसे बड़ी चिंता की बात है. इसका असर आने वाले हफ्ते के दौरान शेयर बाजार पर देखने को मिलेगा. इसके अलावा, महंगाई को लेकर आंकड़े और शेयरों की बिकवाली भी बाजार की दिशा तय करने में मददगार साबित होंगी.
आइए उन 5 अहम फैक्टर्स की बात करते हैं, जिनका असर अगले हफ्ते शेयर बाजार पर दिख सकता है.
टैरिफ पर अब आगे क्या?
ट्रंप ने भारतीय सामानों के आयात पर 50 परसेंट का भारी-भरकम टैरिफ लगाया है. साथ ही कहा है कि भारत के साथ अमेरिका की व्यापार वार्ता तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि मौजूदा टैरिफ विवाद का समाधान नहीं हो जाता. ट्रंप का यही अप्रत्याशित और आक्रामक रुख भारतीय शेयर बाजार के लिए गंभीर चिंता का विषय है. कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि मौजूदा टैरिफ भारत के मौजूदा जीडीपी ग्रोथ को 1 परसेंट तक कम कर देगा. भारत पर टैरिफ बांग्लादेश, वियतनाम और चीन जैसे दूसरे एशियाई देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच जल्दी बातचीत शुरू होगी और भारत के लिए सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे और आखिरकार टैरिफ 15-25 परसेंट तक पहुंच जाएगा. इस पर निवेशकों की कड़ी नजर रहेगी.
भारत और अमेरिका में महंगाई के आंकड़े
आने वाले सप्ताह में भारत और अमेरिका के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े पर निवेशकों की पैनी नजर रहेगी. भारत और अमेरिका मंगलवार, 12 अगस्त को अपने जुलाई CPI मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करेंगे. भारत के जुलाई WPI मुद्रास्फीति के आंकड़े गुरुवार को जारी होंगे. उम्मीद जताई जा रही है जुलाई में भारत में महंगाई पिछले महीने के 2.10 परसेंट से घटकर 1.8 परसेंट रह जाएगी. वहीं, अमेरिकी CPI जून के 2.7 परसेंट के मुकाबले जुलाई में 2.8 परसेंट रह सकता है.
वित्त वर्ष 2026 में भारत में महंगाई सामान्य बने रहने की उम्मीद है. अगस्त की MPC की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2026 के लिए CPI मुद्रास्फीति के अपने पूर्वानुमान को पहले के 3.7 परसेंट से घटाकर 3.1 परसेंट कर दिया है. हालांकि, आशंका जताई जा रही है कि ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी कहीं अमेरिका में महंगाई न बढ़ा दे. इससे ग्रोथ की रफ्तार कम होगी, जिससे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी की स्थिति पैदा हो सकती है. महंगाई बढ़ेगी, तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं और कम हो जाएंगी, जो भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए ठीक नहीं रहेगा.
ट्रंप और पुतिन की मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार, 15 अगस्त को अलास्का में मिलेंगे. इसकी दुनियाभर में चर्चा हो रही है. हो सकता है कि इससे यूक्रेन में रूसी हमलों का सिलसिला थम जाए. क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि बैठक के दौरान दोनों यूक्रेन के मुद्दे पर शांतिपूर्ण समाधान के विकल्पों पर चर्चा करेंगे.
एफपीआई का कैसा रहेगा रूख?
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) जुलाई से लगातार भारतीय शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं. जुलाई के महीने में एफपीआई ने कैश सेगमेंट में 47,666.68 करोड़ के भारतीय शेयर बेचे, जबकि अगस्त में अब तक उन्होंने 14,018.87 करोड़ के भारतीय शेयर बेचे हैं. हालांकि, शुक्रवार, 8 अगस्त को कैश सेगमेंट में 1,932.81 करोड़ के भारतीय शेयर खरीदे भी गए. आने वाले समय में एफपीआई का रूख क्या रहता है इस पर भी बाजार की चाल काफी हद तक निर्भर करेगी.
पहली तिमाही के कमजोर नतीजे
इस हफ्ते भी कुछ बड़ी कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे आने वाले हैं, जिस पर निवेशकों का फोकस रहेगा. बीएसई के अनुसार, आने वाले हफ्ते में 2,000 से ज्यादा कंपनियां अपनी जून तिमाही के नतीजे घोषित करेंगी. इनमें बजाज कंज्यूमर केयर, अशोक लीलैंड, ओएनजीसी, आईओसी, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, बीपीसीएल और हिंदुस्तान कॉपर जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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