साइबर लिटरेसी- इनकम टैक्स विभाग के नाम से फर्जी ई-मेल: रिफंड के नाम पर हो रहा साइबर फ्रॉड, कैसे पहचानें ई-मेल असली है या नकली

1 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह

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ITR फाइलिंग का समय है और इसी का फायदा उठाकर साइबर ठग एक्टिव हो गए हैं। वे ‘इनकम टैक्स रिफंड मैनुअल वेरिफिकेशन स्कैम’ के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम पर फर्जी ईमेल भेज रहे हैं, जिनमें लिखा होता है कि ‘आपका टैक्स रिफंड प्रोसेस हो रहा है, लेकिन इसके लिए मैनुअल वेरिफिकेशन जरूरी है।’

इस मेल के साथ एक लिंक अटैच होता है। जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करते हैं, आपकी पर्सनल जानकारी खतरे में पड़ जाती है। PIB ने ऐसे ईमेल को फेक बताया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

तो चलिए, साइबर लिटरेसी के इस कॉलम में आज बात करेंगे कि इनकम टैक्स रिफंड स्कैम क्या है?

  • इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें?

एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस

सवाल- इनकम टैक्स रिफंड मैनुअल वेरिफिकेशन स्कैम क्या है?

जवाब- यह ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक तरीका है। इसमें साइबर ठग लोगों को इनकम टैक्स विभाग की फेक ईमेल बनाकर मेल भेजते हैं। मेल में लिखा होता है कि ‘आपका टैक्स रिफंड आना है, लेकिन पहले मैनुअल वेरिफिकेशन करना जरूरी है।’ इस बहाने वे लिंक भेजते हैं और बैंक डिटेल, पैन नंबर, पासवर्ड जैसी निजी जानकारी मांगते हैं। इसका मकसद आपकी जानकारी चुराकर पैसे निकालना या पहचान का गलत इस्तेमाल करना होता है।

सवाल- असली और फेक इनकम टैक्स रिफंड ईमेल की पहचान कैसे कर सकते हैं?

जवाब- साइबर ठग ऐसे फेक ईमेल तैयार करते हैं, जो देखने में बिल्कुल असली लगते हैं। इसके लिए वे इनकम टैक्स विभाग के असली ईमेल जैसा ही फॉर्मेट, लोगो और भाषा कॉपी करते हैं, लेकिन मेल एड्रेस में हल्का सा बदलाव (जैसे एक-दो अक्षरों का हेरफेर) कर देते हैं। इनका असली मकसद आपको भरोसे में लेकर आपकी पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी चुराना होता है।

सवाल- इनकम टैक्स रिफंड की सही और भरोसेमंद जानकारी कहां से लें?

जवाब- इनकम टैक्स रिफंड से जुड़ी असली जानकारी केवल आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट, एप या नोटिफिकेशन से ही लें। रिफंड की स्थिति जानने या अपडेट पाने के लिए किसी थर्ड पार्टी लिंक, संदिग्ध वेबसाइट या ईमेल पर भरोसा न करें।

नीचे दिए ग्राफिक में देखिए कि इनकम टैक्स रिफंड चेक करने का सिक्योर तरीका क्या है।

सवाल- अगर ईमेल में लिखा हो कि ‘रिफंड के लिए अभी लिंक पर क्लिक करें, नहीं तो रिफंड रुक जाएगा’ तो क्या करें?

जवाब- यह तरीका डराकर जल्दी फैसला लेने पर मजबूर करने के लिए होता है। असली आयकर विभाग कभी इस तरह का दबाव नहीं डालता और न ही लिंक पर तुरंत क्लिक करने को कहता है। ऐसे मेल को अनदेखा करें और लिंक पर क्लिक न करें, साथ ही अपनी निजी या बैंक जानकारी बिल्कुल न दें।

सवाल- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम पर कोई ईमेल मिले तो क्या करें?

जवाब- साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि ऐसे ईमेल को सबसे पहले जांचें। अगर मेल में कोई संदिग्ध लिंक या अजीब जानकारी हो तो तुरंत सतर्क हो जाएं और उस पर क्लिक न करें। इसके बाद ये स्टैप्स फॉलो करें। जैसेकि-

  • अगर संदिग्ध ईमेल मिलता है तो उसकी शिकायत करने के लिए आप https://incometaxindia.gov.in/pages/report-phishing.aspx इस आधिकारिक लिंक पर जाएं। यहां आप ईमेल फॉरवर्ड करके संबंधित जानकारी जमा कर सकते हैं।
  • लिंक या अटैचमेंट्स पर क्लिक न करें और ईमेल को तुरंत डिलीट कर दें।
  • www.cybercrime.gov.in पर जाकर भी इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं।

इससे आप खुद को और दूसरों को भी साइबर ठगी से बचा सकते हैं।

सवाल- फिशिंग और स्कैम ईमेल से खुद को सुरक्षित कैसे रखें?

जवाब- किसी अनजान लिंक या फाइल पर क्लिक न करें। ईमेल भेजने वाले का पता ध्यान से देखें। सरकारी मेल हमेशा @gov.in से आते हैं। पासवर्ड, OTP या बैंक की जानकारी कभी ईमेल या SMS पर न दें।

सवाल- इनकम टैक्स विभाग कौन-सी जानकारी ईमेल से नहीं मांगता और असली प्रक्रिया कैसी होती है?

जवाब- असली इनकम टैक्स विभाग कभी भी ईमेल, कॉल या SMS के जरिए आपसे पासवर्ड, OTP, बैंक अकाउंट नंबर, डेबिट/क्रेडिट कार्ड डिटेल या आधार नंबर जैसी निजी जानकारी नहीं मांगता है। असली प्रक्रिया में विभाग रिफंड या टैक्स से जुड़ी जानकारी सिर्फ अपनी आधिकारिक वेबसाइट, एप या रजिस्टर्ड पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद ही देता है। सभी अपडेट सिक्योर लॉगिन के बाद मिलते हैं।

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