100 साल से ज्यादा कैसे जिएं? 101 साल के इस डॉक्टर ने बताए 7 लाइफस्टाइल सीक्रेट

100 वर्षों से अधिक जीना और वो भी हेल्दी, इंडिपेंडेंट और एक्टिव रहकर, यह कैसे पॉसिबल है? 101 वर्षीय फिजीशियन और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. जॉन शारफेनबर्ग के पास शायद इसका जवाब है. वॉर्स, पैनडेमिक्स और चेंजिंग हेल्थ ट्रेंड्स से भरी अपनी लाइफ में डॉ. शारफ़ेनबर्ग ने लॉन्गविटी के लिए अपने अप्रोच को सात कंसिस्टेंट लाइफस्टाइल हैबिट्स में ढाला है. उनकी फिलॉसफी जेनेटिक्स या किसी सनक पर बेस्ड नहीं है, बल्कि डेली, सोच-समझकर किए गए चॉइसेस पर फोकस्ड है. 

101 साल के डॉक्टर ने बताए टिप्स

इन्हें उन्होंने दशकों से फॉलो किया है और अब दुनियाभर के लोगों के साथ शेयर करते हैं. 1923 में चाइना में बोर्न और हार्वर्ड से एजुकेटेड डॉ. शारफेनबर्ग ने अपनी ज्यादातर लाइफ पब्लिक हेल्थ और न्यूट्रिशन की स्टडी करते हुए बिताई है. वो वर्तमान में कैलिफोर्निया में रहते हैं, अपनी कार ड्राइव करते हैं, इंटरनेशनली लेक्चर देते हैं और “वीवा लॉन्गविटी” नाम से एक यूट्यूब चैनल भी रन करते हैं. यहां वे लॉन्ग और हेल्दी लाइफ के अपने सीक्रेट्स शेयर करते हैं. 

  • तंबाकू को ‘ना’ कहें: डॉ. शारफ़ेनबर्ग ने हमेशा धूम्रपान से दूरी बनाए रखी, जिसे वे मौत का एक बड़ा रोके जाने वाला कारण मानते हैं.
  • शराब को ‘जीरो’ करें: उन्होंने कभी शराब का सेवन नहीं किया, क्योंकि यह कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ाती है.
  • जिम से बाहर एक्सरसाइज: उनकी फिटनेस का तरीका गार्डनिंग और आउटडोर वर्क रहा है. खासकर 40-70 की उम्र में सक्रिय रहना महत्वपूर्ण है.
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग: स्वस्थ वज़न और मेटाबॉलिज्म के लिए वे सिर्फ नाश्ता और दोपहर का भोजन करते हैं, रात का खाना छोड़ देते हैं.
  • आजीवन शाकाहार: 20 साल की उम्र से ही वे प्लांट-बेस्ड डाइट (डेयरी और अंडे सहित, पर मीट नहीं) फॉलो कर रहे हैं.
  • शुगर को मेहमान मानें: वह अतिरिक्त चीनी के बजाय फलों और प्राकृतिक विकल्पों को प्राथमिकता देते हैं, जो मोटापे और हृदय रोग से बचाता है.
  • सैचुरेटेड फैट कम करें: उनके आहार में सैचुरेटेड फैट कम होता है, जो हृदय रोग को रोकने में मदद करता है.

डॉ. शारफेनबर्ग की कहानी एक रिमाइंडर है कि स्वस्थ बुढ़ापे के लिए किसी भी तरह की एक्सट्रीम डाइट या महंगे ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती. उनका 101 साल का लंबा जीवन कंसिस्टेंसी, मॉडरेशन और उन बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित है, जिनका उन्होंने समय के साथ पालन किया.

उनके तरीके, जैसे रात का खाना छोड़ना या अपने बगीचे की देखभाल करना, हमें व्यावहारिक सीख देते हैं कि कैसे छोटे और लगातार बदलाव हमारी हेल्थ पर बड़ा पॉजिटिव इम्पैक्ट डाल सकते हैं. डॉ. शारफेनबर्ग भाग्य को नहीं, बल्कि अनुशासन और सादगी को अपनी लंबी उम्र का श्रेय देते हैं.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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