बिना डांटे-मारे बच्चों को अनुशासन में कैसे रखें? काम आएंगे ये 5 पैरेंटिंग टिप्स, बदल जाएगा बच्चे का स्वभाव!

Best Ways to Discipline Kids: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा होशियार और अनुशासित हो. लेकिन, कुछ बच्चे अपने जिद्दी स्वाभाव के चलते अनुशासन नहीं मानते हैं. सैकड़ों बार समझाने के बाद भी बच्चे जब समझते तो पैरेंट्स परेशान होने लगते हैं. ऐसी स्थिति में माता-पिता बच्चों को मारना-पीटना शुरू कर देते हैं. लेकिन, आपको बात दें कि, बच्चों को डांट-डपट या सख्त सजा देकर अनुशासित किया जाना ठीक नहीं है. अगर सही तरीके से अनुशासन सिखाने से बच्चे न सिर्फ जिम्मेदार बनते हैं, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है. अगर आप प्यार, धैर्य और समझदारी से बच्चों को सही राह दिखाएंगे तो वे आपकी हर बात को समझेंगे और मानेंगे. अब सवाल है कि आखिर बिना डांटे-मारे बच्चे को अनुशासन में कैसे रखें? आइए जानते हैं इन पैरेंटिंग टिप्स के बारे में-

बच्चे को अनुशासित बनाने के कारगर उपाय

अच्छे काम पर बच्चे की तारीफ करें

जब बच्चा कोई अच्छा काम करता है, जैसे समय पर होमवर्क करना, किसी की मदद करना या झूठ ना बोलना, तो उसकी तारीफ जरूर करें. ‘तुमने काम बहुत अच्छा किया’, ‘मुझे तुम पर गर्व है’; जैसे छोटे-छोटे शब्द बच्चों के मन पर गहरा असर डालते हैं. पेरेंटिंग एक्सपर्ट श्वेता कहती हैं कि बच्चे वही व्यवहार दोहराते हैं, जिससे उन्हें प्यार और सराहना मिलती है. इसलिए जब बच्चा कुछ भी अच्छा काम करे तो उसे इग्नोर ना करें, बल्कि तुरंत पॉजिटिव अटेंशन दें.

जबरदस्ती नहीं, बच्चे को समझने का मौका दें

बच्चों को किसी चीज को खुद समझने का मौका दें. उदाहरण के लिए, अगर बाहर ठंड है और बच्चा स्वेटर नहीं पहनना चाहता, तो जबरदस्ती करने की बजाय प्यार से कहें ‘बाहर काफी ठंड है, अब तुम खुद तय करो कि स्वेटर पहनना है या नहीं’. इससे बच्चे खुद निर्णय लेना सीखते हैं और जिम्मेदारी भी समझते हैं. इस तरह बच्चे अपने फैसलों से सीखते हैं, जो उनके फ्यूचर के लिए बेहद जरूरी है.

सजा देने की बजाय समझदार तरीका अपनाएं

शरारती बच्चे को समझदार बनाने के लिए स्मार्ट तरीका अपनाना चाहिए. इसलिए बच्चे को उसकी गलती का असर महसूस कराएं. जैसे, अगर वो खिलौने नहीं समेटता, तो अगले दिन उसे खिलौने कम खेलने दें. इससे उसे अहसास होगा कि गड़बड़ करने से क्या होता है.

‘रीडायरेक्शन’ से बच्चों का ध्यान बदलें

अगर आपका बच्चा कोई शरारत कर रहा है या गुस्सा दिखा रहा है, तो उसे डांटने के बजाय उसका ध्यान किसी और क्रिएटिव एक्टिविटी की ओर मोड़ें. आप उसे ड्राइंग, पेंटिंग या ब्लॉक खेलने का ऑप्शन दे सकते हैं. इससे बच्चे का व्यवहार बदलता है और वह धीरे-धीरे बेहतर विकल्प चुनना सीखता है.

पास बिठाकर प्यार से उनसे बात करें

जब बच्चा बार-बार गलत व्यवहार करे, तो उसे अकेले छोड़ने के बजाय उसके इमोशंस को समझने की कोशिश करें. जब आपका बच्चा, आपके मन करने के बावजूद बार-बार गलत व्यवहार करे, तो उसे डांटने के बजाय उसके इस बिहेवियर के पीछे की वजह को समझने की कोशिश करें. ऐसी सिचुएशन में बच्चों को अपने पास बिठाकर प्यार से उनसे बात करें. इससे बच्चा अपने इमोशंस को समझेगा और साथ ही आपको भी एक सपोर्टिव पेरेंट के रूप में देखेगा.

क्लियर और कंसिस्टेंट बाउंड्रीज सेट करें

बच्चों के लिए क्लियर और कंसिस्टेंट बाउंड्रीज सेट करना बहुत जरूरी है. उदाहरण के लिए अगर एक दिन आप बच्चे को चॉकलेट खाने से मना करते हैं और अगले दिन खुद ही दे देते हैं, तो इससे बच्चा कन्फ्यूज हो जाएगा. इसलिए बच्चों के लिए जो भी बाउंड्री सेट करें उसे हमेशा फॉलो करें. बच्चे को साफ-साफ पता होना चाहिए कि कौन से नियम हैं और उन नियमों को हर बार फॉलो करना है. इसी आदत से बच्चों में डिसिप्लिन आता है.

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