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How Many Steps To Walk Daily: लैंसेट की एक नई स्टडी के अनुसार प्रतिदिन 7000 स्टेप्स चलने से मौत, हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है. अगर 10 हजार स्टेप्स चल सकते ह…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- रोज 7000 कदम चलने से हार्ट डिजीज का खतरा कम हो सकता है.
- 7000 कदम चलने से मौत का खतरा 47% तक कम हो सकता है.
- 10,000 कदम चलना अच्छा है, लेकिन 7000 कदम भी पर्याप्त हैं.
नई रिसर्च करने वाले एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से 10000 स्टेप्स कंप्लीट कर रहा है, तो यह अच्छी बात है. हालांकि 7000 स्टेप्स का टारगेट लोगों के लिए ज्यादा रियलिस्टिक और अचीवेबल हो सकता है. प्रतिदिन 7000 स्टेप्स चलना मौत के खतरे और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए पर्याप्त हो सकता है. यह स्टडी 57 रिसर्च पर आधारित है, जिसमें 1.60 लाख से ज्यादा वयस्कों को शामिल किया गया था. इस स्टडी से पता चलता है कि थोड़ा बहुत स्टेप्स चलने से भी सेहत में सुधार हो सकता है. इसलिए जितना ज्यादा हो सके, दिनभर में चलने की कोशिश करें.
स्टडी की मानें तो रोज 7000 स्टेप्स से ज्यादा चलने से सेहत को ज्यादा फायदा होता है. खासतौर से ज्यादा चलने से हार्ट हेल्थ में सुधार आता है और हार्ट डिजीज का खतरा कम हो सकता है. शोधकर्ताओं की मानें तो 7000 कदम प्रतिदिन चलना आम लोगों के लिए 10000 स्टेप्स के लक्ष्य से कहीं ज्यादा वास्तविक और असरदार हो सकता है. इतना ही नहीं, अगर आप रोज 4000 कदम भी चलेंगे, तो यह भी 200 कदम चलने की तुलना में ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. कुल मिलाकर आप जितना ज्यादा चलेंगे, बीमारियों का खतरा उतना कम हो जाएगा.
यह स्टडी ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस के रिसर्चर्स की एक टीम ने की है. इसमें एक्सपर्ट्स ने साल 2014 से लेकर 2025 के शुरुआत तक प्रकाशित आंकड़ों की समीक्षा की. इस दौरान 31 अध्ययनों को मेटा-विश्लेषण में शामिल किया गया. कदमों की संख्या को डिवाइस का यूज करके रिकॉर्ड किया गया था. हालांकि रिसर्चर्स ने यह नोट किया कि स्टडी में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और सभी कारणों से मौत कम होने के पुख्ता सबूत थे, जबकि कैंसर और डिमेंशिया जैसे परिणामों के लिए कम प्रमाण उपलब्ध थे, क्योंकि इन पर अध्ययन भी कम थे.
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें