शादी के कितने समय बाद हो जाना चाहिए बच्चा? कब मिलता है इनफर्टिलिटी का संकेत, डॉक्टर से जानें सबकुछ

Infertility Causes and Prevention: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में शादी के कई साल बाद तक बच्चा न होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है. पहले यह समस्या ज्यादा उम्र वाले कपल्स में होती थी, लेकिन अब 25–30 साल की उम्र के युवा कपल्स भी इससे जूझ रहे हैं. इसका कारण सिर्फ शरीर से जुड़ी समस्याएं नहीं हैं, बल्कि बदलती लाइफस्टाइल, अत्यधिक तनाव, गलत खानपान और देर से फैमिली प्लानिंग जैसी आदतें भी हैं. भारत जैसे देश में इनफर्टिलिटी की स्थिति कई बार मानसिक तनाव, शर्म और सामाजिक दबाव का कारण बन जाती है. यही वजह है कि कई कपल्स समय रहते डॉक्टर से मदद नहीं लेते और समस्या गंभीर हो जाती है.

अक्सर लोगों का सवाल होता है कि शादी के कितने समय बाद बच्चा होना सामान्य माना जाता है. अगर लाख कोशिश करने के बाद भी प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं हो रही है, तो क्या करें? इसके साथ ही कब इस समस्या को लेकर डॉक्टर से मिलना चाहिए? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो आजकल कपल्स के मन में घूमते रहते हैं. हालांकि इन सबसे ज्यादा जरूरी सवाल यह है कि क्यों आजकल के युवाओं में इनफर्टिलिटी बढ़ रही है और इसे समय रहते कैसे रोका जा सकता है. इन सभी सवालों के जवाब चंडीगढ़ के जिंदल आईवीएफ सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. शीतल जिंदल से जानने की कोशिश करते हैं.

शादी के कितने समय बाद बच्चा होना सही माना जाता है?

एक्सपर्ट की मानें तो इसका कोई तय नियम नहीं है कि शादी के कितने साल बाद बच्चा होना चाहिए. यह पूरी तरह पति-पत्नी की मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तैयारी पर निर्भर करता है. अगर महिला की उम्र 35 साल से कम है, तो कपल्स को एक साल तक बिना किसी ट्रीटमेंट के नेचुरल तरीके से कोशिश करनी चाहिए. अगर एक साल बाद भी प्रेग्नेंट न हो, तो किसी फर्टिलिटी डॉक्टर से मिलना चाहिए. अगर समय पर बच्चा न हो रहा हो, तो जांच जरूर करानी चाहिए. उम्र बढ़ने पर महिलाओं की फर्टिलिटी धीरे-धीरे कम होने लगती है. इसलिए सही समय पर फैसला लेना बहुत जरूरी होता है.

बार-बार कोशिश के बावजूद प्रेग्नेंसी न हो, तो क्या करें?

डॉक्टर के मुताबिक अगर एक साल तक नियमित संबंध बनाने के बावजूद भी प्रेग्नेंसी नहीं हो रही है, तो देरी करने के बजाय फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से सलाह लेनी चाहिए. सबसे पहले दोनों पार्टनर की जांच जरूरी होती है, जिसमें महिला के हार्मोन की जांच और पुरुष का सीमन एनालिसिस शामिल होता है. इसके अलावा अल्ट्रासाउंड या HSG जैसे टेस्ट से पता चलता है कि महिला की फॉलोपियन ट्यूब खुली हैं या नहीं. अगर समय पर जांच हो जाए, तो कम एग रिजर्व, पुरुष की फर्टिलिटी समस्या या एंडोमेट्रियोसिस जैसी दिक्कतें जल्दी पकड़ में आ जाती हैं और उनका इलाज आसान हो जाता है. जरूरत पड़ने पर आईवीएफ जैसी तकनीकों का सहारा लेते हैं.

कपल्स को डॉक्टर से कब मिलना चाहिए और कितनी जल्दी?

अगर पति-पत्नी एक साल तक बिना किसी प्रोटेक्शन के प्रेग्नेंसी कंसीव करने की कोशिश कर रहे हैं और फिर भी प्रेग्नेंसी नहीं हो रही, तो उन्हें डॉक्टर से मिलना चाहिए. अगर महिला की उम्र 35 साल से ज्यादा है, तो 6 महीने तक कोशिश के बाद भी गर्भ न ठहरे, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. अगर महिला को पहले से कोई हेल्थ प्रॉब्लम है जैसे पीरियड्स अनियमित होना, थायरॉइड की दिक्कत, बार-बार गर्भपात होना या बच्चेदानी से जुड़ी कोई सर्जरी हुई हो, तो ऐसे मामलों में और भी जल्दी डॉक्टर से मिलना चाहिए. समय पर डॉक्टर से मिलने से इलाज जल्दी शुरू होता है और प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ते हैं. साथ ही मन का तनाव भी कम होता है.

युवा कपल्स में इनफर्टिलिटी की समस्या क्यों बढ़ रही है?

आजकल के कई युवा कपल्स को बच्चे पैदा करने में परेशानी हो रही है. इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें मुख्य रूप से लाइफस्टाइल और पर्यावरण का असर शामिल है. तनाव भी कपल्स की फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचा रहा है. गलत खानपान जैसे- जंक फूड, ज्यादा मीठा या तला-भुना खाना शरीर को नुकसान पहुंचाता है. फिजिकल एक्टिविटी की कमी से वजन बढ़ता है और हार्मोन गड़बड़ाते हैं. इसके अलावा नींद की कमी और देर रात तक जागने से फर्टिलिटी बर्बाद होती है. प्रदूषण और केमिकल्स से संपर्क आना और बढ़ते प्रदूषण का असर भी प्रजनन क्षमता पर होता है. इसके कई मेडिकल कारण भी होते हैं. PCOS, कम स्पर्म काउंट और थायरॉइड की समस्या या हार्मोनल गड़बड़ी से भी फर्टिलिटी खराब होती है. आजकल 20–30 साल की उम्र के कपल्स में भी ये समस्याएं देखने को मिल रही हैं.

इनफर्टिलिटी की समस्या को कैसे रोका जा सकता है?

इनफर्टिलिटी की समस्या से बचने के कई उपाय हैं. इसके लिए नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं, वजन कंट्रोल में रखें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें, तनाव को कम करें और योग करें. बच्चा प्लान करने में जरूरत से ज्यादा देरी न करें. अगर किसी कारणवश बच्चा प्लान करने में देरी करनी हो, तो एग फ्रीजिंग जैसे फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है. समय रहते अगर ध्यान दिया जाए, तो बहुत सी फर्टिलिटी की समस्याओं को रोका जा सकता है.

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