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Roasted Chana Health Benefits: भुना चना जिसे गरीबों का बादाम कहा जाता है क्योंकि सस्ते दाम में यह शरीर को ताकत, प्रोटीन और ऊर्जा देने वाला सुपरफूड है. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. ऐजल पटेल के मुताबिक इसमें मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और सर्दियों में जोड़ों के दर्द से राहत देते हैं. जानिए कैसे ये छोटा सा चना आपका वजन नियंत्रित करता है और डायबिटीज को भी कंट्रोल कर सकता है.
भुना चना शरीर के लिए सस्ती और असरदार प्रोटीन सप्लाई करने वाला सुपरफूड है. इसे खाने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और कमजोर शरीर में ताकत बनती है. खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो जिम जाते हैं. दिनभर मेहनत वाले काम करते हैं. इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर में टूटे हुए ऊतकों की मरम्मत करता है. नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है. बाजार में यह 120 से 160 रुपये किलो की साधारण कीमत पर आसानी से मिल जाता है, इसलिए इसे हर आम आदमी अपनी डाइट में शामिल कर सकता है.

बागेश्वर के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. ऐजल पटेल ने लोकल 18 को बताया कि भुने चने में कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नेशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. नियमित सेवन करने से जोड़ों की जकड़न और दर्द में राहत मिलती है. खासकर बुजुर्गों और सर्दियों में जिन लोगों को घुटनों में दर्द की समस्या रहती है, उनके लिए यह बहुत लाभकारी माना जाता है. यह शरीर में सूजन को कम करता है. लिगामेंट तथा मसल्स को मजबूती देता है. इसलिए इसे नेचुरल बोन टॉनिक भी कहा जाता है.

भुना चना फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन क्रिया को मजबूत करता है. इसे खाने से पेट देर तक भरा महसूस होता है, जिससे अनावश्यक स्नैकिंग की जरूरत नहीं पड़ती. इससे मोटापा नियंत्रित रहता है और गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं में सुधार आता है. फाइबर आंतों की साफ-सफाई में प्राकृतिक तरीके से मदद करता है. जिससे पाचन तंत्र संतुलित रहता है. जिन लोगों का पेट जल्दी खराब होता है, उन्हें भुने चने को धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए.

डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए भुना चना काफी फायदेमंद होता है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. जिससे यह शरीर में शुगर लेवल को अचानक बढ़ने नहीं देता. इसमें मौजूद फाइबर धीरे-धीरे ऊर्जा रिलीज करता है. जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है. डॉक्टर भी मधुमेह रोगियों को इसे नाश्ते में शामिल करने की सलाह देते हैं. अगर इसे बिना गुड़ और चीनी के खाया जाए, तो यह शुगर कंट्रोल में और भी ज्यादा असरदार साबित होता है.

सर्दियों में भुना चना खाने की सलाह खासतौर पर दी जाती है, क्योंकि यह शरीर को प्राकृतिक गर्मी देता है. यह शरीर में अंदरूनी ऊर्जा बढ़ाता है, जिससे ठंड के मौसम में कमजोरी और सुस्ती कम होती है. पहाड़ी इलाकों में इसे अक्सर दूध, गुड़ या घी के साथ भी खाया जाता है. जिससे इसकी पौष्टिकता और बढ़ जाती है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे मौसमी बीमारियों से बचाव होता है.

अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो भुना चना आपके लिए एक परफेक्ट स्नैक है. इसमें कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है. जिससे यह पेट को देर तक भरा रखता है और भूख को नियंत्रित करता है. इससे ओवरईटिंग की समस्या दूर होती है. इसे शाम के नाश्ते में या दो भोजन के बीच खाया जा सकता है. जिन्हे भूख ज्यादा लगती है, वे थोड़ी मात्रा में इसे लगातार शामिल करें, इससे मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है और वजन प्राकृतिक रूप से घटने लगता है.

पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों में भुने चने को गरीबों का बादाम कहा जाता है, क्योंकि कम दाम में यह बादाम जैसे ही पोषक लाभ देता है. पुराने समय में मजदूर लोग इसे अपनी ऊर्जा बनाए रखने के लिए साथ रखते थे. न कोई फ्रिज की जरूरत, न पकाने की सरल और पौष्टिक. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र के लोग इसे आराम से खा सकते हैं. यह शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है, और कमजोरी दूर करता है.

भुना चना सुबह खाली पेट या शाम के हल्के नाश्ते में खाया जाए तो सबसे अधिक लाभ मिलता है. स्वाद और पोषकता बढ़ाने के लिए इसके साथ थोड़ी मात्रा में गुड़ या शहद लिया जा सकता है. ध्यान रहे कि इसे अधिक मात्रा में न खाएं, नहीं तो गैस की समस्या हो सकती है. दिन में 50 से 60 ग्राम भुना चना पर्याप्त माना जाता है. नियमित रूप से सेवन करने पर धीरे-धीरे शरीर में मजबूती और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है.